टोक्यो. जापान में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटकों के बाद आई सूनामी ने देश के उत्तरी तट पर बसे शहरों को तबाह कर दिया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.8 आंकी गई है। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वे के मुताबिक भूकंप का केंद्र राजधानी टोक्यो से करीब 400 किलोमीटर दूर 20 मील की गहराई में था। भूकंप से टोक्यो में कई इमारतें हिल गईं और डर के मारे लोग घरों से बाहर आ गए। भूकंप के बाद आई बाढ़ से समुद्र तट से सटे मियागी प्रांत में कई इमारतें और कारें बह गईं।
इस एजेंसी के मुताबिक मियागी प्रांत में ओनागावा न्यूक्लियर प्लांट की टरबाइन बिल्डिंग में आग लग गई जिसके बाद न्यूक्लियर इमरजेंसी लागू कर दिया गया। अभी यह पता नहीं चल सका है कि तोहोकू इलेक्ट्रिक पावर द्वारा संचालित इस प्लांट में आग से रेडियोएक्टिव पदार्थों के रिसाव का खतरा है या नहीं। न्यूज एजेंसी का कहना है कि फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में इमरजेंसी कोर कूलिंग यूनिट को चालू कर दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने कहा है कि भूकंप की जद में आए जापान के चार न्यूक्लियर पावर प्लांट सुरक्षित तरीके से बंद कर दिए गए हैं।
टोक्यो के आसपास के 40 लाख घरों में बिजली आपूर्ति ठप है। टोक्यों में भूकंप से 14 जगहों पर आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। उत्तरी जापान में तोहोकू एक्सप्रेसवे के कई सेक्शन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। टोक्यो के समीप चिबा रिफायनरी में भीषण आग लगने की खबर है। जापान में चलने वाली बुलेट ट्रेन सेवा बंद कर दी गई है। भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत कार्य के लिए 900 लोगों को काम पर लगाया गया है।
नरीता एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है, विमानों को उड़ान भरने से रोक दिया गया, एयरपोर्ट से यात्रियों को निकाल लिया गया है। टोक्यो में मेट्रो ट्रेन सेवा बंद कर दी गई। उपनगरीय ट्रेन सेवा भी रोक दी गई है। जापान के उत्तरी तट पर स्थित सेनदाई एयरपोर्ट पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गया है। जापान के सभी बंदरगाह बंद कर दिए गए हैं और यहां होने वाले कामकाज पूरी तरह बंद हैं। भूकंप से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए सेना के आठ विमान काम में लगाए गए हैं।
जापान के इतिहास में 140 वर्षों के बाद ऐसा भीषण भूकंप आया है। भूकंप के बाद सुनामी की 13 फीट ऊंची लहरों ने उत्तरी तट के समीप मियागी इलाके को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया। मौसम विभाग की चेतावनी में कहा गया है कि सुनामी के दौरान समुद्र की 20 फीट ऊंची लहरें उठ सकती हैं। हवाई स्थित पैसिफिक सुनामी चेतावनी केंद्र ने जापान सहित इंडोनेशिया, हवाई द्वीप, ताइवान, रूस, मार्कस आइलैंड, उत्तरी मारियाना, गुआम और फिलीपींस के लिए भी जारी की गई है। हालांकि भारत के समुद्री तट महफूज हैं और यहां के लिए सूनामी की कोई चेतावनी नहीं जारी की गई है। पापुआ न्यू गिनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, अल साल्वाडोर, कोस्टा रिका, निकारागुआ, पनामा, होंडूरास, चिली, इक्वाडोर, कोलंबिया और पेरू में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।
एटमी संयंत्र बंद, कई इमारतों में आग
भूकंप के बाद पांचों परमाणु संयंत्र बंद हो गए और कई इमारतों में आग लग गई। इनमें इचिहारा रिफाइनरी भी शामिल है। साथ ही एक परमाणु संयंत्र में भी आग लगने की सूचना है। भूकंप और सुनामी के बाद बुलेट ट्रेनें और एयरपोर्ट बंद कर दिए गए। राजधानी टोक्यो में 40 लाख इमारतों में बिजली गुल हो गई। यात्रियों से भरा एक जहाज और एक ट्रेन गायब हैं।
दो शहर पूरी तरह बर्बाद
सुनामी से दो शहर पूरी तरह तबाह हो गए हैं। जापान में इससे पहले 1933 में 8.1 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 3 हजार लोगों की मौत हुई थी। जापान में रिक्टर पैमाने पर 6 से 7 तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। लिहाजा मकान इस तरह बनाए जाते हैं कि ज्यादा जनहानि न हो। यही वजह है कि 8.9 रिक्टर पर भूकंप आने के बावजूद ज्यादा जनहानि नहीं हुई। हालांकि तबाही बड़े पैमाने पर मची है।
सुनामी को लेकर दुनिया के 20 देशों में अलर्ट जारी किया गया है। ये हैं- अमेरिका में हवाई प्रांत, रूस, फिलीपींस, ताइवान, इंडोनेशिया, कोलंबिया, पेरू, चिली पापुआ न्य गिनी, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, मेक्सिको, ग्वाटेमाला, अल सल्वाडोर, कोस्टा रिका, निकारागुआ, पनामा, होंडुरास और इक्वेडोर। हालांकि इस अलर्ट से भारत को दूर रखा गया है। यानी हमारे देश में इसकी कोई आशंका नहीं जताई गई है।
कब-कैसे :
दोपहर 2 बजकर 46 मिनट (भारत में दिन के 11.16 बजे) पर 8.9 रिक्टर तीव्रता के तगड़े झटके ने जापान को थर्रा दिया। इसके साथ ही 33 फीट की सुनामी लहरें पूर्वोत्तर के समुद्री तट पर उठीं। भूकंप का केंद्र राजधानी टोक्यो से करीब 400 किमी दूर और करीब 25 किमी की गहराई में था। इस इलाके में भूकंप आते रहते हैं लेकिन जापान के मौसम केंद्र के मुताबिक यह झटका पिछले करीब 140 साल में सबसे जोरदार भूकंप है। इसके बाद झटकों का सिलसिला जारी रहा। उत्तरी जापान में सात मीटर ऊंची सुनामी उठीं।
कई रिहायशी शहर डूबे
भूकंप के कारण पैदा हरुई सुनामी लहरों के सैलाब ने जापान के मियागी और फुकुशिमा क्षेत्रों में खेतों, रिहायशी इलाकों को जलमग्न कर दिया। मियागी के तटीय शहर सेंदई भी सैलाब पहुंचा। सेंदई एयरपोर्ट भी लहरों में डूब गया। इस शहर की आबादी 10 लाख से ज्यादा है। यहां होटल भी ढह गया जिसमें कई लोगों के दबे होने की आशंका है। पुलिस ने 200 से 300 शव मिलने की जानकारी दी है। फुकुशिमा, मियागी और तोचिगि में मौतें हुई हैं।
भूकंप के कारण दोनों क्षेत्रों में परमाणु संयंत्र स्वत: बंद हो गए। परमाणु आपातकाल लागू किया गया है। उड़ानें रोक दी गई हैं, बुलेट ट्रेन भी रुक र्गई। पोर्ट बंद कर दिए गए हैं। यह तमाम इलाके अंधेरे में डूब गए। कई जगह आग लग गई। चिबा क्षेत्र के इचिहारा में आयल रिफायनरी में आग लगी है। भूकंप से तटीय इलाकों से दूर टोक्यो तक इमारतें थर्रा र्गई। सायरन बजते ही लोग बाहर की ओर भागे। कई जगह आग लग गई। टोक्यो में छज्जे गिरने, मलबे में दबकर 20 लोगों के घायल होने की खबर है।
सेना भेजी, दुनिया भी मदद को आगे आई
जापान ने भयंकर हादसे से प्रभावितों के लिए राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। सेना भेजी गई है। आठ सैन्य विमान नुकसान का जायजा ले रहे हैं। नौ सौ राहतकर्मी बचाव कार्य में जुटे हैं। अमेरिका और विश्व के अनेक देशों ने मदद की पेशकश की है। प्रधानमंत्री नाओतो कान ने अपने संदेश में कहा कि भूकंप और सुनामी से कई क्षेत्रों में जबर्दस्त नुकसान हुआ है। लेकिन परमाणु संयंत्रों से किसी तरह का रिसाव नहीं हुआ है।
विनाशकारी भूकंप से मची तबाही ने देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। टोक्यो स्थित मिजुहो आर्थिक अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ अर्थशाी यासूरो यामामूटा के मुताबिक हो सकता है सरकार को आपात बजट का ऐलान करना पड़े। इस भूकंप से खपत में भारी गिरावट आ जाएगी जिससे देश का सकल घरेलू उत्पाद सूचकांक बुरी तरह प्रभावित होगा।
शेयर बाजार भी गिरा
सूनामी भूकंप के चलते दुनियाभर के शेयर बाजार भी गिर गए। सबसे च्यादा असर एशियाई बाजारों पर पड़ा है। जापान का निक्केई 1.7 फीसदी गिर गया। वहीं हांगकांग का हैंगसेंग शेयर इंडेक्ट 1.8 फीसदी नीचे आ गया। सिंगापुर का निक्केई फ्यूचर में 3 फीसदी की गिरावट आई। दूसरी ओर मुंबई शेयर बाजार पर भी इसका असर दिखा। बीएसई 154 गिरकर बंद हुआ। ऑस्ट्रेलिया और साउथ कोरिया के बाजारों में भी 1 फीसदी की गिरावट आई।
खतरा नहीं, फिर भी भारत भी सतर्क
भारत में सरकार ने साफ कर दिया है कि सुनामी का खतरा नहीं है। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हैदराबाद स्थित इंडियन नेशनल सेंटर फार ओशन इन्फर्मेशन सर्विसेज ने सूचित किया है कि देश के लिए सुनामी का खतरा नहीं है। यह सेंटर लगातार स्थिति पर नजर रख रहा है। सेंटर के वाइस चेयरमैन एम शशिधर रेड्डी ने कहा कि हिंद महासागर में सुनामी खतरा नहीं है। जापान में 25000 भारतीय रहते हैं। इनमें अधिकतर टोक्यो व आसपास के प्रांतों में रहते हैं। जापान में रहने वाले भारतीयों के लिए टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
No comments:
Post a Comment