Sunday, February 13, 2011

आर एस एस ने की प्रधानमंत्री से फ़रियाद , 'हमारे टॉप नेताओं को बचाओ'


आर एस एस ने की प्रधानमंत्री से फ़रियाद ,’ हमारे टॉप नेताओं को बचाओ ‘
इन्द्रेश कुमार
आर एस एस वाले डर गए हैं. कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने जिस तरह से संघी आतंकवाद के खिलाफ हमला बोला है उसके बाद आर एस एस  में दहशत का आलम है. आर एस एस के एक बड़े नेता भैयाजी जोशी ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर  मांग  की है उनके टाप नेताओं, मोहन भागवत और इन्द्रेश कुमार की हत्या की साज़िश रची जा रही है और प्रधानमंत्री को चाहिए कि उनकी रक्षा करें. उनका आरोप है कि संघी आतंकवाद में शामिल लोग ही इन नेताओं को मारना चाहते हैं. आर एस एस का यह क़दम स्वागत योग्य है क्योंकि बहुत दिनों बाद पार्टी ने सिस्टम की इज्ज़त करने का फैसला किया है. इसके पहले आर एस एस वाले अपने आपको कानून मानते थे और मनमोहन सिंह की सरकार को एक गैरज़रूरी चीज़ मानते थे. अजमेर, मालेगांव और  मक्का मस्जिद में आतंकवादी हमलों के सरगना कर्नल पुरोहित, दयानंद  पाण्डेय और प्रज्ञा ठाकुर को हीरो के रूप में  पेश करते थे  लेकिन ताज़ा चिट्ठी में  उन्होंने दावा किया है कि कर्नल पुरोहित और दयानन्द पाण्डेय उनके  बड़े नेताओं, मोहन भागवत और इन्द्रेश कुमार  की हत्या करना चाहते हैं. आर एस एस के प्रवक्ता और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के  सदस्य, राम माधव ने बताया कि चिट्ठी प्रधानमंत्री कार्यालय में जमा करा दी गयी है. इसके पहले आर एस एस  को उम्मीद थी कि बीजेपी के नेता उनके  इन्द्रेश कुमार को बचाने के लिए राजनीतिक लड़ाई  लड़ेंगें लेकिन बीजेपी ने साफ़ मना कर दिया. उनका तर्क है कि बीजेपी की अंतरराष्ट्रीय छवि बहुत ही खराब हो जायेगी अगर वे आतंकवादी गतिविधियों में लीन एक व्यक्ति के पक्ष में खड़े देखे जायेगें. बीजेपी सहित सब को मालूम है कि इन्द्रेश कुमार का बचाव करना असंभव है. अब आर एस एस ने खुद ही पहल की है. प्रधानमंत्री के यहाँ भेजी गयी चिट्ठी में लिखा है कि आर एस एस को अस्थिर करने के इरादे से एक साज़िश रची गयी है जिसके तहत आर एस एस के नेताओं, मोहन भागवत और इन्द्रेश कुमार को मार डालने की योजना बनायी गयी है. उनका आरोप है कि कर्नल पुरोहित और दयानंद पाण्डेय उस साज़िश में शामिल हैं. चिट्ठी में मांग की गयी है  कि इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष  जांच कराई जाये. यहाँ यह याद दिलाने की ज़रुरत है कि जब स्व. हेमंत करकरे ने मालेगांव धमाकों के आरोप में इन लोगों को पकड़ा था तो सारे देश में आर एस एस ने इन्हीं  प्रज्ञा ठाकुर और कर्नल पुरोहित को हिन्दू धर्म के रक्षक के रूप में पेश किया था और करकरे के खिलाफ अभियान चलाया था. आज जब जांच के घेरे में आर एस एस  के बड़े नेता फंसने लगे हैं तो अपने को आतंकवादी संगठन के रूप में पहचाने जाने के खतरे से बचने के लिए यह सारा काम किया जा रहा है.
अब पाण्डेय और पुरोहित को आर एस एस  के विरोधी के रूप में पेश करने की कोशिश चल रही है. आरोप यह भी है कि असीमानंद के इकबालिया बयान में इन्द्रेश कुमार का नाम आ जाने के बाद उन्हें  तो पकड़ा जा रहा  है लेकिन उसी बयान में उसने कहा है कि कर्नल पुरोहित ने इन्द्रेश कुमार को मार डालने की योजना बनायी थी लेकिन उसका ज़िक्र नहीं किया जा रहा है.
आर एस एस  की  इस बात में तो दम है कि इन्द्रेश कुमार की जान को ख़तरा है लेकिन असीमानंद के बयान में यह भी  है कि इन्द्रेश कुमार को पाकिस्तान से पैसा मिलता था. ज़ाहिर है कि यह बहुत ही गंभीर आरोप है,  इसकी भी जांच की जानी चाहिए.
आर एस एस  की अब तक की जो ख्याति है उसमें यह बहुत कठिन होगा कि  पार्टी का कोई टाप नेता किसी मुसलमान या पाकिस्तान से रिश्ता रखेगा लेकिन इन्द्रेश कुमार का जो काम है वह इसकी पूरी गुंजाइश छोड़ता है.
आर एस एस में मुसलमानों को शामिल करने के प्रोजेक्ट के कर्ता-धर्ता के रूप में  उन्होंने राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की स्थापना करवाई थी. मुस्लिम विरोधी मुसलमानों के बीच उनका खासा उठना बैठना था इसलिए पाकिस्तान में भी उनके सम्बन्ध होने की जांच का केस तो बनता है. जहां तक आर एस एस के लोगों का आतंकवादी धमाकों में शामिल होने के आरोप  हैं अब वे लगभग साबित हो चुके हैं. हो सकता है कि कानूनी लड़ाई में इनमें से कुछ लोग तकनीकी आधार पर बच भी जाएँ लेकिन जनमानस में अब यह सिद्ध हो चुका है कि आर एस एस  ने आतंकवादी तरीकों को अपनाया था. ऐसी हालत में लगता है कि भागते भूत की लंगोटी  ही बचाने की योजना पर काम चल रहा है. हो सकता है  कि बाकी सारे अभियुक्तों से पिंड छुड़ा कर आर एस एस वाले अपने टाप नेताओं को बचाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं और उसमें उन्हें बीजेपी से कोई मदद नहीं मिल रही है. इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आर एस एस ने बीजेपी को सबक सिखाने के लिए सरकार के पास कोई प्रस्ताव भी भेजा हो. हालांकि इस बात का अभी पक्का पता नहीं है लेकिन अगर सरकार और कांग्रेस पार्टी को सही  मौका हाथ आया तो वे बीजेपी और आर एस एस में फ़र्क़ डालने के किसी मौके का पूरा फायदा उठायेगें. यह आर एस एस की बहुत बड़ी कुर्बानी होगी लेकिन मोहन भागवत और इन्द्रेश कुमार जैसे बड़े नताओं को आतंकवादी घोषित होने से बचाने के लिए कोई भी कुर्बानी छोटी  होगी.

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