Saturday, November 13, 2010

कुछ और घटनाएं जिनकी फ़ाइलें अगर खुलीं तो….अज़ीज़ बर्नी

संघ परिवार क्रोधित है कि अजमेर धमाकों की जांच में इंद्रेश और संघ परिवार का नाम क्यों आ रहा है। उसे ‘हिंदू विरोधी राजनीति’ क़रार दे कर प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। लखनऊ में ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के मोहन भागवत ने खुले तौर पर इंद्रेश के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है। लाल कृष्ण आडवानी उसे सीबीआई का दुरउपयोग ठहरा रहे हैं। हमें इस सिलसिले में अभी कुछ नहीं कहना है, परंतु बस इतना याद दिलाना चाहेंगे कि जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वाइस चांसलर ने अपने छात्रों के लिए वकील उपलब्ध कराने की बात की थी तो यह टोला चिराग़पा था, क्योंक जांच का सिलसिला जारी है और हम इस विषय पर लगातार लिख रहे हैं, इसलिए इस लेख के क्रम की अगली क़िस्तों में और लिखा जाएगा। फ़िलहाल हम कुछ ऐसी ही घटनाओं का हवाला सामने रख रहे हैं, वह इसलिए कि देर-सवेर जांच एजंेसियों को यह फ़ाइलें भी दोबारा खोलने की आवश्यकता पड़ सकती है। हमारी रिसर्च टीम भी पूरी मुस्तैदी के साथ ऐसी सभी घटनाओं को एकत्र करने तथा अधिक से अधिक जानकारियां एकत्र करने के प्रयासों में लगी है। इससे हक़ तथा न्याय की जद्दोजेहद को बल मिलेगा और यही निवेदन हमने अपने पाठकों से किया था कि इस जद्दोजेहद में वह भी शामिल हों, ताकि पीड़ितों को न्याय मिले। अगर उनकी जानकारी में कुछ ऐसी घटनाएं हैं, जिनके बारे में उन्हें लगता है कि कुछ बेगुनाह पुलिस की पकड़ में हैं या जेल की सलाख़ों के पीछे हैं और उनके मामले में पुनर्विचार की आवश्यकता है तो ऐसी घटनाओं का विवरण हमें भेजें, ताकि सरकार तथा प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया जा सके। अब पेशे ख़िदमत है, ऐसी चंद घटनाएं जिनका उल्लेख हमने उपरोक्त पंक्तियों में दिया था। हो सकता है उनमें कुछ वाक़ई अपराधी हों और यह भी हो सकता है कि उनके अलावा परदे के पीछे कुछ और लोग भी हों, जिनके नाम और चेहरे अभी तक सामने नहीं आए हैं।

चार मीनार पुलिस डिवीज़न के एसीपी बी.रेड्डाना (B.Reddanna) ने 9 नवम्बर की प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि उन्होनें मक्का मस्जिद धमाकों में एक पुरुष तथा एक महिला को पकड़ा है, महिला का नाम रज़िया सुल्ताना (जिसको उन्होनें Wazia Sultana बताया है)। उसने एक बंग्लादेशी व्यक्ति मेराजुर्रहमान (जिसको उन्होनें Merajur Rehman बताया है) को शरण दिया था, मेराजुर्रहमान को हरकतुल जिहाद-ए-इस्लामी का सदस्य बताया गया। रज़िया सुल्ताना ने एक बंग्लादेशी सिद्दीकुर्रहमान से शादी कर ली थी, जो अवैध रुप से 1952 से भारत में रह रहा था। (पी.टी.आई)

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रज़िया सुल्ताना के अपराध स्वीकार करने पर आंध्र प्रदेश पुलिस मुम्बई गई, जहां रज़िया सुल्ताना ने दो संदिग्ध व्यक्तियों के नाम बताये थे, जो मुम्बई भाग गए थे। इसी बीच पुलिस को एक संदिग्ध व्यक्ति मिला जबकि दूसरा वहां से भी फ़रार होने में कामयाब हो गया। पुलिस ने उन दोनों का नाम नहीं बताया।

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मास्टर माइंड

25 अगस्त 2007 को केन्द्रीय सुरक्षा बलों के उल्लेख के साथ यह समाचार आया कि उस दिन होने वाले 2 धमाकों में बंग्लादेश के मुम्बई संग्ठन हरकतुल जिहाद-ए-इस्लामी लिप्त है। सूत्रों का कहना था कि 25 अगस्त के इन दोनों धमाकों तथा मक्का मस्जिद धमाकों में काफ़ी समानता पाई जाती है। इस सिलसिले में मास्टर माइंड के रुप में शाहिद और बिलाल का नाम लिया गया, जो कि मक्का मस्जिद धमाकों में भी लिप्त घोषित किये गए थे।

(हवाला पी.टी.आई, रैडिफ़ मेल डाॅट काॅम)

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27 अगस्त 2007

समझौता एक्सप्रेस में गिरफ़्तार शेख़ नईम उर्फ़ इलियास जिसको हैदराबाद की मक्का मस्जिद धमाका तथा जाली पासपोर्ट केस के तहत हैदराबाद लाया गया, 25 अगस्त के धमाकों के सिलसिले में उससे पूछताछ की गई। शेख़ नईम इलियास जालना (महाराष्ट्र) का निवासी है। पुलिस ने उस दिन बताया कि वह आई.एस.आई. के कथित एजेन्ट अब्दुस्सŸाार उर्फ़ अन्नू उर्फ़ अनवर से भी पूछताछ कर रही थी, उसे सिकन्दराबाद रेलवे स्टेशन से जून में गिरफ़्तार किया गया था। पुलिस ने प्रतिबंधित घोषित किए गए संगठन सिमी के 7 युवकों से भी पूछताछ की थी।

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23 सितम्बर 2007

25 अगस्त के हैदराबाद बम धमाके के एक संदिग्ध व्यक्ति रफ़ीक का नार्को टैस्ट किया गया। फ़ौरेन्सिक साइंस लैबाॅरेट्री के डायरेक्टर बी.ए. मोहन के हवाले से बताया गया कि रफ़ीक का 3-4 घण्टे तक नार्को टैस्ट किया गया। इमरान ख़ान जो कि मक्का मस्जिद धमाकों में वांछित था, उसका भी नार्को टेस्ट किया गया जिसने महत्वपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध कराईं, बाद में उन सूचनाओं को हैदराबाद एस.आई.टी. को सौंप दिया गया। एस.आई.टी. के निवेदन पर इमरान का एक और नार्को टैस्ट कराया गया, जिसमें उसने 25 अगस्त के दोहरे हैदराबाद बम धमाकों तथा मक्का मस्जिद धमाकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ उपलब्ध कराईं।

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10 सितम्बर 2007

पुलिस ने 25 अगस्त के हैदराबाद बम धमाकों में 1 बंग्लादेशी काॅलेज की छात्रा शाही रफ़सनजानी को गिरफ़्तार किया। वह कटपड्डी (Katpadi) ज़िला में Auxilory College की छात्रा थी, उसके घर की तलाशी ली गई। एस.आई.टी ने उसको यात्रा के पूरे काग़जा़त न होने के आरोप में पकड़ा था, बाद की जांच में उसके काग़ज़ात पूरे पाये गए। पुलिस ने एक और व्यक्ति अब्दुल मालिक से भी पूछताछ की। मुबारक ने उसको दाखि़ला दिलाने में मदद की थी, उसका वैलूर (Vellor) में एक गैस्ट हाउस है, उसी गैस्ट हाउस में 2004 में रफ़सनजानी अपने पिता तथा अन्य 2 व्यक्तियों के साथ ठहरी थी।

(हवाला: Rediff News)

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4 सितम्बर 2007

हैदराबाद के ज्वाइंट कमिश्नर आॅफ पुलिस गोपाल होज़र (Gopal Hosur) ने समाचार एजेंसी पी.टी.आई को बताया कि हरकतुल जिहाद-ए-इस्लामी कमांडर मुहम्मद शाहिद बिलाल जो हैदराबाद के 25 अगस्त 2007 के 2 बम धमाकों का मास्टर माइंड है, बैंग्लौर के इंडियन इंस्टीटयूट में होने वाले बम धमाकों में शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा कि हम इस आशंका को पूर्ण रुप से संभावना से ख़ारिज नहीं क़रार दे सकते हैं। उन्होनें कहा कि हम इस बात को ध्यान में रखते हुए जांच कर रहे हैं। यह धमाका 2005 में कर्नाटका की राजधानी बंग्लौर के निकट हुआ था। बैंग्लौर पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि आंध्र पुलिस के साथ वह सम्पर्क में है।

