Saturday, January 22, 2011

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब, जेल क्यों भेजा नाबालिग को

नई दिल्ली। बांदा के बीएसपी विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के खिलाफ नाबालिग दलित लड़की से रेप के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और सीबीआई से जवाब मांगा है कि अगर लड़की नाबालिग थी तो उसे जेल कैसे भेज दिया गया। इस संदर्भ में दायर याचिका में इस मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की गई है। जस्टिस आफताब आलम और जस्टिस आर.एम. लोढ़ा की बेंच के सामने याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पीडि़ता को चोरी के झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया और नाबालिग होने के बावजूद जेल भेज दिया गया। जबकि उसे जूवनाइल जस्टिस एक्ट के तहत जेजे बोर्ड के सामने पेश किया जाना चाहिए था और सुधार गृह भेजा जाना चाहिए था। संबंधित मैजिस्ट्रेट ने इस कानून की अनदेखी की और लड़की को जेल भेज दिया। वैसे भी नाबालिगों से संबंधित मामले की सुनवाई का अधिकार मैजिस्ट्रेट को नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आरोपी विधायक को बचाने की कोशिश कर रही है। इसलिए सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए। अदालत ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही सीबीआई से पूछा है कि क्या वह इस मामले की जांच कर सकती है? उधर, बांदा में स्थानीय कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए विधायक द्विवेदी ने धमकी दी कि मैं इस केस में छूटते ही अपने राजनीतिक विरोधियों से, जिन्होंने मुझे इस केस में फंसाया है, बदला लूंगा। पिछले सप्ताह भी द्विवेदी ने अपने राजनीतिक विरोधियों को इसी तरह की धमकी दी थी। द्विवेदी और उनके तीन सहयोगियों की जुडिशल कस्टडी अडिशनल सीजेएम ने 14 दिन और बढ़ा दी। जब द्विवेदी को वज्र वाहन में अदालत लाया गया, उस वक्त स्थानीय मीडिया और वकीलों में भी भिड़ंत हो गई। बाद में वकीलों ने जिला जज से मुलाकात की तो अदालत परिसर में इस मामले की कवरेज के लिए कुछ निर्देश जारी किए गए।

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