Monday, December 20, 2010

भाजपा मुख्यालय में ढहाया गया मंदिर

देश में कहीं भी किसी मंदिर को नुकसान पहुंचने के किसी भी प्रयास के खिलाफ अक्सर आवाज बुलंद करने वाली भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में 1992 के बाबरी विध्वंस के समय बने एक मंदिर को ढहा दिया गया. परिसर में नये मीडिया केंद्र का बनना इस मंदिर के तोड़े जाने की वजह बना.

स्थानीय कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि इस शिव पार्वती मंदिर को 1992 के 6 दिसंबर को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के तुरंत बाद बनाया गया था. मीडिया के लिए नये हॉल का निर्माण करते वक्त मजदूरों ने इसे तोड़ डाला.

भाजपा मुख्यालय में रहने वाले परिवार इसमें पूजा अर्चना किया करते थे और उनमें से कई ने इस पर गहरी नाराजगी जताई. नाम न बताने की शर्त पर परिसर में रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया, ‘1991 में इस मंदिर के लिए शिवलिंग और दूसरी मूर्तियां खरीदने के लिए मैने 6,000 रूपये खर्च किए थे. यह उस वक्त बड़ी रकम हुआ करती थी. कुछ दिनों में ही मंदिर बनकर तैयार हो गया था.’

मंदिर में पांच फुट की उंचाई पर शिवलिंग, पार्वती, गणेश और साई बाबा की मूर्ति लगी थी. त्योहारों के समय इसकी खूब सजावट की जाती और स्थानीय लोग पूजा, प्रार्थाना में शरीक होते थे.

कुछ निवासियों ने दावा किया कि मंदिर इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि इसे बनाने की पहल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के एक मुस्लिम चालक ने की थी.

मंदिर के तोड़े जाने पर पूछे गए सवाल से भाजपा के वरिष्ठ नेता कतराते नजर आए. ऐसी सुगबुगाहट थी कि मंदिर को कहीं और स्थापित किया जाएगा लेकिन पार्टी नेतृत्व ने इसकी पुष्टि नहीं की.

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