(अनवर चौहान की खास रिपोर्ट) पुर्खों ने जायदाद इसलिए वक्फ की थी कि ग़रीबों और यतीमों के काम आएगी। तब ये बात किसी के ख्वाबो-ख्यालों भी नहीं होगी कि उनकी जायदाद का नाजायज़ इस्तेमाल होगा। वरना तो कोई भी अपनी जायदाद को वक्फ नहीं करता। नाजायज़ शब्द पर चौकिए मत...दिल थाम कर वक्फ बोर्ड के काले कारनामों की कार गुज़ारी जानिए। वक्फ जायदाद के लुटेरों की दास्तान एक ख़बर में समेटी नहीं जा सकती। पढ़िए इसकी सिलसिलेवार किश्त...
वक्फ जायदाद के लुटेरे- पहली किश्त
केंद्र में कांग्रेस का राज, जिसकी सर्वे-सर्वा सोनियां गांधी, दिल्ली में कांग्रेस की सरकार, जिसकी मुखिया शीला दीक्षित। वक्फ की जायदाद की देख-रेख का ज़िम्मा था कांग्रेसी विधायक चौधरी मतीन के पास। एक तरफ सरकारी रिपोर्ट कह रही है देश में मुसलमानों की हालत खस्ता है। लेकिन इसकी किस को परवाह है। आप खुद अंदाज़ा लगाइये।
बाहरी दिल्ली में वक्फ बोर्ड की 62 बीघा ज़मीन 38 लोगों को किराए पर दी गई। किरायदार नंबर 1 राकेश कुमार, ज़मीन 1018 गज़, किराया 255 रुपए। किरायदार नंबर 2 संजय अरोड़ा, ज़मीन 1000 गज़, किराया 255 रूपए। किरायदार नंबर तीन सतीश कुमार गुप्ता, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 4 राजेंद्र कुमार, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 5 नीलम बुधराज, ज़मीन 920 गज़, किराया 230 रूपए। किरायदार नंबर 6 संजीव पुरी, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 7 इंदर दूआ, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 8 हरिंदर सिंह, ज़मीन 1000 गज़, 250 रूपए। किरायदार नंबर 9 आदर्श टंडन, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 10 वंदना अरोड़ा, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 11 नंदिता अरोड़ा, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 11, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 12 अरूण कुमार, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 13 अरण कुमार, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 14 ओमप्रकाश, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 15 रजनीश धींगड़ा, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 16 सतीश कुमार गुप्ता, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 17 नरेश चंद अग्रवाल, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 18, ज़मीन 1055 गज़, किराया 264 रूपए। किरायदार नंबर 19 शिखा चावला, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 20, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 21 लक्ष्मी अरोड़ा, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार 22 मदन गुप्ता, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 23 पुष्प लता, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 24 इंदर पॉल सिंह, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 25 जतिंदर पाल सिंह, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 26 जतिंदर पाल सिंह, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 27 निर्मल यादव ज़मीन 1007 गज़, किराया 252 रूपए। किरायदार नंबर 28 सौरभ यादव, ज़मीन 1006 गज़, किराया 252 रूपए। किरायदार नंबर 29 पुनीत यादव, ज़मीन 1006 गज़, किराया 252 रूपए। किरायदार नंबर 30 संदीप कालिया, ज़मीन 1120 गज़, किराया 280 रूपए। किरायदार नंबर 31 सुनीता कालिया, ज़मीन 1098 गज़, किराया 275 रूपए। किरायदार नंबर 32 आतित्य दुआ, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 33 अरविंद कुमार, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 34 राम अवतार, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 35 सुमन दुआ, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए। किरायदार नंबर 36 अजीत सिंह, ज़मीन 1016 गज़, किराया 254 रूपए। किरायदार नंबर 37, ज़मीन 1007 गज़, किराया 252 रूपए। किरायदार नंबर 38 सुनीता कालिया, ज़मीन 1000 गज़, किराया 250 रूपए।
ये फेहरिस्त पढ़ने के बाद क्या लगता है आपको ? लगता नहीं रखवाल ने ही उजाड़ दिया चमन।
वक्फ जायदाद के लुटेरे....किश्त दो
वक्फ बोर्ड के चैयरमेन रहे चौधरी मतीन के कार्यकाल में जो भी ज़मीनें, प्लाट और दूसरी जायदाद किराए पर दी गईं। या दूसरे कार्य हुए उसकी जानकारी आरटीआई के ज़रिए निकलवाई गई। आरटीआई ने जो जानकारी दी है यक़ीनन चौंका देने वाली है। लेकिन कई जगह वक्फ बोर्ड ने सवालों का जवाब तो दिया है लेकिन बात गोल-मोल की। जवाब पढ़ने के बाद साफ हो जाता है कि वक्फ बोर्ड बहुत कुछ छुपाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन इसी आईटीआई को आधार बनाकर दिल्ली की अली सेना पार्टी, इस मामले को लोकायुक्त के यहां ले गई है। उसने मुकदमे में कांग्रेसी विधायक चौधरी मतीन और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को पार्टी बनाया है। तहरीर में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड में करोड़ों का नहीं अरबों का घोटाला हुआ है। इसकी जांच के आदेश होने चाहिए। अर्ज़ी के साथ दस्तावेज़ी सबूत लगाए गए हैं। इन्हीं दस्वेज़ों के आधार पर अली सेना ने चौधरी मतीन और दिल्ली की मुखिया शीला दीक्षित के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की है। इमामों की तंज़ीम के सदर कहलाए जाने वाले मरहूम जमील इल्यासी के बेटे शुएब इल्यासी को काका नगर में दी गई 462.44 वर्ग गज़ जमीन का भी जिक्र है। ये ज़मीन बिना एडवांस लिए 5000 रूपए प्रतिमाह की दर से दी गई है। जबकि इस इलाके में एक लाख रूपए प्रति गज़ किराए के दाम चल रहे हैं। अर्जी से हटकर एक बात लिखनी पड़ रही कि जमील इल्यासी और अब उनकी जगह इमामत कर रहे उनके बड़े बेटे उमैर इल्यासी तो लालकृष्ण आड़वानी और आरएसएस के खास लोगों में रहे हैं। उनके पास अब भी संघ के लोगों का खासा आना जाना है। लेकिन कांग्रेसियों ने भाजपाइयों पर कैसे एहसान कर दिया,बात समझ से परे है। खैर इसकी असलियत चौधरी मतीन जानते हैं या फिर शीला दीक्षित। कि वो उन पर क्यों मेहरबान हैं। अली सेना के अध्यक्ष एमचांद ने कहा कि है कि वक्फ की जायदाद मुसलमानों की जायदाद है। इस पर से सरकारी दखल हटाना चाहिए। वक्फ की ज़मीनों की देख-रेख का ज़िम्मा सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों की तंज़ीम के पास होना चाहिए। और तंज़ीम से हिसाब मांगने का अख्तियार हर मुसलमान के पास होना चाहिए।
लुट गई वक्फ की जायदाद........किश्त 3
