क्या आप जानते
हैं कि भारत सरकार के मंत्री कितना कमाते हैं या उनकी संपत्ति किस रफ़्तार से बढ़ती
है?
आप कितने भी
कल्पनाशील हो जाएँ तो वहाँ तक नहीं पहुँच सकते जो आंकड़े बताते हैं.
प्रधानमंत्री
कार्यालय को जो विवरण इन मंत्रियों ने दिए हैं उसी के आधार पर देखें तो मंत्रियों की
संपत्ति दो वर्षों में औसतन 3.3 करोड़
बढ़ गई है.
ये सिर्फ़ औसत
है. एक
मंत्री की संपत्ति तो वर्ष 2009 से
2011 के
बीच 1092 प्रतिशत
बढ़ गई है. जबकि
दो और मंत्रियों की संपत्ति 828 और
705 प्रतिशत
बढ़ी है.
जिस एयर इंडिया
के पास अपने कर्मचारियों को तनख़्वाह बाँटने के लिए पैसों के लाले पड़े थे उसी विभाग
के मंत्री रहे प्रफ़ुल्ल पटेल की संपत्ति 2009 से 2011 के बीच 42.20 करोड़ रुपए बढ़ी है.
वे 122.03 करोड़
रुपयों की संपत्ति के साथ मंत्रिमंडल के सबसे धनी मंत्री हैं.
'मेल टुडे' अख़बार
के संपादक भारत भूषण के मुताबिक बढ़ती संपत्ति की इस जानकारी से जनता में ये अहसास
बढ़ेगा कि ये नेता उनकी आर्थिक दुर्दशा नहीं समझते.
बीबीसी से विषेष
बातचीत में भूषण ने कहा, "अब
आम आदमी नेता नहीं बन सकता क्योंकि चुनाव में करोड़ों पैसा लगाने की ज़रूरत होती है, किसी भी पार्टी
में देखें तो मंत्री वही लोग हैं जो बड़े व्यापारी हैं, तो अब ऐसे ही
लोग राजनीति में आएंगे जो ग़रीब लोगों का नेतृत्व नहीं करते हैं."
पैसे कमाने की दर:
प्रधानमंत्री
कार्यालय में संपत्ति के जो विवरण मंत्रियों ने जमा किए हैं उसका विश्लेषण किया है
एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म्स (एडीआर) और
नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने मिलकर.
इस विश्लेषण
में वर्ष 2009 में
हुए लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को दिए गए संपत्ति के ब्यौरे की तुलना वर्ष 2011 में प्रधानमंत्री
कार्यालय को सौंपे गए विवरण से की गई है.
इसके अनुसार
हाल तक केंद्रीय नागरिक विमानन राज्यमंत्री रहे प्रफ़ुल्ल पटेल की संपत्ति जो वर्षों
में 42.20 करोड़
बढ़ी है. यानी
प्रतिमाह पौने दो करोड़ रुपयों से अधिक.
जिस बीच वे
इस विभाग के मंत्री रहे एयर इंडिया आर्थिक तंगी से जूझता रहा, अलबत्ता उसने
कर्ज़ लेकर 111 विमान
लेने का जो फ़ैसला किया था, जिसे
सीएजी की हाल की रिपोर्ट में दुर्भाग्यपूर्ण फ़ैसला बताया गया है.
पिछले मंत्रिमंडल
विस्तार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बना दिया
है और अब वे भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम विभाग के मंत्री हैं.
आधिकारिक तौर
पर एनसीपी के सांसद प्रफ़ुल्ल पटेल के व्यवसाय के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं
है क्योंकि लोकसभा की वेबसाइट पर उनके जीवन परिचय में व्यवसाय का कॉलम खाली है.
लेकिन प्रफ़ुल्ल
पटेल से ज़्यादा आश्चर्यजनक तरक़्क़ी की है डीएमके के सांसद और केंद्रीय सूचना एवं
प्रसारण राज्यमंत्री डॉ एस जनतरक्षकन ने. उनकी संपत्ति में अविश्वसनीय 1092 प्रतिशत बढ़ी
है.