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3 सितम्बर 2007

बंग्लादेश पुलिस ने 25 अगस्त के मक्का मस्जिद बम धमाकों में वांछित प्रमुख संदिग्ध व्यक्ति मुहम्मद शरफ़ुद्दीन को गिरफ़्तार किया है। वह बंगलादेश की हूजी के लिए काम करता था। उससे हैदराबाद के विभिन्न धमाकों के सिलसिले में पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि शरफ़ुद्दीन उन लोगों में शामिल था जिन्होेनें 25 अगस्त को 2 स्थानों पर बम रखे थे।

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1 सितम्बर 2007

आंध्र प्रदेश पुलिस आरम्भ से ही लगातार यह कहती रही है कि मुहम्मद शाहिद उर्फ़ बिलाल जो कि 25 अगस्त के धमाकों का असल अपराधी और मास्टर माइंड है, वह 18 मई 2007 के मक्का मस्जिद बम धमाकों का भी प्रमुख अपराधी है। यह आतंकवादी पाकिस्तान तथा बंग्लादेश से अपना काम अंजाम देता है और 10 किलो आर.डी.एक्स जो बम धमाकों के लिए लाया गया था और फ़रवरी 2007 में बंग्लादेश से ही हस्तांतरित हुआ था। वह 6 वर्ष पूर्व सांई बाबा टैम्पल, दिलसुख नगर, हैदराबाद में धमाके के बाद यहां से फ़रार हो गया। (पी.टी.आई)

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लखनऊ, 21 अक्तूबर

उ॰प्र॰ की आतंकवाद विरोधी टीम The Anti Terrorist Squad ने यहां एक संदिग्ध आतंकवादी इज़हार खान को लखनऊ से गिरफ़्तार किया, जिसने कथित रुप से मक्का मस्जिद तथा मालेगांव बम धमाकों में हथियार और विस्फोटक पदार्थ उपलब्ध कराया था। गिरफ़्तार होने वाले व्यक्ति का नाम इज़हार खान बताया गया। उसने कथित रुप से वक़ार अहमद और अमजद अली को हथियार तथा विस्फ़ोटक पदार्थ उपलब्ध कराया था। यह दोनों मक्का मस्जिद तथा मालेगांव धमाकों में प्रमुख आरोपी हैं। एडिशनल डायरेक्टर जनरल आॅफ पुलिस (एटीएस) बृजलाल के अनुसार गिरफ़्तार व्यक्ति आतंकवादियों को वारदातें अंजाम देने के लिए शस्त्र तथा गोला बारूद उपलब्ध कराता था। ए.टी.एस ने यह कार्रवाई हैदराबाद तथा अहमदाबाद पुलिस की कार्रवाई के बाद की है। इज़हार अमीनाबाद लखनऊ का निवासी था। बृजलाल का कहना है कि वह प्रमुख अपराधियों का साथी है, उसके पास से 2 दिन पूर्व लखनऊ के चैक स्टेडियम से विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ था। (यूएसआई)

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27 दिसम्बर 2007

पुलिस ने बताया कि इंडियन मुजाहिदीन जिसने उ॰प्र॰ की ज़िम्मेदारी ली है, उसका अस्तित्व ही नहीं है। जांचकर्ताओं ने बताया कि 25 अगस्त के हैदराबाद धमाकों तथा उ॰प्र॰ के धमाकों के बीच सीधा सम्बंध है। हैदराबाद पुलिस ने पुष्टि की कि अजमेर धमाके तथा हैदराबाद धमाके (25 अगस्त 2007) के पीछे हूजी के कमांडर शाहिद बिलाल का हाथ था। उ॰प्र॰ पुलिस कह रही है कि उ॰प्र॰ धमाकों में प्रयोग होने वाला ज्पउमत क्मअपबम एक जैसा है। यह एक ही कम्पनी ने बनाया था। 12 वोल्ट की बैटरियाँ जिनको Trigger के तौर पर इस्तेमाल किया गया था, वह भी एक जैसी हैं। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि यह Devices कहाँ से ख़रीदे गए थे तो उससे हैदराबाद पुलिस को भी सहायता मिलेगी।

