समझौता एक्सप्रेस, हैदराबाद की मक्का मस्जिद, अजमेर की दरगाह और मालेगांव। डेढ़ साल के भीतर चार जगह हुए धमाकों में 94 बेगुनाह लोग मारे गए और 237 जख्मी हुए। अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानि एनआईए ने खुलासा किया है कि इन चारों धमाकों के पीछे एक ही चेहरा है और वो है इंद्रेश कुमार। वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की उस प्रतिनिधि सभा के सदस्य हैं जो संघ के सारे अहम फैसले लेती है।
एक हिन्दी समाचार चैनल आईबीएन-7 ने एनआईए की एक रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि एनआईए ने समझौता ब्लास्ट मामले में स्वामी असीमानंद सहित 5 लोगों के खिलाफ कुछ रोज पहले दाखिल चार्जशीट में इंद्रेश कुमार का नाम आरोपियों की लिस्ट में नहीं डाला था लेकिन पंचकुला की अदालत में 12 सौ पन्नों की नई चार्जशीट में कहा गया है कि हिंदू संगठनों ने ही समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट किया था। चार्जशीट में असीमानंद के अलावा सुनील जोशी, संदीप डांगे, रामजी कलसांगरा और अश्विनी चौहान के नाम हैं।
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि इंद्रेश कुमार अक्षरधाम मंदिर, जम्मू के रघुनाथ मंदिर और वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में हुए आतंकी हमलों से बेहद दुखी थे और वो इनका बदला लेना चाहते थे। असीमानंद और सुनील जोशी ने जब इन धमाकों का बदला लेने की बात कही तो इंद्रेश कुमार ने ही असीमानंद को 'बम का बदला बम' से लेने के लिए उकसाया। इंद्रेश कुमार ही वो शख्स है जिनके कहने पर कई प्रचारक और कार्यकर्ता इस पूरी साजिश में शामिल हुए।
चैनल का दावा है कि एनआईए ने जो सबूत इकट्ठा किये हैं वे सबूत हैं टेलीफोन की बातचीत, इंद्रेश कुमार की धमाकों के सिलसिले में हुई बैठकों की जानकारी व कई महत्वपूर्ण दस्तावेज। माना जा रहा है कि इन सबूतों की बिनाह पर एनआईए जल्द ही संघ के पदाधिकारी इंद्रेश कुमार को गिरफ्तार कर सकती है।
इसी बदले के लिए अक्टूबर 2005 में गुजरात के शबरीधाम में इन धमाकों को अंजाम देने के लिए एक मीटिंग रखी गई। एनआईए के मुताबिक इस बैठक में सुनील जोशी और असीमानंद के साथ इंद्रेश कुमार भी मौजूद थे। इसी मीटिंग में इंद्रेश कुमार ने धमाकों को अंजाम देने के लिए सारी फंडिंग करने की बात कही। इसके बाद साजिश को अंजाम देने के लिए सुनील जोशी और भरत भाई इंद्रेश कुमार और असीमानंद के कहने पर यूपी और झारखंड निकल गए ताकि लोगों को इकट्ठा किया जा सके। जैसे ही पूरी तैयारी कर ली गई मई 2006 में ये दोनों नागपुर गए जहां फिर आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने इस साजिश को अमलीजामा पहनाने के लिए इन्हें 50 हजार रुपए दिए।
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