देश में संस्कृति औऱ राष्ट्रीयता के नाम पर जो तोड़फोड़ औऱ हिंसा की तस्वीरें दिखती है उनका सच कुछ औऱ भी हो सकता है. संस्कृति के पहरेदार बनने का दावा करनेवालों का चेहरा कुछ और भी हो सकता है. ये कुछ और कितना भयानक और शर्मनाक हो सकता है इसका पूरा सच आजतक ने तहलका के साथ मिलकर उजागर किया है. जो लोग समाज में मर्यादा को बचाये रखने के लिये मरने मारने का दम भरते हैं उनका असली धंधा क्या है !
मैंगलोर के पब से लड़कियों को बाहर निकाल कर उनके साथ बदसलूकी करने की तस्वीरें आपके दिमाग में आज भी जिंदा होंगी और लड़कियों के साथ ऐसा सलूक करनेवाले संगठन श्रीराम सेना के मुखिया प्रमोद मुतालिक को भी आप नहीं भूले होंगे. मुतालिक की याद हम आपको इसलिये दिला रहे हैं क्योंकि हम उसी मुतालिक के असली चेहरे से रूबरू कराने जा रहे हैं.
धर्म और संस्कृति की रक्षा की आड़ में मुतालिक और उसके गुर्गों का असली चेहरा छिपा है. आजतक और तहलका की टीम ने अपने कैमरे में वो सच कैद किया है जो बताएगा कि मुतालिक राष्ट्रीयता, परंपरा और संस्कृति का पहरादार बनने का जो दावा करता है दरअसल वो एक फरेब है. सच ये है कि धर्म की आड़ में मुतालिक धंधा करता है.
एक खास धर्म की रक्षा करने की आड़ में भाड़े के गुंडो को भेजकर तोड़फोड़ कराने का धंधा करने वाले प्रमोद मुत्तालिक ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रसाद अत्तावर से बात करने की बात कही तो तहलका-आजतक की टीम अत्तावर से मिलने निकल पड़ी.
काफी मशक्कत के बाद जब हम अत्तावर से मिले और हमने उसका सच जाना तो पैरों तले जमीन खिसक गयी और हमारा दावा है कि आप भी हैरत में पड़ जायेगे. आइये हम आपको बताते हैं श्रीराम सेना के मुखिया मुतालिक का एक और सच.
श्रीराम सेना के मुखिया प्रमोद मुतालिक का खासमखास (यानि दायां हाथ) प्रसाद अत्तावर है. अत्तावर के बारे में बाकी कुछ बताने से पहले हम आपको बताते हैं जीतेश के बारे में जो यह दावा करता है कि श्रीराम सेना के मुखिया प्रमोद मुतालिक की एक आवाज पर वो कुछ भी कर सकता है. मैंगलोर में कई दिनों की खास छानने के बाद आजतक तहलका के रिपोर्टरों से जब जीतेश टकराया तो वो हमें प्रसाद अत्तावर के पास ले गया.
जी हां प्रसाद अत्तावर, जिसका जिक्र हम आपसे पहले भी कर चुके हैं और ये भी बता चुके हैं कि ये प्रमोद मुतालिक का दायां हाथ है. इस शख्स के बारे में आजतक तहलका ने जब छानबीन शुरु की तो पता चला कि अत्तावर अंडरवर्ल्ड डान रवि पुजारी के लिये कारोबारियों से उगाही करने के लिये जेल जा चुका है. लिहाजा हमने इसका सच टटोलना शुरु किया और फिर इसने खुद ही अपना असली चेहरा हमारे सामने रख दिया.
अत्तावर ने बातचीत में हमसे कहा कि पैसा दो तो कर्नाटक ही क्यों महाराष्ट्र पश्चिम बंगाल औऱ उड़ीसा में किसी भी प्रदर्शनी में तोड़फोड़ हो जायेगी. इसपर हमने अत्तावर से प्रदर्शनी को लेकर अंडरवर्ल्ड की धमकी की बात रखी.
आजतक-तहलका और अत्तावर के बीच हुई बातचीत के कुछ अंशः
तहलका-आजतक: ऐसा हो सकता है हमारी प्रदर्शनी के अंदर...रवि पुजारी कोई कमेंट कर दे मीडिया के अंदर
अत्तावर: क्यों?
तहलका-आजतक: उससे हमे और पब्लिसिटी मिल जाएगी
अत्तावर: वो कैसे?