कश्मीर से 21 दिसम्बर 2007 को हूजी के कथित आतंकवादी तारिक़ मुहम्मद तथा ख़ालिद मुहम्मद पकड़े गए थे, उनकी गिरफ़्तारी से उ॰प्र॰ पुलिस ने मदद मिलने का दावा किया है। इन धमाकों के बाद पुलिस को एक मेल इंडियन मुजाहिदीन की तरफ़ से आया था जिसमें उसने धमाकों की जिम्मेदारी क़बूल की थी। पुलिस का कहना है कि यह मेल हूजी के शाहिद बिलाल के छोटे भाई माजिद ने किया था, फिर उसका नार्को टेस्ट कराया था, जिसमें कथित रुप से बताया गया था कि दाऊद इब्राहीम ने अजमेर, हैदराबाद तथा उ॰प्र॰ के बम धमाकों को अंजाम देने के लिए जाली करेंसी झोंक दी है, उसने टैस्ट में यह भी बताया कि शाहिद बिलाल अब तक जीवित है और उ॰प्र॰ में सक्रिय है। इस बात से पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि यह तीनों धमाके उसने किए थे।

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हैदराबाद के 25 अगस्त 2007 के धमाके

हैदराबाद के 2 धमाकों में 42 लोग मारे गए थे। एक धमाका लुम्बनी पार्क तथा दूसरा धमाका गोकुल चाट भण्डार में हुआ था। इन धमाकों में 54 व्यक्ति घायल भी हुए थे। इसके एक दिन बाद विभिन्न स्थानों, बस अड्डों, सिनेमा घरों, चैराहों तथा पैदल चलने वाले पुलों पर बम मिले। उस समय हैदराबाद के कमिश्नर बलविंदर सिंह थे और मुख्यमंत्री कांग्रेस के वाई.एस. राजशेखर रेड्डी थे। गृह मंत्री शिवराज पाटिल थे। गृह सचिव मधुकर गुप्ता ने लश्कर-ए-तैय्यबा, जैश-ए-मुहम्मद पर इन धमाकों में लिप्त होने का आरोप लगाया। 26 अगस्त को बंगलादेश के विदेश मामलों के सलाहकार इफ़्तिखार अहमद चैधरी ने इन धमाकों में बंग्लादेश के लिप्त होने की संभावना को ख़ारिज कर दिया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता तसलीम असलम ने धमाकों की निन्दा की और किसी भी तरह अपने देश के लिप्त होने से इंकार किया।

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3 comments:

  1. sohraab bhaayi shukriyaa or sch likhne kaa jo sahsik qdm uthaya he islke liyen bdhaayi. akhtar khan akela kota rajstha

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  2. Sohrab Ali bhai ab ye log khule pad gaye hai Desh wasiyo ko in logone muslim Aatakwadio ke naamse bahut bewkuf banaya lekin sab jaan chuke balke puri duniya inko samaj chuki hay ab inke paas koi mudda n rahene ki wajah se ye log dhamki de rahe hay ki hame badnaam karne ki sajish band karo warna ham pure desh may mohallome nikal kar pradarsan karege,wah ye kaisi bahaduri huvi.ek to desh may bamb dhamaake karke kai neirdoso ki jaan li desh ko nuksan karke kai saal piche dakel diyaa ab pakde jaane pe? ye inki kaisi gandi or khofnaak rajniti,

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  3. @ Akhtar bhai & @ Ahmed bhai,
    Aap dono ka main bahut bahut sukrgujar hoon ke aaplogon ne apne kimti waqat nikal kar mere blog per aye pade aur coments diye.
    Jahan tak sawal sachai ka hai to hamara maqsad hi hona chahiye ke ham sachai ko samne laye chahe jariye koi bhi ho.

    thank you doston

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