Thursday, January 13, 2011

राष्ट्रपति को लिखे खत में असीमानंद ने गुनाह कबूल किया !


चंडीगढ़. समझौता एक्सप्रेस में बम ब्लास्ट की वारदात को अंजाम देने के आरोप में हिरासत में लिए गए स्वामी असीमानंद  द्वारा भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रपतियों के नाम लिखे कथित खत में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। एक खोजी मैगजीन के हवाले से चैनलों ने इस आशय की खबर दी है। खबर के अनुसार स्वामी असीमानंद ने भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रपतियों के नाम यह  खत लिखा है जिसकी कॉपी खोजी पत्रिका तहलका  के पास है। गौरतलब है कि मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामलें में आरोपी है स्वामी असीमानंद।


गुनाह का प्रायश्चित करना चाहता है


उसने अपने इस खत में इस बात का भी जिक्र किया है कि कैसे एक मुस्लिम लड़के से मुलाकात के बाद उसे अपने गुनाह का प्रायश्चित करने का विचार उत्पन्न हुआ। टीवी मीडिया में यह खबर  एक प्रमुख खोजी समाचार पत्रिका के हवाले से चर्चा में आई है और बताया जा रहा है कि जो खत राष्ट्रपति को भेजा गया है उसमें कलीम नाम के एक लड़के का जिक्र किया गया है जिससे असीमांनंद की मुलाकात जेल में हुई थी । कलीम हैदराबाद के मक्का मस्जिद में हुए बम धमाकों के आरोप में जेल में बंद बताया जाता है।हालांकि अभी तक राष्ट्रपति भवन से इस तरह के किसी भी पत्र के मिलने की बात की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है और इस संबंध में केवल मीडिया में ही चर्चा का बाजार गर्म है। हालांकि खोजी पत्रिका तहलका ने इसे जारी कर दिया है


अधिक सजा से बचने के लिए  कोई नहीं चाल तो नहीं?


स्वामी असीमानंद को जिन धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया है उसे देखते हुए अपराध साबित हो जाने पर कड़ी से कड़ी सजा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। स्वामीअसीमानंद के इस नए खत को लेकर इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही है कि अपने इस नए कदम के साथ वह होने वाली सजा में राहत की गुंजाइश तो नहीं देख रहा है? अगर उसे मौत की सचा घोषित होती है और वह अपने गुनाह के कबूलनामे और प्रायश्चित की बातों का हवाला देकर राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाकर होने वाली सजा में माफी का जिक्र या सजा को कम करने की अर्जी लगा सकता है।

No comments:

Post a Comment