वर्ष 2009 के चुनाव के
समय उनके पास 5.91 करोड़
रुपयों की संपत्ति थी लेकिन दो साल में वह बढ़तर 70.42 करोड़ हो गई. यानी उनकी संपत्ति प्रतिमाह 2.68 करोड़ रुपयों से भी अधिक बढ़ी.
कांग्रेस की
आंध्रप्रदेश की सांसद और टेक्सटाइल विभाग की राज्यमंत्री पी लक्ष्मी की संपत्ति इसी
अवधि में 1.73 करोड़
रुपयों से बढ़कर 16.12 करोड़
रुपए हो गई है. यानी
828 प्रतिशत
की वृद्धि.
कांग्रेस के
ही एक और सदस्य तुषार चौधरी की संपत्ति 705 प्रतिशत बढ़कर 24.66 लाख
से बढ़कर 1.98 करोड़
रुपए हो गई है. वे
केंद्र सरकार में सड़क परिवहन विभाग के राज्यमंत्री हैं.
दिलचस्प ये
है कि इन दोनों मंत्रियों के भी व्यवसाय की जानकारी लोकसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं
है.
वैसे पैसा कमाने
में युवामंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिलिंद देवड़ा भी पीछे नहीं है जिनकी संपत्ति
इसी अवधि में दोगुनी या उससे अधिक हो गई है.
डीएमके के प्रमुख
करुणानिधि से बेटे एमके अलागिरि की संपत्ति 19.39 से 34.82 करोड़ हो गई है. वे रसायन और
उर्वरक विभाग के मंत्री हैं.
ऊर्जा मंत्री
सुशील कुमार शिंदे की संपत्ति भी इसी अवधि में सौ प्रतिशत बढ़ी है और 8.60 से बढ़कर 17.80 करोड़
हो गई है.
केंद्रीय कृषि
मंत्री शरद पवार की संपत्ति इस अवधि में चार करोड़ से भी कम बढ़ी है.जबकि राजीव
शुक्ला की संपत्ति 294 प्रतिशत
बढ़कर 7.79 से
30.66 करोड़
हो गई है.
कुछ की संपत्ति कम भी हुई:
एडीआर और एनईडब्ल्यू
के विश्लेषण के अनुसार कुल 15 मंत्रियों
की संपत्ति में वर्ष 2009 से
2011 के
बीच कमी भी आई है.
जिन मंत्रियों
की संपत्ति में कमी आई है, उनमें
वीरप्पा मोइली, फ़ारुक़
अब्दुल्ला, जयपाल
रेड्डी, परनीत
कौर, जयराम
रमेश और जतिन प्रसाद हैं.
वीरप्पा मोइली
के पास वर्ष 2009 में
2.93 करोड़
की संपत्ति थी जो वर्ष 2011 में
घटकर 13.33 लाख
रह गई.
इसी तरह फ़ारुक़
अब्दुल्ला, परनीत
कौर और जयपाल रेड्डी की संपत्ति में क़रीब 90 प्रतिशत की कमी आई है.
केंद्रीय गृहमंत्री
पी चिदंबरम की संपत्ति में 11 प्रतिशत
की कमी आई है. वर्ष
2009 में
उनकी संपत्ति 27.39 करोड़
की संपत्ति थी जो अब 24.40 करोड़
रुपए रह गई है.
पर्यावरण विभाग
से ग्रामीण विकास मंत्रालय में लाए गए चर्चित मंत्री जयराम रमेश की संपत्ति इसी अवधि
में 74.06 लाख
रुपए से घटकर 71.50 लाख
रह गई है.
जिन मंत्रियों
की संपत्ति कम हुई है उनमें विदेश मंत्री एसएम कृष्णा भी शामिल हैं.
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