अजमेर दरगाह ब्लास्ट मामले में आरोपी और संघ प्रचारक सुनील जोशी की हत्या उनके साथियों ने ही की थी। यह सनसजीखेज खुलासा किया है मध्य प्रदेश पुलिस ने। पुलिस का कहना है कि दरगाह ब्लास्ट मामले में सुनील जोशी का नाम आने से संगठन के बड़े नेताओं के संपर्क का खुलासा होने की आशंका थी। ऐसे में सुनील के साथ रहने वाले लोगों ने ही उसे मौत के घाट उतार दिया था।
पुलिस ने शुक्रवार को यह खुलासा करते हुए हत्या व षड्यंत्र के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है। बाकी दो फरार बताए जा रहे हैं। अजमेर दरगाह सहित देश में हुए कई बम धमाकों में आरएसएस के इंद्रेश कुमार समेत कई बड़े पदाधिकारियों के नाम सामने आए हैं। राजस्थान एटीएस की चार्जशीट के मुताबिक सुनील जोशी को अजमेर दरगाह में विस्फोट की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
चार्जशीट के अनुसार 31 अक्टूबर, 2005 को जयपुर में एक गोपनीय मीटिंग हुई थी। इसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह और सुनील जोशी सहित सात लोग शामिल थे। बैठक में अजमेर दरगाह, हैदराबाद की मक्का मस्जिद और मालेगांव सहित देश के विभिन्न शहरों में ब्लास्ट करने को लेकर जिम्मेदारी तय की गई थी। अजमेर दरगाह में 11 अक्टूबर, 2007 को बम ब्लास्ट हुआ था।
पुलिस ने कर दिया था मामले का खात्मा
संघ के पूर्व प्रचारक सुनील जोशी की 29 दिसंबर 2007 को देवास के बालगढ़ चूना खदान क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लंबी जांच के बाद मामले में पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा था और उसने मामले का खात्मा कर दिया था। इसके बाद 1 अक्टूबर 2010 को राजस्थान पुलिस की एटीएस ने हर्षद सोलंकी उर्फ राज को अजमेर ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार किया। उसके बाद देवास औद्योगिक थाना पुलिस अजमेर जाकर प्रोडक्शन वारंट पर उसे देवास ले आई थी। पिछले करीब 15 दिन से हर्षद से पूछताछ की जा रही थी। उसने सुनील जोशी की हत्या करना कबूल लिया है। उसकी जानकारी के मुताबिक पुलिस ने वासुदेव परमार निवासी देवास और आनंद राज पिता संजय कटारिया निवासी बड़ा सराफा इंदौर को हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
फर्जी नाम से रहते थे आरोपी
शुक्रवार को हर्षद का रिमांड खत्म होने पर उसे देवास जिला कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे जेल दिया। वहीं, वासुदेव और आनंद को 24 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर सौंपा है। औद्योगिक थाना प्रभारी विनोद सिंह कुशवाह के मुताबिक दुर्व्यवहार को लेकर हर्षद ने साथियों के साथ मिलकर सुनील की हत्या की थी। हर्षद राज नाम से व उसके साथी मेहुल उर्फ घनश्याम, मोहन व उस्ताद नाम से सुनील के साथ रहते थे। हत्या के बाद से ये सभी फरार थे। हर्षद, वासुदेव व आनंद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है वहीं, मोहन और उस्ताद फरार हैं। राज, मेहुल, मोहन व उस्ताद गुजरात के बेस्ट बेकरी कांड में भी आरोपी हैं।
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