“मेरे पति ने क्या किया है, उसपर किस तरह का आरोप है, वह भारत के किस आतंकवादी वारदात में
शामिल है या वह किस आतंकवादी संगठन का सदस्य है……किन वजहों से भारत सरकार ने मेरे
पति फसीह महमूद को सऊदी अरब में गिरफ्तार करवाया है, कृप्या मुझे बताएं. आज तीन महिने से
ज्यादा वक्त हो गए, मैं
अपने पति से मिलना चाहती हूं. पर भारत सरकार मुझे वीजा भी नहीं दे रही है. मैं
क्या करुं? अपने पति से मिलने के
लिए-उसके गुनाहों को जानने के लिए-मैं गृह मंत्रालय सहित तमाम राजनेताओं से मिल
चूकी हूं. अपने जमात के नेताओं से भी मिल चुकी हूं. लेकिन आज तक आश्वासन के अलावे
मुझे कुछ नहीं मिला हैं.” ये बातें निकहत परवीन ने सीपीएम के द्धारा आयोजित बिहार
में अल्पसंख्यकों की समस्याओं और अधिकार विषय पर बोलते हुए कही.
निकहत ने कहा कि १३ मई २०१२ को मेरे
घर में कुछ लोग आए और कहा कि भारतीय दूतावास में फसीह को बुलाया गया है. फसीह गया
और उसके बाद से मुझे उसकी कोई खबर नहीं मिली. खोजते-खोजते जब मैं अपने पति की तलाश
में भारत पहुंची और विदेश मंत्रालय, गृह
मंत्रालय समेत तमाम जिम्मेदार संस्थानों के दरवाजे खटखटाए तब विदेश मंत्रालय के
अंडर सेक्रेटरी श्री रेड्डी ने कहा, “फसीह
कौन है, मैं नहीं जानता. भारत
सरकार की कोई भी एजेंसी फसीह को नहीं खोज रही है.” वहीं गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने
उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज किया जिसमे यह बताया गया था महमूद को २०१० के
चिन्नास्वामी स्टेडियम मामलों में भारतीय अधिकारियों के द्धारा गिरफ्तार किया है.
“लेकिन अचानक १८ जून २०१२ को खबर आई
कि कर्नाटक-दिल्ली पुलिस फसीह को चिन्नास्वामी स्टेडियम और जामा मस्जिद में हुए
आतंकवादी हमले उसे कस्टडी में लेने कि कोशिश में है,
पर इन
मामलों में आज तक कोई चार्जशीट नहीं आई है. इंटरपोल के नियमों के तहत किसी भी
व्यक्ति का तभी प्रत्यार्पण होगा जब उसपर चार्जशीट हो……आखिर में मैने २४ मई २०१२
को हैबियस कार्पस दाखिल किया तो २४ मई को फसीह पर वारंट और ३१ मई को रेड कार्नर
नोटिस जारी कर दी गई. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली-कर्नाटक पुलिस ने कहा कि फसीह के
खिलाफ किसी भी कोर्ट में चार्जशीट नहीं है.”
निकहत ने आगे कहा, “अभी मेरी शादी हुए महज एक साल हुआ
है. मेरे पति फसीह को सरकार फर्जी मुकदमे लगाकर सऊदी की जेल में रखी हुई है. वह
तीन महीनों से किन हालातों में है, उसकी
सेहत कैसी है, हमे
उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. बस अभी मैं यही चाहती हूं कि मुझे
अपने पति फसीह से मिलने का मौका दिया जाए. मैं उसे मिलना चाहती हूं बस..!”
Shame on the Government !!!
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