कश्मीर को लेकर आज विदेश से जो खबरें आईं, वह भारत के लिए उत्साहजनक हैं, पर कश्मीर में राज्य के कुछ विधायकों ने जो किया, उससे कश्मीर की नाक दुनिया भर में कट गई।
संयुक्त राष्ट्रसंघ और अमेरिका, दोनों ने आज यह साफ कर दिया कि कश्मीर मामले में भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का उनका कोई इरादा नहीं है। इस तरह पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। लेकिन कश्मीर विधानसभा में भाजपा विधायकों ने मारपीट कर जहां सदन की गरिमा को तार-तार कर दिया, वहीं पाकिस्तान सहित दुनिया भर को हंसने का मौका दे दिया।
विधानसभा में बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के साथ मारपीट करने की कोशिश की। तब मार्शलों को बुलाकर बीजेपी विधायकों को जबरदस्ती सदन से बाहर निकाला गया।
सदन में हंगामा कर रहे बीजेपी विधायकों को बाहर निकालने के लिए अध्यक्ष ने मार्शल बुलाए तो विधायक मार्शलों से ही भिड़ गए। विधायकों ने मार्शलों के साथ भी हाथापाई करने की कोशिश की। मार्शलों ने जबरदस्ती बीजेपी विधायकों को सदन से बाहर निकाला। एक विधायक के घायल होने की भी खबर है।
क्यों हुआ हंगामा
जम्मू कश्मीर विधानसभा में आज जो कुछ हुआ वह मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के एक बयान को लेकर उठा बवाल था। दरअसल मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा था कि कश्मीर का भारत में विलय नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर समस्या के स्थायी हल के लिए केंद्र सरकार को अलगाववादियों के साथ-साथ पाकिस्तान से भी बातचीत करनी चाहिए। उमर ने विधानसभा में कश्मीर घाटी की स्थिति पर दो दिन तक हुई चर्चा के बाद कहा कि विकास और रोज़गार बढ़ाना संकट का समाधान नहीं है।
भाजपा ने विधानसभा में हुए हंगामे के लिए प्रदेश की मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और उमर अब्दुल्ला से पद छोड़ने की मांग की है। वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी पीडीपी ने कहा है कि ऐसे 'ड्रामे' के लिए नेशनल कांफ्रेंस मशहूर है।
पाकिस्तान को दोहरा झटका
पाकिस्तान को कश्मीर मसले पर दोतरफा झटका लगा है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय वार्ता के जरिये कश्मीर मसले को सुलझाना चाहिए। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि जब दोनों पक्ष इस मसले पर दखल के लिए कहेंगे तो ही कुछ हो सकेगा।
हाल में संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में पाकिस्तान ने कश्मीर का मसला जोर-शोर से उठाते हुए अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में दखल की मांग की थी। लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता पी जे क्राउली ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, 'यह (कश्मीर) ऐसा मसला है जिसे दोनों पक्ष मिलकर सुलझा सकते हैं। यह दोनों देशों के बीच एक अहम द्विपक्षीय मसला है।'
क्राउली ने कहा कि कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ वर्षों के दौरान सफल वार्ताएं हुई हैं। लेकिन पाकिस्तान में सियासी उठापटक के चलते ये वार्ताएं परवान नहीं चढ़ सकीं। ओबामा प्रशासन का भी मानना है कि कश्मीर मसले को भारत और पाकिस्तान को आपस में ही सुलझा लेना चाहिए। इसमें किसी तीसरे पक्ष के दखल की जरूरत नहीं है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने कहा, ' भारत और पाकिस्तान पड़ोसी देश होने के साथ इस क्षेत्र के अहम देश हैं। इन देशों में शांति और स्थिरता काफी मायने रखती है।' उन्होंने कहा, ' जहां तक कश्मीर मसले पर मध्यस्थता का सवाल है तो संयुक्त राष्ट्र उन्हीं मुद्दों पर मध्यस्थता करता है जहां संबंधित पक्ष ऐसा करने के लिए अनुरोध करते हैं।'
कश्मीर घाटी में पिछले दिनों हुई हिंसा पर अफसोस जाहिर करते हुए बान की मून ने कहा, ' हाल में कश्मीर घाटी में हुई मौतों पर मुझे बेहद अफसोस है। मैं जल्द से जल्द यह हिंसा खत्म किए जाने का अनुरोध करता हूं। फिलहाल कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र का यही रुख है।'
