Saturday, November 03, 2012

काजी या जिस्म के सौदे का दलाल....!



हैदराबाद: कॉन्ट्रैक्ट मैरिज की आड़ में होता है जिस्म का सौदा
हैदराबाद। एक ऐसे बाजार में जहां इंसानी मूल्य और मासूमियत बिकती है। शादी के पवित्र बंधन के नाम पर गरीब लड़कियों को फांसा जाता है, उनकी अस्मत और सपनों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ये एक ऐसा बाजार है जिसमें अमीरों की खातिर 6-8 महीने के लिए बीवियां पैदा की जा रही हैं। निकाह करवाया जाता है और उसी वक्त धोखे से तलाकनामा भी तैयार हो जाता है। लड़कियों को भनक तक नहीं लगती कि कॉन्ट्रैक्ट मैरिज के नाम से ये रिश्ता सिर्फ उनके जिस्म के इस्तेमाल के लिए बन रहा है, दरअसल ये निकाह नहीं है बल्कि नर्क है।

निजाम के जमाने में अपनी शान-शौकत और तहजीब के लिए मशहूर पुराना हैदराबाद। एक अरसे से अरब के शेखों की आरामगाह के बतौर बदनाम हैदराबाद जहां शेख आते और ग़ुरबत में जीती नाबालिग लड़कियों को साथ ले जाते, कानून ने सख्ती की, तो शेखों के दौरे घटने लगे, लेकिन पैदा हो गए नए दलाल, शिकार वही था। सिर्फ जाल बदल गया। पाक रिश्तों पर मोहर लगाने वाला शब्द ‘निकाह’ यानि शादी का कानूनन तरीका, लेकिन उसे इस मंडी ने नया नाम दिया ‘कॉन्ट्रेक्ट मैरिज’ यानि ग्राहकों की जरूरत और मर्जी तक चलने वाली शादी।

खास बात ये कि अपनी जिंदगी के सुनहरे तार बुन रही कुंवारी लड़की को अक्सर भनक तक नहीं लगती कि कुछ महीने या शायद साल तक बेगम बनने के बाद उसे तलाक देकर गुमनामी के अंधेरे में धकेल दिया जाएगा।
ये हकीकत नर्क से भी बदतर है, जहां गढ़े जाते हैं, बुने जाते हैं कागजी निकाह और निकाह के कानूनी रास्ते से पेश किए जाते हैं सेक्स स्लेव। पुराने हैदराबाद इलाके में काजी मोहम्मद अजमतुल्लाह शाह सूफी जाफरी मिले। उनको हमने मकसद बताया तो उन्होंने फौरन कॉन्ट्रेक्ट मैरिज के लिए हामी भर दी। काजी के मुताबिक वो शादी करवा देगा। काजी के राजी होते ही जब लड़कियों और उनके घर वालों से मिलने की इच्छा जताई गई तो वो इसके लिए भी तैयार हो गया।
जब कॉन्ट्रेक्ट मैरिज पर आने वाले खर्च की बात की तो काजी ने धंधे का रिवाज बताया। काजी ने मेहर की रकम की बात बताई। अनमैरिड बच्ची रही तो 4 लाख- 5 लाख। काजी ने बताया कि असल में घरवालों को कभी पता नहीं चलता कि उनकी बेटी की शादी सिर्फ 6 से 8 महीने की मेहमान है यही नहीं तलाक के बाद भी उन्हें ये कभी पता नहीं चलेगा। इसका इंतजाम किया जाता है। इसके बाद काजी ने लड़कियों की रेटलिस्ट पेश की।
काजी ने बताया कि अनमैरिड के लिए 5 लाख, अगर शादीशुदा हो तो रेट 3 लाख हो जाएगा। बच्चे वाली एक लाख में मिल जाएगी। फिर उसी शाम काजी ने पुराने हैदराबाद के एक घर में बुलाया। 9 मासूम लड़कियों की नुमाइश की गई। ये इस मंडी का सबसे खौफनाक पल था-मंडी में बिक रही थीं वो लड़कियां जिन्हें ये तक पता नहीं था कि निकाह के कुछ वक्त बाद उन्हें दूध की मख्खी की तरह निकाल फेंका जाएगा। दलाल उन्हें लेकर आया था। हमने कोई भी लड़की पसंद न आने का बहाना बनाया ताकि हम इस मंडी से बाहर निकल कर खुली हवा में सांस ले सकें। दलालों ने एक और लड़की दिखाने की बात कही और दावा किया कि वो हमें जरूर पसंद आएगी। हम उससे भी मिले और जल्द जवाब देने की बात कह कर बाहर निकल गए।
काजी ने हमारे सामने करीब 10 लड़कियों की नुमाइश कराई। मगर हमारे कहने के बावजूद किसी भी लड़की के घरवालों से नहीं मिलवाया। काजी ने कहा कि घरवालों को बस ये बताया जाता है की उनकी लाडली का ब्याह मुल्क से बाहर करवाया जा रहा है।

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