तहलका-आजतक: मिल जाएगी
अत्तावर: कैसे?
तहलका-आजतक: किसी भी नजरिए से...वो तो सोचना पड़ेगा. मान लो उसका जो विरोधी गैंग है उसकी कोई तस्वीर प्रदर्शनी में लगा देंगे और वो धमकी दे कि हमने ऐसा क्यों किया...ऐसा ही कुछ कर दें तो.
अत्तावर: तस्वीर...तस्वीर
तहलका-आजतक: वो जबरदस्त हो जाएगा
अत्तावर: वो छोड़ो..वो करेगा ना...वो भी करेगा
अत्तावर की बात का मतलब समझें तो प्रदर्शनी को सुर्खियों में लाने के लिये ये शख्स अत्तावर, अंडरवर्ल्ड की धमकी का इंतजाम भी करा सकता है. दंगे के धंधे का सच इतना ही नहीं है. हम अत्तावर का पूरा चेहरा देखना चाहते थे इसलिये बात का सिलसिला जारी रखा औऱ फिर थोड़ी ही देर में उसने पुलिस के साथ सेटिंग का सच भी उगल दिया.
अत्तावर ने कहा कि पुलिस को विश्वास में लेकर काम करना होगा. पुलिस को पैसे देकर ‘सेट’ करना होगा. इससे हिंसा के बाद की गिरफ्तारियों को सामान्य गिरफ्तारी साबित करेगी पुलिस. हिंसा करने वाले लड़कों पर मामूली धाराएं लगवानी होंगी. अत्तावर ने कहा कि हिंसा फैलाने वाले लड़के मैंगलोर के बाहर से होंगे.
इस पूरी बात चीत से कुछ बातें शीशे की तरह साफ हैं कि औऱ वो ये कि प्रमोद मुथालिक के लोगों के अंडरवर्ल्ड से भी रिश्ते हैं. प्रमोद मुथालिक के गुर्गे फायदे के लिए अंडरवर्ल्ड का इस्तेमाल करते हैं. संस्कृति की दुहाई देकर दंगे का धंधा किया जाता है. पंगा, पैसा लेकर आसानी से हो जाये इसके लिये मुतालिक के लोगों की पुलिस के साथ सेटिंग भी है और हिंसा की दुकानदारी करने वाले ये लोग मासूमों को गुमराह करते हैं.
लेकिन इसी दौरान प्रसाद अत्तावर को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है और हमारी डील की बात रुक जाती है. प्रसाद अत्तावर को कर्नाटक की सबसे सुरक्षित जेल बेल्लारी में रखा गया. पर प्रसाद अत्तावर कितना ताकतवर है और आसानी से पुलिस-प्रशासन को अपने हक में कर लेता है.
प्रसाद अत्तावर अंडरवर्ल्ड के इशारे पर उगाही के आरोप में पहुंच गया कर्नाटक की बेल्लारी जेल पर आजतक-तहलका की उसे बेनकाब करने की मुहिम यहीं नहीं रुकी. हमारे संवाददाता पहुंचे बेल्लारी जेल और वहां पर अत्तावर का खूंखार चेहरा हो गया बेनकाब कि कैसे पैसे के लिए श्रीराम सेना का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अपना ईमान बेचता है.
जेल में कैद प्रसाद अत्तावर ने ऐसे खुलासे किए जिनसे हड़कंप मच जाएगा. जेल में बंद होने के बावजूद अत्तावर डंके की चोट पर भाड़े में फसाद करवाने की पूरी गारंटी ले रहा था. इस गारंटी की बातचीत में अत्तावर से जो बात हुई उसके कुछ अंशः
तहलका-आजतक: पचास लड़का होगा जो तोड़फोड़...दंगा..टाइप करेगा
अत्तावर: हां...बिल्कुल...वो ये...सब किया न...पब का...ठीक वैसा ही
तहलका-आजतक: ठीक वैसा ही जैसा पब में किया था वैसी ही तोड़ फोड़...दंगा
अत्तावर: हां
तहलका-आजतक: जैसा पब में किया उससे अच्छा
अत्तावर: ये पब का कैसा हुआ...उससे बढ़िया...
तहलका-आजतक: हां
अत्तावर: ये वादा है...आपको पूरे नेशनल मीडिया में...
तहलका-आजतक: कवरेज मिल जाएगा...?
