करप्शन के खिलाफ जन चेतना रथ यात्रा निकाल रहे आडवाणी और उनकी
पार्टी बीजेपी फिलहाल असमंजस की हालत मे आ गये। साउथ में पहली बार बीजेपी की सरकार
बनाने वाले कर्नाटक की पूर्व मुख्यमंत्री खुद ही करप्शन के चक्कर में जेल जा पहुंचे
हैं। जमीन घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस येदियुरप्पा शनिवार को गिरफ्तार
कर लिए गए। अदालत ने उनको 22 अक्टूबर तक हिरासत में भेजा है। आडवाणी की रथ यात्रा के
दौरान ही येदुरप्पा की जेल यात्रा से कर्नाटक में ही नहीं देशभर में बीजेपी को एक बड़ा
झटका लगा है। लोकायुक्त अदालत ने सरकारी जमीन को गैर-अधिसूचित करने के दौरान अनियमितता
बरतने के मामले में बी.एस.येदयुरप्पा की जमानत अर्जी खारिज करते हुए गिरफ्तारी वॉरंट
जारी कर दिया था। अदालत ने येदियुरप्पा के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे एस.एन कृष्णैया
शेट्टी को भी जमानत देने से इंकार कर दिया था, लेकिन येदुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र और बीवाई विजयेंद्र और दामाद सोहन
कुमार सहित 14 दूसरे आरोपियों को राहत दी है। खचाखच भरी अदालत में आदेश सुनाते हुए
न्यायाधीश एनके सुधींद्र राव ने पांच लाख रुपये की जमानत राशि जमानत पर छोड़े गए लोगों
में से हर एक को निर्देश जारी किया कि वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करें साथ ही देश
छोड़कर न जाएं। पहले तो येदियुरप्पा स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अदालत में आए ही
नहीं , लेकिन उनके बेटे और दामाद अदालत में मौजूद रहे। जमीन को
गैर अधिसूचित करने में अनियमितता का आरोप लगाने वाली शिकायतें अधिवक्ता सिराजिन बाशा
ने दर्ज कराई थीं। गिरफ्तारी वॉरंट जारी होने के बाद लोकायुक्त के डीएसपी येदयुरप्पा
के घर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंचे लेकिन वो वहां नहीं मिले और पुलिस को खाली हाथ लौटना
पड़ा। इसके कुछ ही देर बाद येदयुरप्पा ने सरेंडर कर दिया। येदयुरप्पा के वकील रवि बी.
नाइक ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री लोकायुक्त अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती
देंगे । अदालत का आदेश बीजेपी और येदयुरप्पा के लिए परेशान करने वाला है। जिसके बाद
येदयुरप्पा प्रदेश के मुख्यमंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने अपने मंत्रिमंडल के सहकर्मियों
के साथ विचार-विमर्श किया। अवैध खनन पर लोकायुक्त रिपोर्ट में येदयुरप्पा का नाम आने
के बाद जुलाई में पार्टी के नेतृत्व ने उनसे जबरन मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा लिया
था।
लोकायुक्त अदालत ने येदयुरप्पा और दूसरे लोगों की जमानत याचिका पर फैसला सुनाने
के लिए 3 अक्टूबर की तारीख तय की थी, लेकिन बाद में उसने हाई
कोर्ट द्वारा उसकी कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद इसे स्थगित कर दिया था।
30 सितंबर को हाईकोर्ट की एकल बेंच ने येदयुरप्पा की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई
करते हुए लोकायुक्त अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी थी। हालांकि,4 अक्टूबर को हाईकोर्ट के दो जजों की बेंच ने रोक हटा दी थी। जिसके बाद लोकायुक्त
अदालत की कार्यवाही का रास्ता साफ हो गया था। दरअस्ल बीजेपी के साउथ में पहली बार सरकार
बनवाने वाले येदुरप्पा शुरु से ही विवादों में रहे हैं। कभी अपनी महिला मित्र शोभा
करंजले की चर्चाओं में तो कभी करप्शन में। उनका अब जेल जाना ये साबित करता है कि पूत
के पांव तो पालने में ही नज़र आ जाते हैं।
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