Thursday, February 03, 2011

देश के पहले इस्लामिक बैंक का रास्ता साफ


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धर्मनिरपेक्ष भारत में पहले इस्लामिक बैंक का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है। केरल हाई कोर्ट ने शरीय कानून के मुताबिक चलने वाले इस्लामिक बैंक को मंजूरी देने वाले राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाला याचिका को खारिज कर दिया है।
जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे चुनौती देते हुए कहा था कि राज्य की ओर से एक धर्म विशेष के आधार पर चलने वाला बैंक खोले जाने से संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन होगा। चीफ जस्टिस जे. चलामेश्वर और जस्टिस पी.आर. मेनन की डिवीजन बेंच ने स्वामी के तर्कों को नहीं माना। हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी ने कहा कि यह फैसले की पूरी कॉपी पढ़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जाने पर फैसला करेंगे।

केरल सरकार ने रजिस्टर्ड इकाई अल-बराका फाइनैंशल सर्विस के तहत दिसंबर 2009 में इस्लामिक बैंक खोलने की योजना बनाई थी। बैंक के कारोबार में शरीय के सिद्धांतों का पालन करवाने के लिएइ इस्लामिक विद्वानों की एक संस्था भी बनाई गई थी। लेकिन जनवरी 2010 में हाई कोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया था। हाई कोर्ट ने रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय, केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम को नोटिस भेजा था। केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम के पास अल-बराका का 11 शेयर है।

रिजर्व बैंक ने अपने जवाब में कहा था कि वर्तमान कानून इस तरह के बैंक की इजाजत नहीं देता।

3 comments:

  1. सोहराब जी,

    ये देखकर अच्छा लगा कि आप हिन्दी ब्लॉगजगत में सक्रीय हैं. आपके कुछ पोस्टों को देखा, आपके लेखन में निष्पक्षता की कमी दिखी. ख़ैर इसमें आपका हमारा दोष नहीं है.
    अस्ल में आज अधिकांश प्रिंट और टेलीविजन मीडिया बिके हुए हैं सो डिटेल और तथ्य न्यूज में नहीं मिल पाती है और देशवासी गफलत में अपना खून जलाते रहते हैं.

    मैं ब्लॉगरो की इज्ज़त करता हूँ इस भरोसे पर कि वे बिके हुए पत्रकार नहीं होते. साफगोई और हिम्मत से सच लिखते हैं. इस्लामिक बैंक पर एक रिपोर्ट यहाँ पढने को मिला
    http://blog.sureshchiplunkar.com/2011/02/islamic-banking-in-india-anti-secular.html
    और फिर आपके इस ब्लॉग पर भी पढ़ा.
    इधर अजीज़ बर्नी पर भी कुछ देशद्रोह के इल्जाम लग रहे हैं http://www.indianexpress.com/news/for-linking-rss-to-26-11-aziz-burney-says-sorry-on-front-page/743433/0 , क्या सही है और कितना सही है खुदा जाने. पर इतना तो तय है देशवासी रोज ही बेवकूफ बन रहे हैं.

    बहुत कन्फ्यूजन है भाई.
    -

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  2. आपसे गुजारिश है, आप राष्ट्र हित में कलम चलायें.
    ब्लॉग जगत में अपने अनुभव के आधार पर एक पोस्ट लिखा था यहाँ पढ़ें http://sulabhjaiswal.wordpress.com/2010/03/29/cyber-law-is-active-in-india/

    (Note: If possible disable the option of "WORD VERIFICATION" So that it helps in quick comment post. Thanks)

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  3. सुलभ जी, मैं आपका सुक्र्गुजर हूँ के आपने एक छोटे ब्लॉगर के ब्लॉग पर टिपणी दी, हौसला अफजाई के सुक्रिया.

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