Sunday, February 20, 2011

अख़्तर खान 'अकेला' ब्लॉग से साभार


एक जाने माने अधिवक्ता और पत्रकार //अख़्तर खान 'अकेला'// कोटा, राजस्थान से हैं, उन्होंने मेरे बारे में कुछ लिखा है, मुझे उस मुकाम पर पहुंचा दिया अपने लेख से जो सायेद मैं उस मुकाम का के लायेक नहीं हूँ, आप भी एक नजर डालें इस लेख पर: धन्यबाद, आपका अपना "अली सोहराब"

यह हें एम बी ऐ अली सोहराब जिनका मकसद हे समाज बदलना

SUNDAY, FEBRUARY 20, 2011

जी हाँ दोस्तों यह जो खुबसुरत तस्वीर आप देख रहे हें यह ब्लोगिंग की दुनिया मने बहुत जल्द बुलंदियों पर पहुंचने वाले ब्लोगर अली सोहराब हें २८ मार्च को जन्मे अली सोहराब ने जिस अंदाज़ में अपने ब्लॉग को आगे बढ़ाया कुछ कडवे कुछ मीठे अनुभव लेकर अच्छी बुरी बातें आलेखित की वोह अली सोहराब एम बी ऐ हें और होटल व्यवसाय से जुड़े हें । अपने व्यस्तम वक्त में से वोह ब्लॉग सेवा में अपना वक्त निकल कर कुछ खट्टे मीठे अनुभवों से हम और आपको एक दुसरे से परिचित भी करा रहे हें ।
अली सोहराब के ब्लॉग का मुख्य कोटेशन बुखारी शरीफ की हदीस की एक खुसूसी हिदायत हे उनके बोलग का मुखड़ा कहता हे के खुदा उसके लियें दयावान नहीं जो मानव जीवन के लियें दया भाव नहीं रख सकता बात सही हे खुदा ने यही संदेश दिया हे और इसीलियें प्यार दो प्यार लो के भाव से जीवन गुजर बसर करने वाला हर आदमी इंसान हो जाता हे और इससे अलग अगर कोई नफरत बाँटने निकलता हे अपने धर्म को दूसरों के धर्म से बहतर साबित करने की होड़ में अगर दुसरे धर्मों की तोहीन करता हें तो वोह इंसान नहीं जानवर और शेतान बन जाता हे बस यही संदेश अली सोहराब देना चाहते हें हाँ कई बार वोह क्रोध में थोड़ा ज्यादा ही गुस्सा कर बैठते हें सब जानते हें के जानवर को मारने के लियें जानवर बनना पढ़ता हे लेकिन नेकी की तलवार अखलाक का एटम बम सभी बुराइयों को खत्म कर देता हे और इसी शिक्षा पर अली सोहराब को भी चलना हे जो चल रहे हें अली सोहराब एक दुसरे ब्लॉग को एक दुसरे ब्लॉग से जोड़ने का काम भी कर रहे हें और सुचना के अधिकार अधिनियम के कार्यक्रमों के प्रति लोगों को जागरूक करने में तो अली सोहराब ने कोई कमी नहीं छोड़ी हे बस अली सोहराब थोड़ा गुस्सा कम कर दें तो यह जनाब ब्लॉग दुनिया के टॉप ब्लोगर बनने में ज्यादा वक्त नहीं लगायेंगे और हम चाहते हें के अली सोहराब जेसी शख्सियत की लेखनी इनके दिमाग इनके प्रबन्धन का लाभ पुरे हिन्दुस्तान और हिंदुस्तान के हर धर्म हर मजहब हर समुदाय सम्प्रदाय के लोगों तक पहुंचे और इंशा अल्लाह यह बहुत जल्द अली सोहराब अपनी कड़ी महंत और लगन से कर दिखाएँगे ।
मुझे कवि दुष्यंत की कुछ पंक्तियाँ याद आती हें ॥ यहाँ तो सिर्फ गूंगे और बहरे लोग बसते हें
कहा जाने यहाँ पर किस तरह जलसा हुआ होगा ...
बस अली सोहराब न गूंगे हें ना बहरे हें वोह लिख रहे हें देश के हालात बदलने के लियें देश की सुख शांति को खत्म करने वाले राक्षस जो सो कोल्ड राष्ट्रप्रेमी हें इनका गुस्सा उनके खिलाफ हे लेकिन वक्त एक दिन सबको सजा देता हे रावण का वध निश्चित हे कंस का वध निश्चित हे कोरवों का वध निश्चित हे फिरओन ,यज़ीद का अंत निश्चित हे इसी तरह से इन लोगों के कुछ वंशज भी हे जो अभी समाज में फितने फेला रहे हें इसलियें निश्चिन्त रहे समाज में देश में किसी भी समाज किसी भी धर्म से जुड़े लोग जो देश में रावण,कंस,कोराव,फिरओन ,यज़ीद की ओलादें उत्पात मचा कर अराजकता फेला रही हें निश्चित तोर पर उनका अंत होगा और अली सोहराब शायद यही चाहते हें हम उनके साथ हें । इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो हे
नाव जर्जर ही सही लहरों से टकराती तो हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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