संघ परिवार की आपत्तिजनक गतिविधियों में से एक है उसका
अहर्निश मुस्लिम विद्वेष और सामाजिक विभाजन के मसलों को हवा देना। साथ में
हिन्दुत्व के आधार पर समाज को एकजुट करना और यह सब वे अबाधित ढ़ंग से करते रहे
हैं। प्रिंट में इस तरह के मसलों पर प्रचार से सीमित क्षेत्र में असर होता था पर
इंटरनेट पर असीमित क्षेत्र पर असर होता है।
भारत सरकार को संघ परिवार और इसी तरह के अन्य फंडामेंटलिस्ट
और आतंकी गुटों कीप्रचार सामग्री को तेजी से नेट से हटाने या ब्लॉक करने का काम
करना चाहिए और अहर्निश चौकसी बढ़ाकर रीयलटाइम में हस्तक्षेर करने वाली मशीनरी खड़ी
करनी चाहिए।
देश की सीमाएं जिस मुस्तैदी से सेनाएं देखती है ठीक उसी
मुस्तैदी और उससे भी ज्यादा सजगता के साथ इंटरनेट सामग्री की निगरानी,छंटाई,प्रतिबंध और
कानूनी एक्शन के बारे में सोचा जाना चाहिए। सरकार इस निगरानी के काम से अब तक
भागती रही है।इसका ही यह कु-परिणाम था कि नेट का विभाजनकारी ताकतें इस्तेमाल करने
में सफल रही हैं।
फेसबुक पर सक्रिय लोग ध्यान दें और सावधान रहें, संघ परिवार के लोग इस माध्यम का फासीवादी
ढ़ंग से दुरूपयोग कर रहे हैं। हाल के असम हिंसाचार और नार्थ-ईस्ट पलायन को लेकर हमारे
जो अनुमान थे कि इस मौके पर उडायी जा रही अफवाहों में संघ परिवार की भी भूमिका है।
इस अनुमान की पुष्टि हुई है। भारत की सामाजिक एकता को बचाए रखने के लिए संघ परिवार
के प्रत्येक संदेश को संदेह की नजर से देखो।
फेसबुक आदि नेट माध्यमों को सामाजिक विभाजन और घृणा के
प्रचार का माध्यम नहीं बनाने दें। हम सब मिलकर ऐसे लोगों को नंगा करें जो घृणा
फैला रहे हैं। लोकतांत्रिक हकों के लिए लड़ना, परिवर्तन के लिए संघर्ष करना, सामाजिक
परिवर्तन के विचारों का प्रचार करना संविधान सम्मत है, कानून
सम्मत है, लेकिन घृणा और सामाजिक विभाजन का प्रचार आपराधिक
कृत्य है और इसकी फेसबुक आदि माध्यमों पर सरकार इजाजत न दे और निगरानी
बढ़ाए। फेसबुक पर छाए हिन्दुत्ववादी यूजरों के खिलाफ राजनीतिक सचेतनता बेहद जरूरी
है। वरना ये लोग देश में सामाजिक विभाजन और हिंसाचार के लिए इंटरनेट जैसे मुक्त
माध्यम का दुरूपयोग करने से नहीं चूकेंगे।
हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि सभी किस्म घृणा सामग्री
वाले फेसबुक, ब्लॉग और
ट्विटर एकाउंट तुरंत बंद करे या उनको ब्लॉक करे और जिन लोगों ने ऐसी सामग्री दी है
उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करे।
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