किस राष्ट्र की बात ? राष्ट्र तो हम हैं ही सहस्राब्दियों पुराने.फिर किस राष्ट्र की नींव रखना है यह.यह है मुस्लिम विरोधी हिन्दू राष्ट्र की नींव ? लेकिन राम जन्मभूमि से मुसलमानों का क्या सम्बन्ध ? रामचंद्र जी का संघर्ष तो राक्षसों से हुआ था? “ठीक कहा आपने ! मुसलमान और राक्षस एक ही बात है.” यही है वो इतिहासबोध जो साम्प्रदायिको का आधारभूत बोध बन चुका है.वे इतिहास नहीं पढना चाहते,कोई प्रमाण नहीं देखना चाहते,किसी तथ्य की व्याख्या नहीं करना चाहते,विश्लेषण उन्हें पसंद नहीं है.देश-काल-परिस्थितियां उनके लिये फ़िज़ूल हैं,सामाजिक ढांचे कुछ नहीं हैं,जनता का पक्ष कोई चीज़ नहीं है,आर्थिक आधार बेकार की चीज़ है,धर्म का अर्थ है जीवन से कटा हुआ जातिगत कर्मकांड. जड़ीभूत अभिरुचि.मानवतावाद उनके लिये बेकार का दर्शन है.विरोधी उदाहरण फेंक देने के लिये हैं.संस्कृति एक गड्ढा है और मूल्य गोमूत्र,दृष्टि एक निरर्थक वस्तु है.और वस्तुनिष्ठता एक वाहियात चीज़.वैज्ञानिकता पश्चिम की चीज़ है और नास्तिकता अपराध.अब आप जो चाहें समझें. हैं वे एकात्म,एक राष्ट्र यानी हिन्दू जन. (“काले सूरजकी रौशनी” से }"Allah will not be merciful to those who are not merciful to mankind" (Sahih Bukhari-7376)
Monday, December 20, 2010
सच का इतिहास और इतिहास का सच
किस राष्ट्र की बात ? राष्ट्र तो हम हैं ही सहस्राब्दियों पुराने.फिर किस राष्ट्र की नींव रखना है यह.यह है मुस्लिम विरोधी हिन्दू राष्ट्र की नींव ? लेकिन राम जन्मभूमि से मुसलमानों का क्या सम्बन्ध ? रामचंद्र जी का संघर्ष तो राक्षसों से हुआ था? “ठीक कहा आपने ! मुसलमान और राक्षस एक ही बात है.” यही है वो इतिहासबोध जो साम्प्रदायिको का आधारभूत बोध बन चुका है.वे इतिहास नहीं पढना चाहते,कोई प्रमाण नहीं देखना चाहते,किसी तथ्य की व्याख्या नहीं करना चाहते,विश्लेषण उन्हें पसंद नहीं है.देश-काल-परिस्थितियां उनके लिये फ़िज़ूल हैं,सामाजिक ढांचे कुछ नहीं हैं,जनता का पक्ष कोई चीज़ नहीं है,आर्थिक आधार बेकार की चीज़ है,धर्म का अर्थ है जीवन से कटा हुआ जातिगत कर्मकांड. जड़ीभूत अभिरुचि.मानवतावाद उनके लिये बेकार का दर्शन है.विरोधी उदाहरण फेंक देने के लिये हैं.संस्कृति एक गड्ढा है और मूल्य गोमूत्र,दृष्टि एक निरर्थक वस्तु है.और वस्तुनिष्ठता एक वाहियात चीज़.वैज्ञानिकता पश्चिम की चीज़ है और नास्तिकता अपराध.अब आप जो चाहें समझें. हैं वे एकात्म,एक राष्ट्र यानी हिन्दू जन. (“काले सूरजकी रौशनी” से }
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment