योग गुरु बाबा रामदेव अब कांग्रेस और दक्षिणपंथी विचारधारा के बीच टकराव की सीधी वजह बनते जा रहे हैं। भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ अभियान छेड़ने वाले योग गुरु बाबा रामदेव के बचाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अब खुलकर आगे आ गया है। आरएसएस ने रामदेव पर सवाल खड़े करने पर कांग्रेस की तीखी आलोचना की है।
आरएसएस ने कहा है कि रामदेव का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी पी.जे.थॉमस की सीवीसी के तौर पर नियुक्ति को गलत ठहराते हुए रद्द कर दिया है। आरएसएस के मुखपत्र 'द ऑर्गनाइजर' ने लिखा है कि दिल्ली में हाल ही में हुई रैली में बाबा रामदेव ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार का स्रोत कहते हुए पार्टी पर दोषियों को पहचानने, पकड़ने और सज़ा देने के लिए कोई भी ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाया था। बाबा रामदेव इस साल जून में राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं।
आरएसएस ने कहा है कि रामदेव का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी पी.जे.थॉमस की सीवीसी के तौर पर नियुक्ति को गलत ठहराते हुए रद्द कर दिया है। आरएसएस के मुखपत्र 'द ऑर्गनाइजर' ने लिखा है कि दिल्ली में हाल ही में हुई रैली में बाबा रामदेव ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार का स्रोत कहते हुए पार्टी पर दोषियों को पहचानने, पकड़ने और सज़ा देने के लिए कोई भी ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाया था। बाबा रामदेव इस साल जून में राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं।
'द ऑर्गनाइजर' के मुख्य संपादकीय के मुताबिक, 'कांग्रेस परेशान है और इसे समझा जा सकता है। कांग्रेस ने एक बयान जारी कर दिया कि धर्म को राजनीति से दूर रखना चाहिए। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को समर्थन देने के बजाय कांग्रेस गुस्से में है। कांग्रेस का धर्म को राजनीति से दूर रखने का बयान ढकोसला ही है क्योंकि इस पार्टी ने हमेशा ही एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा किया है। एक जाति को दूसरी के खिलाफ और एक धर्म को दूसरे के खिलाफ ताकि वोट बटोरे जा सकें। फिलहाल कांग्रेस अल्पसंख्यकों के वोट की जुगत में है। कांग्रेस ने अपने नेताओं को हिंदुओं के खिलाफ अभियान छेड़ने के लिए कह दिया है।'
इससे पहले बाबा रामदेव की ओर से भाजपा को बतौर चंदा 11 लाख रुपये दिए जाने के खुलासे के बाद कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। पार्टी का कहना है कि योग गुरु ने लोगों के दान के पैसे को किसी राजनीतिक दल को देकर जनता के साथ विश्वासघात किया है। कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने दैनिक भास्कर डॉट कॉम से बातचीत में कहा, 'लोग बाबा रामदेव को दान में पैसे देते हैं ताकि योग का विकास हो न कि किसी राजनीतिक दल का। यदि योग गुरु लोगों के दान का पैसा बीजेपी को देते हैं तो ऐसा कर वह दानदाताओं के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। ढोंग और यथार्थ में हमेशा ही बहुत बड़ा अंतर होता है।'
स्वामी रामदेव की संस्था पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने केंद्र में मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले दान में धन दिया। यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अफरोज आलम साहिल को सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त हुई। सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक रामदेव की संस्था पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने भारतीय जनता पार्टी को चेक के जरिये 11 लाख रुपये दान दिए। पंजाब नेशनल बैंक का यह चेक (चेक नंबर-859783) 8 मार्च 2009 को काटा गया था। हालांकि, पतंजलि योग ट्रस्ट से जुड़े आचार्य बालकृष्ण ने स्पष्टीकरण देते हुए यह स्वीकार किया कि पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के खाते से 11 लाख रुपए का चेक भारतीय जनता पार्टी को दान के रूप में दिया गया। लेकिन उन्होने यह भी कहा कि इसके बारे में बाबा रामदेव या उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।
बीजेपी के'एजेंट'
कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा ने बाबा रामदेव को भाजपा का 'एजेंट' करार दिया है। उन्होंने कहा, ' योग गुरू के तौर पर कांग्रेस सहित पूरा देश बाबा रामदेव का सम्मान करता है लेकिन जिस तरीके से वह बयानबाजी कर रहे हैं और राजनीति में आने का ख्वाब रखते हैं तो उन्हें देश की जनता इसका जवाब देगी।' रामदेव की संस्था की ओर से बीजेपी को चंदा दिये जाने के बारे में कांग्रेसी नेता ने कहा, 'यह संभव नहीं है कि रामदेव की जानकारी के बिना ट्रस्ट की ओर से कोई दान किसी को दिया जाए।'
नार्को टेस्ट की चुनौती
काले धन के मुद्दे पर रामदेव और कांग्रेस के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है। नेताओं को काले धन के मुद्दे पर नार्को टेस्ट कराने की बाबा की चुनौती को कांग्रेस सांसद प्रवीण ऐरन ने स्वीकार कर उलटे बाबा रामदेव को ही नार्को टेस्ट की चुनौती दी है। बरेली से सांसद ऐरन ने एक बयान जारी कर बाबा रामदेव पर नेताओं की छवि खराब करने और गैरजिम्मेदाराना आरोप लगाने की बात की। उन्होंने कहा कि रामदेव और कुछ तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए पूरी राजनीतिक व्यवस्था का अपमान कर रहे हैं।
ऐरन ने कहा कि वह खुद व उनकी मेयर पत्नी नार्को टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं कि उन्होंने काले धन का या रिश्वत का चुनाव में कभी उपयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि बाबा और उनके संस्थान चलाने वाले तमाम लोग नार्को टेस्ट कराएं और इन सवालों का जवाब दें कि जमीन या हेलीकॉप्टर खरीदने में काले धन का उपयोग नहीं हुआ। साथ ही वो आमदनी के स्रोतों के बारे में भी खुलासा करें। कांग्रेस के अन्य सांसद भी ऐरन के साथ आ गए हैं। कांग्रेसी सांसद प्रदीप टमटा और विनय पांडेय ने भी बाबा की नार्को टेस्ट कराने की चुनौती स्वीकार की है।
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