Sunday, February 06, 2011

वर्ल्ड कप में 43 दिन में होगा 3915 करोड़ का कारोबार



कप टूर्नामेंट सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, दौलत का भी महाकुंभ बन गया है। भारतीय उपमहाद्वीप पर 19 फरवरी से शुरू हो रहे इस महाआयोजन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) अपनी देख-रेख में मनोरंजन का तड़का लगाकर पेश करने की तैयारी में है। 43 दिन के इस आयोजन में 3915 करोड़ रुपये का कारोबार होने का मोटा अनुमान है।

1992 वर्ल्ड कप से ही क्रिकेट में बिजनेस की भूमिका अहम हो गई है। वर्ष 2011 क्रिकेट से होने वाली कमाई के लिहाज से हाल में सबसे अहम साल है। पहले वर्ल्ड कप और उसके बाद फटाफट क्रिकेट के सबसे बड़े कुंभ आईपीएल का चौथा संस्करण। मनोरंजन इंडस्ट्री के आंकड़ों पर नजर डालें तो क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान कुल 3915 करोड़ रुपए का कारोबार होने की उम्‍मीद है जो अब तक आयोजित किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट के लिए सबसे ज्यादा है।

कैसे होगा 3915 करोड़ रुपए का कारोबार

इस टूर्नामेंट में टीवी राइट्स और स्पॉन्‍सरशिप के जरिए आईसीसी 1500 करोड़ रुपए की कमाई करने वाली है। टिकट ब्रिकी के जरिए 100 करोड़ रुपए तो ट्रेवल एंड हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री 500 करोड़ रुपए का कारोबार करेगी। वहीं टीवी विज्ञापनों पर कुल 600 करोड़ रुपए खर्चे जाने की उम्मीद है। स्टेडियमों के नवीनीकरण पर कुल 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं जबकि खिलाड़ियों के पुरस्कार और मैच फीस के लिए कुल 45 करोड़ रुपए खर्चे जाएंगे। ग्रांउड मार्केटिंग में 120 करोड़ रुपए का कारोबार होना है और क्रिकेट मर्केंडाइज से कुल 50 करोड़ की कमाई की उम्मीद है।

आईसीसी करेगी सबसे मोटी कमाई

दुनिया भर में क्रिकेट पर निगरानी रखने वाली सर्वोच्च इकाई आईसीसी की कमाई का मुख्य जरिया प्रसारण अधिकार और स्पॉन्‍सरशिप है। आईसीसी कुल 10 कंपनियों से 2015 तक का स्पांसरशिप करार पहले ही कर चुकी है। इस स्पॉन्‍सरशिप के तहत इन कंपनियों को स्टेडियम के अंदर भी विज्ञापन करने की जगह मिलेगी। इन सारे डील की कीमत 10 मिलियन डॉलर से लेकर 100 मिलियन डॉलर के बीच है। वहीं 2006 में आईसीसी ने ईएसपीएन-स्टार स्पोर्ट्स से 9 सालों के लिए 1.1 बिलियन डॉलर का करार किया था। इंडस्ट्री जानकारों की मानें तो आईसीसी को अकेले इन दोनों समझौते के जरिए 1500 करोड़ रुपए की कमाई की उम्‍मीद है। हालांकि इन आंकड़ों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

10 सेकेंड के विज्ञापन के लिए 3.5 लाख रुपये

वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट का फायदा उठाने का मौका कोई भी कंपनी चूकना नहीं चाहती। इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि जहां 2010 में कंपनियों ने अपने मार्केटिंग बजट का 6-8 फीसदी हिस्सा क्रिकेट पर खर्च किया था। वहीं 2011 में यह आंकड़ा बढ़कर 10-12 फीसदी होने की उम्‍मीद है। अब पेप्सी की बात करें तो आईसीसी इवेंट की टाइटल स्पॉन्‍सर होने के साथ ही इस कंपनी ने ईएसपीएन-स्टार स्पोर्ट्स के साथ भी करार किया है। इसका मतलब यह नहीं है कि वर्ल्ड कप के दौरान स्टार स्पोर्ट्स के विज्ञापन स्पॉट सस्ते हैं। जानकारों के मुताबिक कंपनियों को 10 सेकेंड के विज्ञापन के लिए 3.5 लाख रुपए की ऊंची कीमत चुकानी पड़ रही है। इसके बावजूद जनवरी में ही टीवी चैनल के 70 फीसदी विज्ञापन स्पॉट बिक चुके हैं।

स्टेडियमों पर खर्च हो रहे 1000 करोड़

भारतीय उपमहाद्वीप में होने वाले वर्ल्ड कप के मद्देनजर स्टेडियम में आने वाले दर्शकों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए इनके नवीनीकरण पर जोर दिया गया है। अकेले भारत में ही स्टेडियम नवीनीकरण में कुल 750 करोड़ रुपए खर्चे जा रहे हैं। नवीनीकरण के लिए चेन्नई के चेपक स्टेडियम में 180 करोड़, मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 250 करोड़, नई दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में 100 करोड़ और कोलकाता के ईडन गार्डन में 60 करोड़ रुपए लगाए गए हैं। वहीं नागपुर में एक नए स्टेडियम के निर्माण के लिए कुल 100 करोड़ रुपए खर्चे गए हैं। इसके एवज में क्रिकेट स्टेडियमों का संचालन करने वाले राज्य क्रिकेट संघों को हर आयोजित मैच के लिए आईसीसी 3.3 करोड़ रुपए अदा करेगी। 

तो आप महामुकाबले के रोमांच के लिए तैयार होईए और इससे जुड़े सभी महारथियों को मुनाफा काटने दीजिए।

http://www.bhaskar.com/article/SPO-total-of-3915-crore-rupee-at-stake-in-world-cup-2011-1822003.html?HT1=

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