अत्तावर: हां कवरेज मिल जाएगा...नेशनल मीडिया में सब सेटिंग मैं करता हूं...
अत्तावर ये कह रहा है कि वो पब वाली तोड़फोड़ से बड़ी तोड़ करवायेगा और मीडिया में कवरेज भी दिलवायेगा. मैंगलोर जेल में अत्तावर से जब हमारी दूसरी मुलाकात हुई तो उसने इस बार हमें पैसे पर फसाद करने का अर्थशास्त्र बताया. अंडरवर्ल्ड से रिश्तों की पूरी कहानी अत्तावर ने खोलकर रख दी. साथ ही यह भी खुलासा कर दिया कि कैसे भाड़े में अंडरवर्ल्ड की धमकी भी बिकती है.
अत्तावर: नहीं..नहीं...मैंगलोर या
तहलका-आजतक: मैसूर
अत्तावर: मैसूर? दोनो जगह पर मैं सेटिंग करेगा
तहलका-आजतक: पैसा कितना लगेगा?
अत्तावर-नहीं...इधर बात करना ठीक नहीं है.
अत्तावर- मैंगलोर में...
तहलका-आजतक: हां प्रदर्शनी में 200 कार्यकर्ता होने चाहिए
अत्तावर-हां
तहलका-आजतक: पब की तरह ही तोड़-फोड़ होनी चाहिए
अत्तावर-वो मैं क्या बोलता हूं... वो सब मैं करेगा...आप रवि पुजारी को जानते हैं न...
तहलका-आजतक: जी
अत्तावर- रवि पुजारी को अपने साथ में लेगा...मैं पहले बोला था आपसे?
श्रीराम सेना के मुखिया प्रमोद मुतालिक का खासमखास प्रसाद अत्तावर ने तोड़फोड़ करने से लेकर अंडरवर्ल्ड डॉन तक का इंतजाम करने की गारंटी ली. इस बातचीत के बाद अत्तावर को मैंगलोर जेल से बेल्लारी जेल भेज दिया गया. लिहाजा तहलका-आजतक की टीम अत्तावर से मिलने बेल्लारी जेल पहुंची. यहां भी अत्तावर का असर दिख रहा था. अंदर एक अलग कमरे में हमारी मुलाकात अत्तावर से करायी गई.
अत्तावर: पेमेंट के बारे में...?
तहलका-आजतक: हां कुल कितना?
अत्तावर: अभी मैं क्या बोलता हूं...एक जगह पर होना है?
तहलका-आजतक: दो जगह, मैसूर और मैंगलोर
अत्तावर: पैसे के बारे में कैसे बात करूं
तहलका-आजतक: पुलिस की सेटिंग का है. संगठन का है. लड़का लोगों का है और आपका है. कितना कितना देना है. कुल कितना देना है. सारी सेटिंग आपको करनी है और रवि पुजारी का क्या है.
अत्तावर: वो भी मैं ही करेगा...अभी आपका दिल्ली में ये चल रहा है न...आप एक काम कीजिए कि आप मुझे अपना फोन नंबर दीजिए.
तहलका-आजतक: आप काम करोगे न
अत्तावर: हां
तहलका-आजतक: 50 लड़का मेरी पेटिंग को तोड़-फोड़ देगा
अत्तावर: हां
तहलका-आजतक: शहर के भीतर भी दंगा टाइप हो जाएगा
अत्तावर: वो सब भी कर देगा...देखेंगे आप कैसा?
श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक ने जब ठेके पर हिंसा फैलाने की हामी भरी, तब उसने ये भी बताया कि बैंगलोर में भी ये काम हो सकता है. खुद मुतालिक ने तहलका-आजतक के रिपोर्टर को बैंगलोर में अपने खास आदमी वसंत कुमार भवानी से मिलने को कहा. ये भवानी वही शख्स है, जो मैंगलोर में पब पर हमले के बाद श्रीराम सेना का प्रवक्ता बनकर मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा था.
प्रदर्शनी में बेवजह हिंसा फैलाने के लिए प्रमोद मुथालिक से बात पक्की होने के बाद हमारी मंज़िल था बैंगलोर शहर, जहां प्रमोद मुथालिक का सबसे खुराफाती साथी और श्रीराम सेना का बैंगलोर सिटी प्रमुख वसंत कुमार भवानी रहता है.
