दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने दावा किया कि 1999 में भाजपा नीति राजग शासन में दूरसंचार कंपनियों के लिये निश्चित लाइसेंस शुल्क की जगह राजस्व में हिस्सेदारी प्रणाली अपनाने से सरकार को वास्तव में 1.43 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
सिब्बल ने कहा, ‘1999 में सरकारी खजाने को 1.43 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसका कारण तत्कालीन सरकार द्वारा नीलामी को छोड़कर राजस्व में हिस्सेदारी नीति अपनाने तथा लाइसेंस की अवधि 10 साल से बढ़ाकर 20 साल किया जाना था.’
दूरसंचार मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा द्वारा 2008 में 2 जी स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं करने की वजह से सरकार को 1. 76 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ.
स्पेक्ट्रम की उपलब्धता और आवंटन नीति पर सिब्बल ने कहा कि किसी प्रकार के भेदभाव की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘स्पेक्ट्रम सीमति संसाधन है और हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति की मांग पूरा करने के लिये पर्याप्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध है.
यह पूछे जाने पर कि क्या नीतियों के क्रियान्वयन में कुछ गड़बड़ी हुई है, सिब्बल ने कहा, ‘कारण बताओ नोटिस भेजे गये हैं और यह बताता है कि कुछ गड़बड़ियां हुई हैं.’ बहरहाल, उन्होंने इस बारे में और कुछ भी कहने से मना कर दिया.
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