Friday, November 19, 2010

गाँधी जी : आपके हत्यारों ने अब राम नामी ओढ़ ली है

आप दुनिया में सांप्रदायिक एकता और सद्भाव के लिए जाने जाते हैं। आजादी के बाद कट्टरपंथियों द्वाराब्रिटिश साम्राज्यवाद के इशारे पर कराये गए सांप्रदायिक दंगो में आप मौके पर जाकर शांति कासन्देश दे रहे थे किन्तु हिन्दुवात्व वादी संगठनो को इस देश की एकता और अखंडता रास नहीं आरही थी। उनके प्रतिनिधि नाथू राम गोडसे ने गोली मार कर आपकी हत्या कर दी थी। भारतीयस्वतंत्रता संग्राम में आपका महत्वपूर्ण योगदान था। आज जब देश विकास के पथ पर अग्रसर है। उसविकास के रथ को रोकने के लिए आपके हत्यारों ने राम नामी ओढ़ कर दंगे कराकर इस देश में तबाहीपैदा की है और अब वो तरह-तरह के अलगाववादी नारे गढ़ कर सामाजिक विघटन की प्रक्रिया को तेजकर रहे हैं। जब की विभिन्न धर्मो के मतावलंबी पुरानी बातों को भूल कर सामंजस्य की स्तिथि पैदाकर रहे हैं। आपके राम तत्व का मानवीयकरण कर जन्म और मृत्यु के विवादों में फंसा रहे हैं। रामहमारी मर्यादा हैं किन्तु उनको भी हिन्दुवात्व वादी तत्वों ने राजनीति के वोटों में तब्दील करने काकाम कई बार किया है। हमारे राम को अगर कुछ कहना होता तो यही कहते कि मेरे लिए लड़ने वालेलोगों अब मुझे बक्श दो लेकिन मेरी जन्मभूमि मत तय करो। जहाँ भी अच्छा है वहां राम है। जहाँसद्भाव है वहां राम है किन्तु इन हिन्दुवात्व वादी तत्वों ने उनको भी अब नहीं बक्शा है। न्यायिकप्रक्रिया में साक्ष्य और सबूतों के आधार पर फैसले होते थे। अब आने वाले दिनों में आस्था औरविश्वास पर फैसले होंगे। उसकी प्रक्रिया अब शुरू हो गयी है।
आपके चेलों ने भी आपके विचारों की जमकर हत्या की है भ्रष्टाचार उनका उद्योग हो गया है जिससाम्राज्यवाद के खिलाफ आप जीवन भर लड़ते रहे उसी साम्राज्यवाद के दूसरे स्वरूप के साथ देशचल रहा है देश में बहुत सारे परिवर्तन ऐसे हो रहे हैं जिससे आपके दर्शन और मीमांशा के विपरीतहैं हमारे उत्तर प्रदेश में वर्तमान तथा इससे पूर्व में हिन्दुवात्व वादी सरकारें कायम हुई हैंजोसीधे-सीधे गाली गलौज की भाषा का इस्तेमाल आपके विचारों के लिए करती हैं किन्तु राजनितिकलाभ के लिए कुछ कार्यालयों में आपकी फोटो लगी हुई है आपकी फोटो के नीचे भी भ्रष्टाचारी अपनाकाम कर रहे हैं
आइये ! हम आप सब इस देश की खुशहाली के लिए इतिहास के पूर्वाग्रहों को भूल कर सांप्रदायिकएकता  सद्भाव को कायम रखने की दिशा में एक कदम चलें यही गाँधी जी को याद रखने का सबसेअच्छा तरीका होगा


लो क सं घ र्ष !

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