बाड़मेर के सिणधरी के एक परिवार बुरी तरह से दहशत में है। ये दहशत किसी गुंडे, बदमाश की नहीं बल्कि जनता की रक्षक पुलिस की है। इस परिवार का आरोप है कि सिणधरी थाना पुलिस द्वारा उनको बेरहमी से पीटा गया। इस दौरान पुलिस ने उनपर जुल्म की सारी हदें पार कर दी। परिवारीजनों ने बताया कि पुलिस ने उनके घर के एक सदस्य को पुलिस ने 6 दिन तक थाने में रखा। वहां उसे जबरन शराब व पेशाब पिलाई गई। घटना को गंभीरता से लेते हुए बाड़मेर एसपी ने सिणधरी थानाधिकारी मूलाराम व दो कांस्टेबलों को जांच होने तक निलंबित कर दिया है। दलित जाति के सिणधरी निवासी जबरनाथ ने बताया कि उसे 2 मार्च को चोरी का कथित आरोपी बताते हुए पुलिस ने बिना कागजों में गिरफ्तारी दिखाए थाने में छह दिन तक बंधक बनाए रखा। 8 मार्च तक उसे पुलिस के जवान थाने में बेहरमी से पीटते बाद में निदरेष मानते हुए पुलिस ने उसे छोड़ दिया। पुलिस की यातनाओं से जबरनाथ की तबीयत बिगडने पर परिजन उसे सरकारी अस्पताल लेकर आए। जहां उपचार चल रहा है। वहीं इस पूरे मामले पर थानाध्यक्ष का कहना है कि परिवार द्वारा लगाए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। जबरनाथ को पुलिस केवल पूछताछ के लिए थाने लाया गया था और पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
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