Friday, November 05, 2010

संविधान की ऐसी की तैसी, करते गुंडे व्यभिचारी

मुंबई में आदर्श हाउसिंग घोटाले में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर, एन. सी. विज और नौसेना के पूर्व अध्यक्ष एडमिरल माधवेंद्र सिंह ने भी अपने वेतन में हेर-फेर कर फ्लैट प्राप्त किये थे। अब सवाल यह उठता है कि देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिनके कन्धों के ऊपर है। उनके कंधे इतने कमजोर हें कि एक फ्लैट के लालच में इन लोगों ने नौसेना की भूमि को हाउसिंग सोसाइटी के नाम होने दिया और बाद में 31 मंजिला ईमारत में फ्लैट प्राप्त किये। जब हमारे अधिकारीगण, सेनानायक, राजनेता इतने कमजोर और लालची प्रवित्ति के हैं तो इनसे हम आप क्या उम्मीद कर सकते हैं। जब आज यह अधिकारी पूर्व सैन्य अधिकारी अपराधिक गतिविधियों में फसनें लगे हैं। तब बचने के लिए कह रहे हैं कि हम अपने फ्लैट वापस कर देंगे।

इस देश को खतरा विदेशी ताकतों से कम देशी ताकतों से ज्यादा है। अभी तक यह इतिहास बताता है कि हमारी चाटुकारिता और भ्रष्टाचारी आचरण के कारण हम काफी दिनों तक गुलाम बने रहे और हमें अब आर्थिक तरीके से गुलाम बनाया जा रहा है। इस सम्बन्ध में जमील शास्त्री की दो लाइनें सामायिक हैं -

संविधान की ऐसी की तैसी, करते गुंडे व्यभिचारी,

कर रहे कलंकित रक्षक पद, राठौर सरीखे अधिकारी॥




लो क सं घ र्ष !

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