वसंत कुमार भवानी वही शख्स है, जो मैंगलोर के पब में हमले के बाद श्रीराम सेना का प्रवक्ता बना फिर रहा था. वैलेंटाइन डे के दिन जब कुछ लोगों ने प्रमोद मुथालिक के चेहरे पर कालिख पोती थी, तब श्रीराम सेना की ओर से जवाबी हमला बोलने वाला भी भवानी ही था. भवानी ठीक-ठाक पैसे वाला है और प्रमोद मुथालिक का सबसे खास साथी भवानी ही है. भवानी के बारे में खुद मुथालिक ने बताया था कि हिंसा फैलाने जैसे काम में भवानी बहुत माहिर है.
प्रमोद मुथालिक- मैं क्या बता रहा हूं..वहां के हमारे प्रेसिडेंट हैं.
रिपोर्टर- बैंगलोर के..?
प्रमोद मुथालिक- बैंगलोर के...वो भी बहुत स्ट्रांग हैं..आपसे परिचय हो गया?
अब आप जान गए होंगे कि मुथालिक और श्रीराम सेना के लिए कितनी अहमियत रखता है भवानी. बैंगलोर के जयनगर इलाके में एक छोटे से कैफे में भवानी से मुलाकात हुई. भवानी ने बातचीत के दौरान अपना पूरा प्लान समझाना शुरू किया कि बैंगलोर के किस इलाके में प्रदर्शनी लगाना और प्रदर्शनी में हिंसा फैलाना बेहतर होगा.
भवानी- ये रवींद्र कलाक्षेत्र मालूम है ना आपको...?
रिपोर्टर- हां..हां..
भवानी- उसके पीछे एक खुला स्टेज है..
रिपोर्टर- कितना क्राउड आ सकता है उसमें...?
भवानी- दो हज़ार...
रिपोर्टर- दो हज़ार..लेकिन वो सांप्रदायिक तौर पर तो संवेदनशील है ना?
भवानी- कम्युनलवाइज़ भी सेंसिटिव है..बोले तो उधर से मार्केट बहुत नजदीक है...
रिपोर्टर- सिटी मार्केट?
भवानी- सिटी मार्केट...
रिपोर्टर- हां फिर तो उधर मुस्लिम एरिया है..
भवानी- इसलिए वो जगह बहुत अच्छा है आपके लिए..शिवाजी नगर से वहां बहुत अच्छा स्कोप है, क्योंकि वहां बगल में मुस्लिम पॉपुलेशन भी बहुत ज़्यादा है...
भवानी अच्छी तरह जानता है कि किस इलाके में हिंसा फैलाना आसान है. कला प्रदर्शनी के नाम पर हिंसा फैलाने की बात हो रही थी और वसंत कुमार नाम का ये शातिर अब हमें ये समझा रहा था कि जिस इलाके में वो हिंसा फैलाना चाहता है, उस जगह का फायदा क्या है..?
रिपोर्टर- हां सिटी मार्केट में तो है..लेकिन उधर कॉमर्शियल एरिया ज़्यादा पड़ जाता है उधर...
भवानी- आपका जो थिंकिंग है ना, उसके लिए सूट हो जाता है उधर...
रिपोर्टर- हमारी जो प्रोफाइल है उसको सूट करता है..?
भवानी- उसको सूट करता है..शिवाजीनगर से ज़्यादा सूट है..शिवाजी नगर एक रिमोट एरिया हो गया, ये फ्लोटिंग ज़्यादा है...
रिपोर्टर- शिवाजी नगर किया तो वहां पर ये लगेगा...वहां पर एजूकेटेड क्लास नहीं है तो वहां क्यों कर रहा है...सिटी मार्केट किया तो..
भवानी- आपको आइडिया के लिए और इस कॉन्सेप्ट के लिए ये मैच हो रहा है..क्योंकि इलिटरेट आके आपका गैलरी तो देखने वाला नहीं है..देखेगा तो ये आपका..अपर क्लास..मिडिल क्लास...
रिपोर्टर- एलिट क्लास..
भवानी को पता है कि जहां अपर क्लास के लोगों की भीड़ होगी, वहां तोड़-फोड़ करने से ज़्यादा सुर्खियां मिलेंगी. भवानी जिस जगह पर हिंसा फैलाने की बात कर रहा था, उसका एक और फायदा था. भवानी जानता था कि ऐसी जगह पर पूरी तैयारी के साथ हिंसा फैलाने के बाद भी किसी को शक नहीं होगा कि सब कुछ पहले से तय था.
