मोदी के मंच से सम्मानित होंगे दारुल उलूम के कुलपति
अगर सब कुछ ठीक ठीक रहा तो गणतंत्र दिवस के मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम (कुलपति) मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी को सम्मानित करेंगे। मोदी ने यह घोषणा उस वक़्त की है जब दारुल उलूम के कुलपति के पद पर वस्तानवी की नियुक्ति हुए चंद दिन ही हुए हैं। वहीं मौलाना वस्तानवी ने दो दिन पहले ही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल खोल कर तारीफ़ की थी। सूरत जिले के मंगरोल तहसील के वुस्तन गांव के रहने वाले वुस्तानवी आज ही देवबंद लौटे हैं। खबरों के मुताबिक वुस्तानवी के नजदीकी माने जाने वाले बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के कुछ नेताओं द्वारा वुस्तानवी को बीजेपी के मंच पर लाने की हर मुमकिन कोशिशें की जा रही हैं। पार्टी गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उन्हें सम्मानित करने का मन बना चुकी है।
वहीं उलेमा के एक बड़े संगठन ’जमीयत उलेमा-ए-हिंद’ ने चेतावनी दी है कि यदि मौलाना वुस्तानवी को कुलपति के पद से नहीं हटाया गया तो जमीयत इसके ख़िलाफ़ एक तहरीक़ चलाएगी।
ग़ौरतलब है कि मौलाना अपने इस बयान के बाद विवादों में घिर गये थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार में राज्य के अल्पसंख्यकों ने भी तरक्की की है और उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। गुजरात में मुसलमानों की स्थिति पर खास कर गुजरात दंगों के बाद से हमेशा ही नरेंद्र मोदी पर उंगलियां उठती रही हैं, और ये पहला मौक़ा है जब किसी मुस्लिम धर्मगुरु ने मोदी सरकार की तारीफ की। हालांकि, वुस्तानवी के इस बयान की कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कडी आलोचना भी की थी।
ग़ौरतलब है कि मौलाना अपने इस बयान के बाद विवादों में घिर गये थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार में राज्य के अल्पसंख्यकों ने भी तरक्की की है और उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। गुजरात में मुसलमानों की स्थिति पर खास कर गुजरात दंगों के बाद से हमेशा ही नरेंद्र मोदी पर उंगलियां उठती रही हैं, और ये पहला मौक़ा है जब किसी मुस्लिम धर्मगुरु ने मोदी सरकार की तारीफ की। हालांकि, वुस्तानवी के इस बयान की कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कडी आलोचना भी की थी।
वुस्तानवी, हाल ही में अपने एक बयान के बाद आलोचकों के निशाने पर आ चुके हैं। और कई उलेमा द्वारा मौलाना वुस्तानवी को दारूल उलूम, देवबंद के कुलपति के पद से हटाए जाने की मांग की जा रही है। मौलाना ने अपने बयान में मुस्लिमों में कट्टरपंथी माने जाने वाले नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की तारीफ़ की थी जो मुस्लिम जगत को बेहद नागवार गुज़री थी।
विश्व की नंबर दो इस्लामिक संस्था के नव नियुक्त कुलपति मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी लगातार सुर्खियों में हैं। इन दिनों मुस्लिम जगत मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी को लेकर दो खेमों में बंट गया है। एक उनके समर्थन में है और दूसरा विरोध में। इसी कड़ी में उनकी मुश्किलें अब और बढने वाली हैं। दरअसल गुजरात में मुसलमानों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही मोदी सरकार ने मौलाना वस्तानवी को गणतंत्र दिवस के मौके पर सम्मानित करने का फैसला किया है। बीजेपी के मुस्लिम नेताओं द्वारा वस्तानवी को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मानित किए जाने की योजना को अमली जामा पहनाने की कोशिश की जा रही है।
I am surprising to see this verbal havoc against maulana vastanvi.. I have from very first reading his comments and counter comments upon this issue. I have not found any comment from maulana vastanvi in which he has praised Narendra modi. What maulana has said is about the situation of muslims in gujarat today and how they are prospering in every field. Maulana has naver said that this all is due to Gujarat government or due to Modi, But maulana vastanvi has said that people of gujarat are expert in bussiness, and so muslims in gujarat are doing very well now a days over there. I am too from gujarat, and i must say that maulana vastanvi is absoulutly right. Many people and maulanas are creating unnecessary debut on this..why...?? Why should we still lie about the people of gujarat...? Do we still need a merciful sight or words of condolences...?? Ofcourse, 2002 was a black chapter of history, but till when we will chew it like a gum..?? Muslims need to prosper well and just need to forget it like a nightmare. What we have lost we cant get it back.. But, still today crying over that issue and cursing modi and gujarat for that will not bring any fruitful results. We need to be more practical than a diplomatic.
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