टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग को लेकर विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा में का शीतकालीन सत्र नहीं चल पाया। इससे करीब 171 करोड़ रुपए का सरकारी खजाने से नुकसान हुआ। विपक्ष जहां पूरा सत्र जेपीसी मांग पर अड़ा रहा वहीं सरकार जेपीसी मांग ठुकराती रही। संसद सत्र नहीं चलने पाने के लिए पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा है कि सोमवार को समाप्त हुए शीतकालीन सत्र में इतने लंबे समय तक संसद की कार्यवाही के बाधित होने का गवाह बनना एक दुखदायी अनुभव है। मीरा कुमार इससे इतनी क्षुब्ध हुईं कि उन्होंने सत्र की समाप्ति पर सदन में पारम्परिक रूप से दिया जाने वाला विदाई भाषण देना स्वीकार नहीं किया। उन्होंने सिर्फ नियमानुसार राष्ट्रगान से ही सत्र को अनिश्चितकाल के लिए अस्थगित कर दिया। मीरा कुमार ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि वह संसदीय कार्यवाही के बाधित होने से अत्यंत क्षुब्ध हैं और उम्मीद करती है कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि संसद मतभेदों को दूर करने का मंत्र है और संसद के पास इसके लिए कई व्यवस्थाएं हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि जनता की आस्था लोकतंत्र में अक्षुण्ण रहे। बर्बाद हुए समय को जनहित के बेहतर काम में लगाया जा सकता था।
वहीं संसद के आगामी बजट सत्र को भी बाधित करने की विपक्ष की चेतावनी पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने सोमवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र को जिस तरह बाधित किया गया, वह 'अपराध' है। उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम मामले की जेपीसी से जांच की मांग सरकार द्वारा नहीं मानने के 'ठोस कारण' हैं। बंसल ने कहा कि जेपीसी किसी मामले की जांच के लिए उपयुक्त नहीं है। सच तो यह है कि यह कोई जांच निकाय नहीं है।
इस बीच संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सोनिया गांधी ने टेलीकॉम घोटाले पर जेपीसी की मांग पर डटी बीजेपी को करारा जवाब दिया। सोमवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया ने भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार व अनाचरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यहां तक कि आरोप और अनाचरण साबित हुए बगैर भी हमने मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए कहा है।
लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों ने 2जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रमंडल खेल और आदर्श सोसायटी घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग के समर्थन में सोमवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया और संसद से सड़क तक आंदोलन करने का एलान किया।
मालूम हो कि सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए अस्थगित कर दिया गया। पूरा शीतकालीन सत्र जेपीसी की मांग को लेकर चल पाया।
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