लीबिया के पूर्व शासक कर्नल मुअम्मर गद्दाफ़ी की
वेबसाइट,7 डेज़ न्यूज़ के मुताबिक उनका आखिरी
वसीयतनामा प्रकाशित किया गया है.
रिपोर्टों के मुताबिक वसीयत के इन दस्तावेज़ों को
गद्दाफ़ी के तीन संबंधियों को सौंपा गया था जिनमें से एक युद्ध में मारा गया, दूसरा गिरफ़्तार कर लिया गया और
तीसरा सिर्त में चल रही लड़ाई के दौरान भागने में सफल रहा.
वसीयतनामा
"ये मेरी वसीयत है. मैं मोहम्मद बिन अब्दुल्लस्सलाम
बी हुमायद बिन अबू मानयर बिन हुमायद बिन नयिल अल फुह़शी गद्दाफ़ी, कसम खाकर कहता हूँ कि दुनिया में
अल्लाह़ के अलावा कोई भगवान नहीं, और मोहम्मद खु़दा के पैगंबर
हैं. मैं वचन देता हूँ कि मैं एक सच्चे मुसलमान की मौत मरुंगा.
अगर मैं मारा जाता हूँ तो जिन कपड़ों में मेरी मौत
होती है उन्हीं कपड़ों में मेरे शरीर को बग़ैर नहलाए सिर्त में मेरे परिवार और रिश्तेदारों
के नज़दीक मुस्लिम रीति रिवाज़ों के अनुसार दफ़नाया जाए.
मैं ये चाहूँगा कि मेरी मौत के बाद मेरी पत्नी, बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों
के साथ अच्छा सलूक किया जाए.
लीबिया के लोग अपनी पहचान, पूर्वजों और देश के नायकों के द्वारा
किए अच्छे कामों और बलिदानों को छोड़े नहीं.
मैं लोगों से आह्वान करता हूँ कि वो विद्रोही ताकतों
द्वारा किए जा रहे आक्रमण का आज, कल और भविष्य में भी हमेशा इसी तरह से पुरज़ोर विरोध करें.
मैं चाहता हूँ कि आज़ाद दुनिया के लोग इस सच को
जानें कि अगर हम चाहते तो अपने निजी फ़ायदों के लिए दूसरी ताकतों के साथ समझौता कर
सकते थे लेकिन हमने ऐसा नहीं किया.
हमें ऐसी कई पेशकश मिलीं लेकिन हमने उन्हें स्वीकार
करने के बजाए इस आंदोलन का नेतृत्व करने का फैसला किया क्योंकि हमारे लिए हमारे राष्ट्रगौरव
की रक्षा करना पहला फर्ज़ था.
अगर हम तुरंत सफल नहीं भी होते हैं तो भी,आगे के नस्लों को ये सीख दे पाएँगे
कि अपने देश की रक्षा करने का फैसला करना ही गर्व की बात है.
और अगर आप अपने देश की इज्ज़त को दूसरी ताक़तों
के आगे बेच देते हैं तो, इतिहास
में आपका नाम अपनी मातृभूमि के साथ विश्वासघात करने वाले शख्स़ के तौर पर दर्ज किया
जाएगा...जिसे आप कभी भी बदल नहीं पाएंगे."
एक तानाशाह की जय बोलने को दिल करता है |'कर्नल गद्दाफी जिंदाबाद'
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