Friday, December 17, 2010

विकास से दूर है देश के अल्पसंख्यक बाहुल्य 90 जिले

ज्ञानेन्द्र सिंह/एसएनबी


अल्पसंख्यकों के हितों और विकास के तमाम दावों की पोल खोलते हुए भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) की एक रिपोर्ट ने देश की चार राज्यों की राजधानियों सहित देश के अल्पसंख्यक बाहुल्य 90 जिलों में अपर्याप्त विकास कार्य होने का खुलासा किया है। राष्ट्रीय औसत से कम विकासवाले इन जिलों में देश की राजधानी दिल्ली का भी एक जिला शामिल है।

बहरहाल, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की सिफारिश पर शहरी विकास मंत्रालय ने इन जिलों के विकास की गति तेज कर दी है। कोलकाता, लखनऊ, भोपाल और रांची सहित देश के अल्पसंख्यक बाहुल्य 90 जिलों के विकास में कमी और खामी बताने वाली आईसीएसएसआर रिपोर्ट के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय हरकत में आ गया है।

इस रिपोर्ट ने उन तमाम विकास कार्यो के नतीजों की भी पोल खोली है जिसके तहत अरबों-खरबों रुपए खर्च किए जाते रहे हैं। उसी का नतीजा है कि जब देश के चार राज्यों की राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का एक जिला आज भी विकास के पैमाने में अधूरा है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की पहल के बाद शहरी विकास मंत्रालय ने इन जिलों को राष्ट्रीय औसत मानदंडों के तहत विकसित करने की तमाम परियोजनाएं शुरू कर दी हैं।

विकास कार्यो के लिहाज से अविकसित जिलों को तीन वर्गो में बांटा गया है। सन 2001 की जनगणना में पिछड़ेपन के मानकों और अल्पसंख्यक आबादी संबंधी आंकड़ों के आधार पर घोषित किए गए देश के अल्पसंख्यक बाहुल्य 90 जिलों में कराए गए एक सव्रेक्षण की रिपोर्ट यह बताने के लिए भी पर्याप्त है कि अल्पसंख्यकों के हितों की बात करनेवाले राजनीतिक दलों की सरकारों ने वास्तव में उनके लिए क्या किया है। इस रिपोर्ट को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने गंभीरता से लेते हुए आवास, स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा एवं कौशल शिक्षा, रोजगार सृजन व सौर ऊर्जा के क्षेत्र की परियोजनाओं को शुरू करवा दिया है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री सलमान खुर्शीद की जानकारी के मुताबिक, सामाजिक, आर्थिक एवं आधारभूत सुविधाओं के आधार पर 20 राज्यों के 53 जिलों को पहले वर्ग में रखा गया है जिसमें उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, बदांयू, बाराबंकी, खीरी, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, रामपुर, ज्योतिबाफूले नगर, बरेली, पीलीभीत, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, बिजनौर व बिहार के किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण, दरभंगा व अररिया हैं। दूसरे वर्ग में दिल्ली का नार्थ-ईस्ट, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत व गाजियाबाद, उत्तराखंड के उधमसिंह नगर व हरिद्वार, झारखंड की राजधानी रांची, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल व पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता शामिल हैं।

बहरहाल, विकास के लिए अब उक्त जिलों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रसूति गृह, इंदिरा आवास योजना के मकान, आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण, स्कूलों व चालू विद्यालयों के विस्तार, हैड पंपों व कुओं के निर्माण, इंटर कालेजों के निर्माण, आईटीआई व पालिटेक्निक भवनों के निर्माण, रोजगार व ग्राम स्व रोजगार योजना के तहत कई काम किए जाएंगे।


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