
आर एस एस-बीजेपी की राजनीति चलाने वालों के लिए भारी मुश्किल पेश आ रही है .आम तौर पर टेलिविज़न की बहसों में विपक्षी को दौंदिया लेने की कला के सहारे राजनीति चला रहे बीजेपी वाले मुश्किल में हैं . भ्रटाचार और अपराध के पैमाने पर उनका ग्राफ इतना ऊंचा है कि कांग्रेस बहुत पिछड़ गयी है . आमतौर पर अपनी पार्टी को बाकी पार्टियों से पवित्र बताने की आदत वाली संघी बिरादरी मुसीबत में है. कामनवेल्थ के घोटालों के ज़रिये कांग्रेस को घेरने की शुरुआती कोशिश अब पता नहीं कहाँ चली गयी.जब कामनवेल्थ का घोटाला सामने आया था तो बीजेपी के प्रवक्ता गण टूट पड़े थे और ऐसा हउफा बाँधा था कि लगता था कि कांग्रेस भारत की सबसे भ्रष्ट जमात है लेकिन थोड़े दिनों में ही खेल बदल गया . जब शुरुआती छापों में ही बीजेपी के बड़े नेता लपेट में आने लगे तो पता चला कि कामनवेल्थ की लूट में बीजेपी वाले भी पूरी तरह से शामिल हैं . अब बीजेपी कामनवेल्थ का नाम नहीं लेती. सी ए जी की जांच में घोटालों के राजा , तत्कालीन संचार मंत्री ए. राजा का नाम आने के बाद बीजेपी को अच्छा शिकार हाथ लगा था लेकिन यह कपिल सिब्बल टूट पड़ा . उसने पता नहीं क्या खेल शुरू किया कि अब २००१ से दूरसंचार विभाग के घोटालों की जांच होगी. वह भी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में यानी अब बीजेपी के नेता स्वर्गीय प्रमोद महाजन के कारनामों की भी जांच होगी. उस जांच में पता नहीं क्या क्या गुल खिल सकते हैं. इस सिब्बल का क्या भरोसा ? कहीं यह सिब्बल यह भी न कह दे कि भाई जेल में रह रहे ,हरियाणा पुलिस के आई जी, आर के शर्मा की संचार घोटाले में संलिप्तता की जांच भी करवा ली जाए . अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी के लिए बहुत मुश्किल खडी हो जायेगी .क्योंकि दिल्ली के सत्ता के गलियारों में झाडू लगाने वाला भी जानता है कि स्व प्रमोद जी ने भ्रष्टाचार को जिन ऊंचाइयों पर पंहुचाया था, वहां तक तो कांग्रेस के अरुण नेहरू भी नहीं पंहुचा पाए थे.संचार घोटाले की जांच में लगभग तय है कि कांग्रेसी विदेश संचार निगम लिमिटेड की बिक्री की बात को ज़रूर ला देगें जिसमें १२०० करोड़ में उस सरकारी कंपनी को बेच दिया गया था जिसकी मुंबई की एक बिल्डिंग की कीमत ही १२०० करोड़ रूपयेसे बहुत ज्यादा थी. दिल्ली में उस कंपनी की इतनी संपत्ति है कि वह कई हज़ार करोड़ की होगी. यानी संचार का घोटाला भी ऐसा हथियार है कि अगर कांग्रेसी लोग उसकी जांच तबियत से करा देगें तो अपने सारे भ्रष्टाचार के बावजूद वे बहुत ही पाक-साफ़ नज़र आयेगें क्योंकि इस पिच पर भी बीजेपी के भ्रष्टाचार के सामने कांग्रेसी बिलकुल बौने साबित होगें. तुर्रा यह कि यह कांग्रेसी अभिषेक मनु सिंघवी और जयन्ती नटराजन ऐसी बातें करते हैं कि बीजेपी को परेशानी हो जाती है . जब भ्रष्टाचार की बात आती है तो यह लोग पता नहीं क्यों कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदुरप्पा का नाम लेने लगते हैं .यह माना कि येदुरप्पा जी भ्रष्ट हैं लेकिन अगर बीजेपी उनको हटा देगी तो दक्षिण में पार्टी ही ख़त्म हो जायेगी.इन कांग्रेसियों को कौन बताये कि बीजेपी आलाकमान ने येदुरप्पा को हटाने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने खुद कह दिया था कि हिम्मत हो तो हटाओ . उस दिन बीजेपी के एक बड़े नेता ने ईमानदारी से कह दिया था कि ईमानदारी के नाम पर पार्टी इतनी बड़ी बेवकूफी नहीं कर सकती कि कर्नाटक से बीजेपी को ही ख़त्म कर दे. बीजेपी की मुश्किल कांग्रेस ने और बढ़ा दिया जब उन्होंने येदुरप्पा के आर्थिक भ्रष्टाचार से बहुत छोटे भ्रष्टाचार में शामिल होने की आशंका के बाद अपने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को चलता कर दिया .कांग्रेस की गैरज़िम्मेदार हरकतों का बीजेपी के बड़े नेता बहुत बुरा मान रहे हैं. अब पता चला है कि कांग्रेसी उन मामलों को भी उठा रहे हैं जिनमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी लिप्त हैं . सारी दुनिया जानती है कि नरेंद्र मोदी ने २००२ में अपने राज्य में उन मुसलमानों को सबक सिखा दिया था जो हिन्दूराष्ट्र के रास्ते में रोड़ा बनना चाहते थे. उनके ऊपर तरह तरह के आरोप लग रहे हैं . मीडिया का एक बड़ा सेक्शन नरेंद्र मोदी की महानताओं से भरा पड़ा है लेकिन बीजेपी के लोग कहते हैं कि जब तक उनके ऊपर अपराध साबित न हो जाएँ तब तक वे बने रहेगें. इस बात में दम इस लिए है कि अभी बीजेपी यह इम्प्रेशन दे रही है कि जब अपराध साबित हो जाएगा तो वह मोदी को हटा देगी. . इस मुगालते के बने रहने से पार्टी की मजबूती का अहसास होता है हालांकि सच्चाई यह है कि दिल्ली में रहने वाले बीजेपी के किसी नेता की हैसियत नहीं है कि वह नरेंद्र मोदी की शान में गुस्ताखी कर सके क्योंकि पार्टी का हर नेता मोदी से कमज़ोर है.

शेष नारायण सिंह वरिष्ठ पत्रकार है. इतिहास के वैज्ञानिक विश्लेषण के एक्सपर्ट. सामाजिक मुद्दों के साथ राजनीति को जनोन्मुखी बनाने का प्रयास करते हैं. उन्हें पढ़ते हुए नए पत्रकार बहुत कुछ सीख सकते हैं. संपर्क sheshji@yahoo.com
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