वह मारा जाएगा
♦ अश्विनी कुमार पंकज
देहरी लांघो
लेकिन धर्म नहीं
क्योंकि यही सत्य है
पढ़ो
खूब पढ़ो
लेकिन विवेक को मत जागृत होने दो
क्योंकि यही विष (शिव) है
हंसो
जितना जी चाहे
जिसके साथ जी चाहे
पर उसकी आवाज से
देवालयों की मूर्तियों को खलल न पड़े
क्योंकि यही सुंदर है
याद रखो
देहरी ही सत्य है
अज्ञान ही शिव है
धर्म ही सुंदर है
सत्यं शिवं सुंदरम का अर्थ
प्रेम नहीं है
जो भी इस महान अर्थ को
बदलना चाहेगा
वह मारा जायेगा
चाहे वह मेरा ही अपना लहू क्यों न हो
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