भवानी- अपर क्लास ही ज़्यादा देखेगा.. तो अपर क्लास... आप शिवाजी नगर में रखेंगे तो कौन आएगा.. ये प्री-प्लान्ड लगेगा सबको...
रिपोर्टर- हम्मम..
भवानी- अगर शिवाजी नगर किया तो... हां ये अगर एक डायरेक्शन से सोचेंगे तो सही बात है लेकिन उसको ज़्यादा हवा नहीं मिलेगा...
रिपोर्टर- हां..लोगों को कहीं लग सकता है...कहीं अंडर टेबल अलायंस है..
भवानी- लग सकती है...
वसंत कुमार भवानी बैंगलोर में प्रदर्शनी के दौरान हिंसा फैलाने के लिए राज़ी था. वो एक-एक पहलू पर गौर करने के बाद पूरा प्लान तैयार कर चुका था और अपनी डायरी देखने के बाद उसने प्रदर्शनी में हिंसा फैलाने के लिए सबसे अच्छा दिन भी बताया. वो जानता था कि वीकेंड में प्रदर्शनी देखने के लिए ज़्यादा लोग जुटेंगे..इसलिए उसने वीकेंड का दिन चुना हिंसा फैलाने के लिए.
भवानी- वीकेंड दंगों के लिए ठीक रहता है. वीकेंड में ज़्यादा भीड़ होगी और बड़ा सीन क्रिएट होगा. पुलिस के साथ सेटिंग का जुगाड़ हम कर लेंगे. लेकिन पहले हम पैसों की बात तय कर लें.
बसंत कुमार भवानी की बातों से आप समझ सकते हैं कि बैंगलोर में दंगा भड़काना उसके लिए मामूली सी बात है. वो गारंटी दे रहा था काम की. बशर्ते कि उसे मनचाहा दाम मिले.
वसंत कुमार भवानी. श्रीराम सेना का बैंगलोर सिटी का प्रमुख ये शख्स हमारी-आपकी सोच से भी ज़्यादा शातिर है. उसने ना सिर्फ पैसे लेकर हिंसा फैलाने के लिए जगह सुझाई, बल्कि ये भी बताया कि किसे चीफ गेस्ट बनाने से हिंसा फैलाने का काम आसान होगा और जब बात पैसों की आई, तो भवानी ने एक-एक काम का रेट लिस्ट पेश कर दिया.
बैंगलोर में प्रमोद मुथालिक के राइट हैंड वसंत कुमार भवानी ने हिंसा फैलाने के लिए सिटी मार्केट की जगह क्यों चुनी, ये तो आप सुन ही चुके हैं. ये उसके प्लान का पहला हिस्सा था. ये भी इसी शातिर का आइडिया था कि अगर प्रदर्शनी में किसी मुस्लिम नेता को चीफ गेस्ट बनाया जाए, तो श्रीराम सेना का काम और भी आराम से होगा. चीफ गेस्ट बनने लायक नेताओं का नाम भी भवानी ने ही सुझाया.
भवानी- मुमताज अली को ही बुलाइए ना...
रिपोर्टर- किसको..?
भवानी- मुमताज अली को..
रिपोर्टर- ये कौन है...?
भवानी- वक्फ बोर्ड का मिनिस्टर है ना... अभी...
रिपोर्टर- कर्नाटक से..?
भवानी- हां...
रिपोर्टर- आ जाएगा वो तो..कितना एज होगा मुमताज अली का..?
भवानी- फिफ्टी के ऊपर है...
चीफ गेस्ट का नाम सुझाने के बाद भवानी ने ये बताना शुरू किया कि हिंसा फैलाने से पहले क्या-क्या तैयारी करनी है. उसने बताया कि मौके पर एंबुलेंस भी चाहिए. क्योंकि पहले से तय हिंसा में कितना खून-खराबा होगा, ये तो भवानी भी नहीं जानता.
भवानी- मैं इसका एश्योरेंस नहीं दे सकता... आपका डैमेज कितना होगा..डैमेज तो होगा.. लेकिन कितना होगा, ये गारंटी नहीं दे सकता...क्योंकि हमारे लड़के बहुत फेरोसियस (उग्र) लड़के हैं...वो आगे-पीछे नहीं देखते..
रिपोर्टर- एक बार किया तो किया...
