इस वर्ष विश्व के अशांत क्षेत्रों, खासकर मेक्सिको और पाकिस्तान के हिंसाग्रस्त इलाकों में घटनाओं को कवर करने गए 100 से अधिक पत्रकार मारे गए।
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार जेनेवा के एक गैर सरकारी संगठन प्रेस एम्ब्लेम कैम्पेन (पीईसी) ने सोमवार को कहा है कि 33 देशों में 105 पत्रकार मारे गए।
पीईसी का कहना है कि मेक्सिको और पाकिस्तान में क्रमश: 14-14 यानी कुल 28 पत्रकार मारे गए। मेक्सिको में पत्रकार मादक पदार्थो को लेकर जारी युद्ध तथा पाकिस्तान में सीमा क्षेत्र में छिड़ी लड़ाई को कवर करने गए थे।
पीईसी ने कहा है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पत्रकारों की हुई कुल मौतों में कमी आई है। 2009 में कुल 122 पत्रकारों की मौत हुई थी। इस मामले में पिछले पांच वर्षो के आकड़े को देखें तो पत्रकारों की मौत में कमी का पता चलता है। इस अवधि में कुल 529 पत्रकार मारे गए।
पीईसी के महासचिव ब्लाइज लेम्पेन ने कहा है कि पत्रकारों के विरुद्ध हिंसा 'एक महामारी की तरह है, जिसका कोई इलाज नहीं है।'
मेक्सिको और पाकिस्तान के बाद पत्रकारों के लिए इस वर्ष सबसे खतरनाक जगह क्रमश: होंडुरास रही जहां नौ पत्रकार मारे गए। इराक में आठ, फिलीपींस में छह, रूस में पांच और कोलंबिया में चार की मौत हुई।
इसके अलावा सोमालिया, इंडोनेशिया और नेपाल में तीन-तीन पत्रकार मारे गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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