Monday, November 15, 2010

धर्मनिरपेक्ष जंग है बाबरीमस्जिद पुनर्निर्माण--जगदीश्‍वर चतुर्वेदी

6-December-1992
तुझ से महरूमी का ग़म सदयौं रूलाए गा मगर
अपने दीवानों को जीने का हुन्र देकर गयी !!!
संघ परिवार और उसके संगठन ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद के विध्वंस के लिए जिम्मेदार हैं। इस विध्वंस के लिए उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। बाबरी मस्जिद को गिराकर उन्होंने अपराध किया था । उन्होंने एक ऐतिहासिक इमारत गिराने के साथ ही साथ राष्ट्रीय एकता और अखण्डता को भी खण्डित किया। साम्प्रदायिक सौहार्द को नष्ट किया । इसके कारण भारत के अनेक शहरों में साम्प्रदायिक दंगे हुए जिनमें मुसलमानों की करोड़ों रूपये की संपत्ति नष्ट हुई। अनेक निर्दोष लोगों को दंगाईयों ने मौत के घाट उतार दिया। बाबरी मस्जिद का मामला सामाजिक और राजनीतिक अपराध की कोटि में आता है।

हिन्दू-मुसलमानों के संबंधों में आयी खटास और देश में फैले जहरीले वातावरण को खत्म करने में संघ भूमिका अदा कर सकता है बशर्ते वह दोबारा बाबरी मस्जिद का पुरानी जगह पर निर्माण कराकर दे। सर्वोच्चेय नयायालय को भी इस पर ध्यान देना चाहिए कि बाबरी मस्जिद ऐतिहासिक इमारत थी जिसे राममंदिर के नाम पर आंदोलन कर रहे संघ परिवार के नेताओं की मौजूदगी में अवैध ढ़ंग से गिराया गया। इस पाप में संघ परिवार के साथ अप्रत्यक्ष ढ़ंग से कांग्रेस भी शामिल है। बाबरी मस्जिद की जमीन पर स्व.राजीव गांधी ने राममंदिर का शिलान्यास करके अपने चुनाव अभियान की अयोध्या से ही शुरूआत की थी।

सर्वोच्चेय नयायालय का यह फर्ज बनता है कि वह सरकार को बाबरी मस्जिद बनाने का आदेश दे और यह मस्जिद केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी धन से बनायी जाए क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभायी, भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने अदालत को दिया वायदा पूरा नहीं किया जिसके लिए वे सुप्रीम कोर्ट से दण्डित भी हुए हैं।

दूसरी बात यह कि बाबरी मस्जिद तोड़ने लिए उन नेताओं और दलों को दण्डित किया जाए जो इस पाप में शामिल थे। उनसे बाबरी मस्जिद नवनिर्माण की पूरी कीमत दण्ड स्वरूप वसूल की जाय। इस प्रसंग में केन्द्र सरकार को पहल करनी चाहिए और जिस तरह ब्लूस्टार ऑपरेशन के बाद स्वर्णमंदिर को बनाया गया वैसे ही बाबरीमस्जिद का भी निर्माण किया जाना चाहिए। सेना की कार्रवाई से ब्लूस्टार ऑपरेशन के दौरान स्वर्णमंदिर को जबर्दस्त क्षति पहुँची थी। यहां पर भी वही हुआ लेकिन भिन्न तरीके से हुआ है।

बाबरीमस्जिद का पुरानी जगह पर नवनिर्माण का आदेश नहीं आता है तो इससे मुसलमानों का मन गहरे सदमे में चला जाएगा और उससे होने वाली सामाजिक क्षति की भरपाई करना संभव नहीं होगा। मुसलमानों का दिल जीतने और इस देश के कानून में आस्था पुख्ता करने लिए जरूरी है कि बाबरी मस्जिद का पुरानी जगह पर निर्माण कराया जाए। मस्जिद गिराने वालों को कड़ी सजा दी जाए।

संघ परिवार के लिए राममंदिर एक नकली विवाद है ,यह मंदिर कभी अयोध्या में नहीं था। उस मंदिर को किसी ने नहीं देखा था। वे जनता में इसे लेकर अलगाव की भावनाएं फैलाते हुए स्वयं अलगाव के शिकार बन गए हैं। संघ परिवार के खिलाफ सर्वोच्चेय नयायालय का एक कड़ा फैसला आता है तो इससे भारत के धर्मनिरपेक्ष वातावरण को बचाए रखने में मदद मिलेगी। मुसलमानों का भारत के कानून पर विश्वास बढ़ेगा। संघ परिवार के हौंसले पस्त होंगे। वे आगे किसी भी मस्जिद को गिराने की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगे। यदि सर्वोच्चेय नयायालय ने किसी भी कारण से यह फैसला बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण के पक्ष में नहीं दिया तो इससे भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप की अपूरणीय क्षति होगी। बाबरी मस्जिद गिराने के लिए संघ परिवार दोषी है और बाबरी मस्जिद की जगह राममंदिर बनाने के नाम पर हिन्दू-मुसलमानों के बीच गंभीर सामाजिक विभाजन बनाने का काम कर रहा है। उनके इस कदम से देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप की गंभीर क्षति हुई है।



साभार प्रवक्‍ता डॉट कॉम से

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