भवानी- किया...मैं उनको अवॉयड भी नहीं कर सकता, क्योंकि मेरे ऊपर भड़क जाएंगे...जब नेता ही फेरोसियस है तो उनके फॉलोअर भी फेरोसियस होंगे...इतना मैं आपको बोलना चाहता हूं...डैमेज तो होगा लेकिन कितना होगा.. ये बोल नहीं सकता हूं..
भवानी की बातों से साफ है कि उसके गिरोह में भाड़े पर मार-पीट करने...तोड़-फोड़ करने वालों की पूरी फौज है. वो हमें बता रहा था कि एक बार उसके लड़के बेकाबू हो गए, तो उन्हें कंट्रोल करना मुश्किल होगा. इसीलिए भवानी बता रहा था कि एंबुलेंस तैयार रखना पड़ेगा.
रिपोर्टर- पब्लिक बीटिंग हो सकती है...?
भवानी- हो सकती है...उधर आके जो भी आके उनको...क्योंकि ये सब भी कर देते हैं हमारे लड़के...
पोर्टर- भीड़ वगैरह आई तो फिर कंट्रोल नहीं होता..
भवानी- कंट्रोल नहीं होता है..
रिपोर्टर- एंबुलेंस तैयार रखना पड़ेगा..?
भवानी- बिल्कुल...वो भी हो सकता है.. वो फिर मेरे लोग हैं..जब लेते हैं ना कुछ...तो फिर उनको समझाना पड़ता है...बोलना पड़ता है...केस ज़्यादा हो जाएगा..पहले से ज़्यादा केस है...कंट्रोल करो...सिर्फ जो ये डिस्प्ले है उसको थोड़ा...ये...
रिपोर्टर- डैमेज करो...
भवानी- डैमेज करो...लोगों को टच मत करो...
रिपोर्टर- ये सुनते नहीं हैं लेकिन..
भवानी- इतना तो मैं समझा दूंगा लेकिन...बोल नहीं सकते ना.. एक-आध तो रहता है जो लेके मिला उसको तोड़ दो, फोड़ दो.. ऐसे सिरफिरे लोग हैं..
प्रदर्शनी के दौरान हिंसा फैलाने का एक-एक प्लान बताने के बाद भवानी मुद्दे की बात पर आया. यानी कि दंगा फैलाने के एवज में दाम कितना मिलेगा?
रिपोर्टर- उन्होंने मुझे दो लाइन बोला था..संगठन के लिए अलग..कार्यकर्ता के लिए अलग...तो मैंने संगठन के लिए 5 लाख का..तो बोले देखेंगे..कार्यकर्ताओं के लेवल पर ये हो जाएगा कि केस वगैरह पड़ गया तो ठीक है..कार्यकर्ताओं के लिए 50 हज़ार पर...कुछ उसको मिल जाएगा..कुछ उसके केस में यूज़ हो जाएगा...दस लड़का आ गया तो 5 लाख..उन्होंने मुझे बोला यूं..संगठन का आप क्या करते हो वो मुथालिक जी के साथ है और लड़का... वो मैं आपको खुद दूंगा..पुलिस का जो सेटिंग है..वो भी करके दूंगा..कि वो भी करना पड़ेगा...
भवानी- पुलिस का सेटिंग भी करना पड़ेगा...बिना उसका नहीं होगा...
भवानी की ये बात बेहद हैरान करने वाली है. वो हिंसा फैलाने का ठेका ले रहा है और हिंसा फैलाने से पहले ही पुलिस के साथ सेटिंग करने की बात भी कह रहा है. इसके लिए वो सौदे में अलग से रकम तय करने में जुटा रहा.
रिपोर्टर- नहीं...होगा.. तो वहां पर 3 फेज़ में जा रहा है...3 डाइमेंशनल...संगठन का अलग..कार्यकर्ताओं का अलग और पुलिस का अलग...
भवानी- पुलिस का अलग...
भवानी हिंसा फैलाने के सौदे में भी पूरी सावधानी बरत रहा था. उसने बैंगलोर में हिंसा फैलाने के एवज में पहले हमसे हमारे बज़ट के बारे में पूछा और फिर ये पूछने लगा कि मैंगलोर में इस काम के लिए श्रीराम सेना के उपाध्यक्ष प्रसाद अतावर ने कितने पैसों में हामी भरी है...? भवानी की बातों से ये साफ इशारा मिल रहा था कि दंगे के धंधे में उसके और अतावर के बीच होड़ चल रही है कि संगठन के लिए कौन, कितना पैसा कमा सकता है.
