महाराष्ट्र के मालेगांव में 2006 को एक मस्जिद के पास कब्रिस्तान में बम विस्फोट हुआ, जिसमें 37 लोग मारे गए। जांच एजेंसियों की मानें तो हिंदू कट्टरपंथियों द्वारा देश में की गई यह इस तरह की पहली घटना थी। इसके बाद हिंदू संगठनों से जुड़े नेताओं पर हैदराबाद में मक्का मस्जिद ब्लास्ट कांड, समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट और अजमेर शरीफ दरगाह के सामने विस्फोट करने के आरोप लगे।
मालेगांव ब्लास्ट
8 सितंबर 2006 को मालेगांव में मस्जिद के पास कई बम फटे। घटना शब-ए-बारात वाले दिन हुई। उसी दिन शुक्रवार भी था और बड़ी संख्या में मुस्लिम वहां जमा थे। विस्फोट में 37 लोगों की मौत हो गई और 127 घायल हुए। पुलिस ने इस मामले में अल्पसंख्यक समुदाय के 9 लोगों को गिरफ्तार किया। लेकिन अभिनव भारत से जुड़े सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित कुछ हिंदू नेताओं की गिरफ्तारी से मामले को अलग मोड़ मिल गया।हाल ही में स्वामी असीमानंद ने अदालत के सामने दिए अपने बयान में भी कथित तौर पर कुबूला है कि मालेगांव ब्लास्ट में हिंदू नेता शामिल रहे हैं। इसके बाद इस मामले में गिरफ्तार मुसलमानों की रिहाई की मांग भी तेज हो गई है।
मक्का मस्जिद ब्लास्ट
हैदराबाद की मक्का मस्जिद में 18 मई 2007 को धमाके हुए। मस्जिद में शुक्रवार की नमाज पढ़ने करीब 10,000 लोग जमा थे और उसी दौरान धमाके हुए। विस्फोट में 14 लोगों की मौत हुई। ये ब्लास्ट पाइप बम से हुए, जिसे एक सेल फोन से ऑपरेट किया गया। इस मामले में भी स्वामी असीमानंद की गिरफ्तारी हुई और कुछ हिंदू नेताओं के नाम आए। समझौता ब्लास्ट
18 फरवरी 2007 को दिल्ली और लाहौर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस के दो डिब्बों में विस्फोट हुए। दोनों डिब्बों में बड़ी संख्या में यात्री थे और जैसे ही ट्रेन ने हरियाणा में पानीपत के पास दीवाना स्टेशन पार किया, ट्रेन में धमाके हुए। विस्फोट में 68 यात्रियों की मौत हुई, जिसमें अधिकांश पाकिस्तानी थे। विस्फोट में आईईडी (इंप्रूवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) का इस्तेमाल किया गया। नवंबर 2008 में जांच एजेंसियों को पहली बार संदेह हुआ कि इस मामले में भारतीय सेना के अधिकारी प्रसाद श्रीकांत पुरोहित शामिल हैं। वे अभिनव भारत संगठन से जुड़े हुए थे। लेकिन स्वामी असीमानंद ने यह संकेत भी दिए कि इसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी हाथ है। हालांकि मीडिया में सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक उन्होंने कुछ हिंदू नेताओं को भी इसमें शामिल बताया है।
अजमेर दरगाह विस्फोट
अजमेर में सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के सामने 11 अक्टूबर, 2007 को विस्फोट हुआ। यह विस्फोट ईद के दौरान इफ्तार के समय हुआ, जब कई मुस्लिम वहां शाम की नमाज अता करने के बाद जमा थे। बम एक टिफिन में छिपाया हुआ था। विस्फोट में 3 व्यक्तियों की मौत हो गई और 17 घायल हो गए। शुरुआत में लश्कर-ए-तैयबा पर शक किया गया, लेकिन बाद में जांच एजेंसियों ने दावा किया कि इसमें हिंदू आतंकवादियों का हाथ था। 22 अक्टूबर 2010 को एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने अजमेर विस्फोट के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें 4 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हुए हैं। इस मामले में गिरफ्तार स्वामी असीमानंद के अनुसार विस्फोट की साजिश में हिंदू संगठनों से जुड़े कई लोग शामिल हैं। अभिनव भारत: अभिनव भारत की स्थापना स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर ने 1904 में की। उन्होंने यह संगठन ब्रिटिश शासन से लड़ने के लिए बनाया। 1952 में सावरकर ने इस संस्था को भंग कर दिया। लेकिन 2006 में यह संस्था फिर अस्तित्व में आई। वर्तमान में इसकी कमान हिमानी सावरकर के हाथों में है। प्रज्ञा ठाकुर और कर्नल पुरोहित भी इसी संगठन से जुड़े हुए हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) हिंदूवादी संगठन है। इसका गठन 1925 में डा केशव हेडगेवार ने किया। भारत में इसका लगातार विस्तार होता गया। आरएसएस पर सबसे पहले महात्मा गांधी की हत्या के बाद प्रतिबंध लगाया गया। 1948 में नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गोली मार दी थी। कहा गया कि गोडसे आरएसएस का कार्यकर्ता था। बाद में एक जांच समिति ने संघ को इस आरोप से बरी कर दिया और प्रतिबंध वापस ले लिया गया। संघ के आलोचक इसे अतिवादी दक्षिणपंथी और फासीवादी संगठन बताते हैं। लेकिन संघ इसे हिंदुओं के उत्थान और भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए काम करने वाली संस्था बताता है।
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