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मुख्यमंत्री को अपनी
भांजियो से इतना
प्यार है कि
उन्हाने कन्यादान जैसी योजनाओ
का क्रियान्वयन करते
समय देश के
संविधान की धज्जिया
उड़ा दी जो
कहता हैं ’किसी
भी व्यक्ति का
दान या व्रिकय
नही किया जा
सकता‘। इसके
अतिरिक्त मंगल दिवस,
गोदभराई और लाड़ली
लक्ष्मी योजना जैसी कई
योजनाओं को लागू
करके भाजपा सरकार
ने अपने संघी
आकाओ को खुश
करने और सरकारी
तन्त्र का भगवाकरण
करने मे कोई
कसर नही छोड़ी
।
भाजपा की सरकार
और भगवा विचारधारा
वाले संगठन लड़कियो
को या तो
पैर की जूती
समझते हैं या
देवी समझकर उनकी
पूजा करते हैं
दोनो ही स्थिति
में इनकी भगवा
विचारधारा महिलाओ को इंसान
नही समझती और
उन्हे प्रताड़ित करती
हैं। पिछले दिनो
भोपाल मे संघी
दलालो द्वारा ऐसे
ही सांमती फरमान
जारी किये गये
जिसमे कहा गया
की लड़कियां जींस
पहनकर मंदिरो मे
प्रवेश न करें।
इससे हिन्दू संस्कृति
दूषित हो रही
है। कई स्थानो
पर भगवा ब्रिगेड
द्वारा प्रेमी युगलो की
पिटाई की गई
जिस पर प्रायः
पुलिस भी चुप्पी
साधी रही। धर्म
और संस्कृति के
आधार पर भगवा
विचारधारा वाले संगठन
समय समय पर
औरतों पर अत्याचार
करते आए हैं।
मध्यप्रदेश के अतिरिक्त
जहॉ भी भाजपा
की सरकार है
वहा महिलाओ पर
सामंती और पितृसत्तात्मक
हमलो मे तेजी
आई है।
पिछले वर्षो में बैगलोर
के डिस्को और
पबो पर हमला
कर इन लोगो
ने महिलाओ को
नैतिकता का पाठ
पढ़ाने का प्रयास
किया क्योंकि इन
पढ़ी लिखी और
स्वतंत्र आचरण वाली
महिलाओ से पितृसत्तात्मक
समाज को कड़ी
चुनौति मिल सकती
है इसलिए इन
पर हमले लगातार
बढ़ते जा रहे
हैं ।
वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश
में घरेलु हिंसा
के मामलों में
भी स्थिति गंभीर
है। वर्ष 2010 में
3756 महिलाऐं घरेलू हिंसा का
शिकार हुई अर्थात
प्रदेश में हर
दिन 10 महिलाओं को उनके
रिष्तेदारों द्वारा प्रताड़ित किया
जा रहा है।
मध्यप्रदेश सरकार की लाड़ली
लक्ष्मी योजना और कन्यादान
जैसी योजना के
चलते समाज में
दहेज की मांग
बढ़ी है साथ
ही प्रदेश में
दहेज हत्या के
प्रकरणों में वृद्धि
हुई है। वर्ष
2003 में 648 दहेज हत्या
हुई वहीं ये
ऑकड़ा 2010 में बढ़कर
892 तक पहुंच गया अर्थात
हर दिन तीन
महिलाओं की दहेज
के लिये हत्या
की गई।
यह सर्वविदित है कि
विकास के लिए
महिलाओं को भी
वही दर्जा दिया
जाए जो पुरूष
को इस समाज
में प्राप्त है
लेकिन सरकार द्वारा
संचालित सभी योजनाएं
हिन्दुत्व का प्रचार
एवं हिन्दुओ का
तुष्टिकरण मात्र है पिछले
आठ वर्षो में
भाजपा के शासन
काल के दौरान
प्रदेश में सरकारी
तंत्र का भगवाकरण
और फासीवादी आक्रमणों
के चलते जनवादी
ताकते कमजोर हुई
है इस कारण
प्रदेश की भाजपा
सरकार ने महिलाओं
को दोयम दर्जे
पर लाकर खड़ा
कर दिया है।
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