गुंडागर्दी और दंगे-फसाद का जाल खुफिया कैमरे में कैद हो चुका था. सारी बातें हो चुकी थीं. तय हो चुका था कि कैसे-कैसे दिया जाएगा तोड़-फोड़ को अंजाम. पैसों की बातचीत भी मुथालिक के एक आदमी से हो चुकी थी. अब बस मुथालिक की मुहर लगनी बाकी थी. हमारी टीम फिर पहुंची मुथालिक के पास.
इस बार मुथालिक की जुबान जरा बदली हुई सी थी. पता नहीं क्या बात थी कि पिछली मुलाकात में जो सीना चौड़ा कर अपने गुंड़ों और गुंडागर्दी की बात कर रहे थे, वो इस बार आत्मा की आवाज सुन रहे थे.
हालांकि, मुथालिक की ये बातें बस अपनी छवि को बचाए रखने के लिए थीं. अगर उनकी छवि पर दाग ना लगे, तो वो कुछ भी करने को तैयार हैं. हम ये इसलिये भी कह रहे हैं क्योंकि थोड़ी देर में ही मुथालिक अपनी पुरानी बातों पर लौट आए. वो तैयार थे कि उनके लोग फसाद करेंगे. तैयार थे कि पैसा लेकर उनके गुंडे तय जगह पर तोड़फोड़ करने पहुंच जाएंगे.
बात साफ है और वो ये कि मुथालिक खुद सीधे-सीधे पैसों का लेन-देन नहीं करते. लेकिन उन्हें पता होता है कि पैसे कहां और कैसे पहुंच रहे हैं. आजतक-तहलका के खुलासे में ये बात साफ है कि परंपरा और संस्कृति के नाम पर गुंडागर्दी की जो दुकान प्रमोद मुथालिक ने अपने साथियों के साथ मिलकर खोली है, वो खूब चल रही है.
तफ्सील से बताते हैं आपको कि दंगे के धंधे की कंपनी कैसे काम करती है मुथालिक के इशारे पर. कैसे पैसे के लिए धर्म की दुकानदारी चलाता है श्रीरामसेना का मुखिया प्रमोद मुथालिक. कैसे हिन्दू संस्कृति के नाम पर दंगे करती है मुथालिक की कंपनी. श्रीराम सेना का मुखिया प्रमोद मुतालिक दंगे की सुपारी लेता है. वो पैसे रुपए की बात नहीं करता और सुपारी अपने कारिंदे प्रसाद अत्तावर को दे देता है.
प्रसाद अत्तावर पैसे के दम पर हिंसा कर सुर्खियां बटोरने वाले से पूरी डील करता है. पैसे की बात करता है और फिर अपने साथी बसंत कुमार भवानी को ठेका दे देता है. बसंत पूरी रणनीति बनाता है कि कितने पैसे पर कितने लोग किस तरह से किस मुद्दे पर विरोध की हिंसा करेंगे और किन धाराओं पर पुलिस गिरफ्तारी करेगी और किन धाराओं पर मुकदमा कायम होगा.
किस शहर में दंगा करने के लिए किस शहर से आदमी पहुंचेंगें और फिर जब पैसे रुपए और पूरी रणनीति का ब्योरा तैयार हो जाता है तो प्रमोद मुतालिक-डील फाइनल करता है. फिर बसंत और अत्तावर अपने कारिंदे पुजारी,जीतेश और कुमार को सौंप देते हैं दंगे के धंधे की डील. ये तीनों दंगाइयों का इंतजाम करते हैं. उन्हें बताते हैं कि किस चीज को तोड़ना है और किसे छोड़ना है.
वो तय करते हैं कि किसे पीटना है और किसके मुंह पर कालिख पोतनी है और वही तय करते हैं कि हिंसा को किस अंजाम तक पहुंचाना है. इस तरह से मुतालिक की कंपनी काम करती है.
दुनिया सोचती है कि उग्र हिन्दूवादी संगठन संस्कृति की रक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं पर हकीकत ये है कि वो तो बस पैसा कमाने के लिए लोगों का इस्तेमाल कर रहे हैं और कुछ लोग पैसे के दम पर हिंसा का ठेका दे सुर्खियां बटोर रहे होते हैं.
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