संयुक्त राष्ट्रसंघ और अमेरिका, दोनों ने आज यह साफ कर दिया कि कश्मीर मामले में भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का उनका कोई इरादा नहीं है। इस तरह पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। लेकिन कश्मीर विधानसभा में भाजपा विधायकों ने मारपीट कर जहां सदन की गरिमा को तार-तार कर दिया, वहीं पाकिस्तान सहित दुनिया भर को हंसने का मौका दे दिया।
विधानसभा में बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के साथ मारपीट करने की कोशिश की। तब मार्शलों को बुलाकर बीजेपी विधायकों को जबरदस्ती सदन से बाहर निकाला गया।
सदन में हंगामा कर रहे बीजेपी विधायकों को बाहर निकालने के लिए अध्यक्ष ने मार्शल बुलाए तो विधायक मार्शलों से ही भिड़ गए। विधायकों ने मार्शलों के साथ भी हाथापाई करने की कोशिश की। मार्शलों ने जबरदस्ती बीजेपी विधायकों को सदन से बाहर निकाला। एक विधायक के घायल होने की भी खबर है।
क्यों हुआ हंगामा
जम्मू कश्मीर विधानसभा में आज जो कुछ हुआ वह मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के एक बयान को लेकर उठा बवाल था। दरअसल मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा था कि कश्मीर का भारत में विलय नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर समस्या के स्थायी हल के लिए केंद्र सरकार को अलगाववादियों के साथ-साथ पाकिस्तान से भी बातचीत करनी चाहिए। उमर ने विधानसभा में कश्मीर घाटी की स्थिति पर दो दिन तक हुई चर्चा के बाद कहा कि विकास और रोज़गार बढ़ाना संकट का समाधान नहीं है।
भाजपा ने विधानसभा में हुए हंगामे के लिए प्रदेश की मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और उमर अब्दुल्ला से पद छोड़ने की मांग की है। वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी पीडीपी ने कहा है कि ऐसे 'ड्रामे' के लिए नेशनल कांफ्रेंस मशहूर है।
पाकिस्तान को दोहरा झटका
पाकिस्तान को कश्मीर मसले पर दोतरफा झटका लगा है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय वार्ता के जरिये कश्मीर मसले को सुलझाना चाहिए। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि जब दोनों पक्ष इस मसले पर दखल के लिए कहेंगे तो ही कुछ हो सकेगा।
हाल में संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में पाकिस्तान ने कश्मीर का मसला जोर-शोर से उठाते हुए अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में दखल की मांग की थी। लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता पी जे क्राउली ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, 'यह (कश्मीर) ऐसा मसला है जिसे दोनों पक्ष मिलकर सुलझा सकते हैं। यह दोनों देशों के बीच एक अहम द्विपक्षीय मसला है।'
क्राउली ने कहा कि कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ वर्षों के दौरान सफल वार्ताएं हुई हैं। लेकिन पाकिस्तान में सियासी उठापटक के चलते ये वार्ताएं परवान नहीं चढ़ सकीं। ओबामा प्रशासन का भी मानना है कि कश्मीर मसले को भारत और पाकिस्तान को आपस में ही सुलझा लेना चाहिए। इसमें किसी तीसरे पक्ष के दखल की जरूरत नहीं है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने कहा, ' भारत और पाकिस्तान पड़ोसी देश होने के साथ इस क्षेत्र के अहम देश हैं। इन देशों में शांति और स्थिरता काफी मायने रखती है।' उन्होंने कहा, ' जहां तक कश्मीर मसले पर मध्यस्थता का सवाल है तो संयुक्त राष्ट्र उन्हीं मुद्दों पर मध्यस्थता करता है जहां संबंधित पक्ष ऐसा करने के लिए अनुरोध करते हैं।'
कश्मीर घाटी में पिछले दिनों हुई हिंसा पर अफसोस जाहिर करते हुए बान की मून ने कहा, ' हाल में कश्मीर घाटी में हुई मौतों पर मुझे बेहद अफसोस है। मैं जल्द से जल्द यह हिंसा खत्म किए जाने का अनुरोध करता हूं। फिलहाल कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र का यही रुख है।'
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