परम पूजनीय साहेब को साष्टांग दंडवत! आप उधर
बिहार में हवा बना रहे हैं, इधर दिल्ली में हवा
खराब हो रही है। बिहार के लिए अमित शाह की एक फूंक ही काफी थी। लेकिन फिर आप वहां
डटे हुए हैं और अपनी चालीस रैलियों से इतनी हवा बना चुके हैं कि आपकी ही पार्टी के
पांव उखड़ने लगे हैं। शत्रु भईया तो इस हवा में उड़ते-उड़ते सीधे दिल्ली के न्यूज़
चैनल में जाकर गिरे हैं और कह रहे हैं कि अब इलेक्शन के बाद ही बिहार लौटूंगा। इधर
दिल्ली से गोमाता आपको रंभा-रंभाकर पुकार रही हैं। उनकी जान को खतरा है। लगभग पूरे
देश में गोरक्षा का कानून है, फिर भी जान को खतरा है।
आखिर कौन हैं वे
आततायी जो दूध खत्म होने के बाद माता को घर से निकाल रहे हैं या विधर्मियों के
हाथों कटने के लिए बेच रहे हैं? गोवंश की रक्षा पर
आपकी क्या नीति है? मत कहिएगा कि रक्षा दल काम कर रहे हैं।
गोरक्षक और भक्षक दोनों एक-दूसरे को जगह-जगह काट रहे हैं और जेड प्लस में बैठे
आपके नेता ऐश काट रहे हैं। नेताओं से सुरक्षा हटाइए और उन्हे गायों की सुरक्षा मे
लगाइये। गोवध अपराध है और गोभक्षण उससे भी बड़ा अपराध है। बहुत से लोग अपनी गायों
को पॉलीथीन खिलाकर मार डालते हैं, लेकिन उनका भक्षण नहीं
करते, इसलिए मरने के बाद वैकुंठ लोक जाते हैं और वही गाय
उन्हें बैतरणी भी पार करा देती हैं।
लेकिन भक्षण
करने वाले महापापी होते हैं। ऐसे लोगों को जीवित रहने का भी कोई अधिकार नहीं है।
लेकिन गोभक्षक बड़े नीच होते हैं। ऐसे खा जाते हैं गायों को कि नामो-निशान तक नहीं
मिलता। दादरी में भी यही हुआ और केरल भवन में भी कुछ ऐसा ही हुआ। मुझे लगता है कि
गोभक्षण के दोषियों के ना पकड़े जाने के लिए आपकी दोषपूर्ण नीतियां जिम्मेदार हैं।
अपराधी बहुत चालाक होता है, फौरन सबूत नष्ट कर
देता है। केरल भवन में भी गोभक्षक पापियों ने सबूत मिटा दिया होगा, ताकि उनके फ्रिज तो क्या शरीर तक में गोमांस का अंश ना मिले। गोभक्षण से
जुड़े मामलों की जांच के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की देख-रेख में एक टास्क
फोर्स बनाना चाहिए। टास्क फोर्स जहां कहीं भी छापा मारे तो सबसे पहले जाकर देखे कि
सबूत नष्ट करने के लिए फ्लश तो नहीं चलाया गया है। अगर फ्लश चला दिया गया हो तब भी
सीवर लाइनो को ब्लॉक करके सबूत ढूंढे जा सकते हैं। बरामद सबूत का भक्षण के आरोपी
के डीएनए से मिलान करके उसका अभियोग साबित किया जा सकता है।
मेरे हिसाब से
मृत्युदंड उचित है, लेकिन मैं जानता हूं
कि आप भावुक हैं, बात-बात पर रो पड़ते हैं, इसलिए फांसी आप कबूल नहीं कर पाएंगे। इसलिए आजीवन कारावास ही ठीक रहेगा।
टास्क फोर्स का उत्साह बढ़ाने के लिए शुरू में गृह-मंत्री या संस्कृति मंत्री को स्वयं
इन छापो का नेतृत्व करना चाहिए, जिस तरह आप फ्रंट से लीड
करते हैं, उसी तरह आपके मंत्री भी करें। एक बात और भारत का
गाय टूरिज्म पूरी दुनिया में बहुत पॉपुलर हो रहा है। आपके बराक भाई के देश में लोग
तक तालियां बजा-बजाकर भारत में हो रहे है इस सबसे बड़े रियलिटी शो का आनंद लूट रहे
हैं। इस शो आगे कहा तक ले जाना है यह आपके पार्टी और परिवार का फैसला है, लेकिन हो सके तो इसे बंद करवा दीजिए, बहुत बेइज्जती
हो रही है। इस तरह तो कल को हमे पूरी दुनिया बछड़ा समझेगी।
आप आजकल बिहार
में हैं। भोजपुरी, मगही और मैथिली
धारा-प्रवाह बोल रहे हैं। आपके लिए बिहारी हिंदी में एक कहावत, उम्मीद है आप इसका मतलब समझ पाएंगे...राजाजी का गाय न हुआ बाय हो गया...