किराएदार नंबर 1 सतबीर सिंह, ज़मीन 273.65 गज़, चंदा लिया 219200, ज़मीन का किराया 822 रूपए महीना। बाकी 45 किराएदारों से वक्फ बोर्ड कोई चंदा नहीं वसूला। किराएदार नंबर 2 रवीद्र पाल सिंह, किराया 252 रूपए, किराएदार नंबर 3 काशीराम, किराया 141 रूपए, किरायदार नंबर 4 महोहिंदर, किराया 96 रूपए, किरायदार नंबर 5 रवींद्र कुमार, किराया 81 रूपए, किरायदार नंबर 6 मोहिंदर, किराया 129 रूपए, किरायदार नंबर 7 बल्लू किराया 75 रूपए, किरायदार नंबर 8 राम कुमार, किराया 81 रूपए, किरायदार नंबर 9 डाली राम, किराया 75 रूपए, किरायदार नंबर 10 जोगंद्र, किराया 78 रूपए, किरायदार नंबर 11 दीवान, किराया 75 रूपए, किरायदार नंबर 12 प्रकाश, किराया 75 रूपए, किरायदार नंबर 13 प्रकाश, किराया 102 रूपए, किरायदार नंबर 14 कर्मबीर, किराया 96 रूपए, किरायदार नंबर 15 प्रकाश , किराया 141 रूपए,किरायदार नंबर 16 होशियारे, किराया 90 रूपए, किरायदार नंबर 17 बलजीत, किराया 90 रूपए, किरायदार नंबर 18 रमेश, किराया 75 रूपए, किरायदार नंबर 19 प्रीतम, किराया 96 रूपए,किरायदार नंबर 20 इंदिरा किराया 96 रूपए, किरायदार नंबर 21 संजय, किराया 75 रूपए, किरायदार नंबर 22 संजय, किराया 96 रूपए,किरायदार नंबर 23, सत्यवान, किराया 96 रूपए,किरायदार नंबर 24 गोपी, किराया 72 रूपए,किरायदार नंबर 25 केला, किराया 78 रूपए, किरायदार नंबर 26 रवींद्र, किराया 277 रूपए,किरायदार नंबर 27 काशीराम, किराया 155 रूपए,किरायदार नंबर 28 रवींद्र, किराया 89 रूपए,किरायदार नंबर 29 मोहिंदर, किराया 142 रूपए,
किरायदार नंबर 30 बल्लू, किराया 83 रूपए,किरायदार नंबर 31 रामकुमार, किराया 89 रूपए,किरायदार नंबर 32, डाली राम, किराया 83 रूपए, किरायदार नंबर 33 जोगिंदर, किराया 86 रूपए, किरायदार नंबर 34 दीवन, किराया 83 रूपए,किरायदार नंबर 35 प्रकाश, किराया 83 रूपए,किरायदार नंबर 36 प्रकाश, किराया 112 रूपए, किरायदार नंबर 37 कर्मबीर, किराया 106 रूपए, किरायदार नंबर 38 प्रकाश किराया 116 रूपए,किरायदार नंबर 39, होशियारे, किराया 99 रूपए,किरायदार नंबर 40, बलजीत, किराया 99 रूपए,किरायदार नंबर 41, रमेश, किराया 83 रूपए, किरायदार नंबर 42 संते, किराया 83 रूपए,किरायदार नंबर 43 संजय, किराया 106 रूपए,किरायदार नंबर 44, पीतराम, किराया 106 रूपए,किरायदार नंबर 45, इंदिरा, किराया 106 रूपए, किरायदार नंबर 46, सत्यवान, किराया 106 रूपए, फेहरिस्त यदि ग़ौर से न पढ़ी हो तो दोबारा ध्यान से देखें। वक्फ बोर्ड किसी पर मेहरबान हुआ तो कई-कई बार हुआ। फेहरिस्त के मुताबिक रवींद्र को चार जगह किराए पर दी गई हैं। जबकि मोहिंदर को तीन, प्रकाश को 5, संजय को 3 और 13 लोगों को दो-दो बार जगह मिली है। फेहरिस्त में किसी मुसलमान का नाम नहीं है। शायद चैयरमेन की नज़र में कोई मुसलमान वक्फ बोर्ड की ज़मीन का हक़दार नहीं था। या फिर दिल्ली में इतने-खाते-पीते मुसलमान हैं कि उन्हें वक्फ बोर्ड की ज़मीन किराए पर चाहिए नहीं। या फिर चैयरमे साहब ने अपने आप को वफादार कांग्रेसी साबित करने के लिए इस फेहरिस्त में किसी मुसलमान को शामिल नहीं किया। मेरा काम लिखने का था और बाक़ी मुसलमानों का काम इस मामले को गंभीरता से सोचने का है। क्या वक्फ बोर्ड पर पहले हक़ किस का था।
लुट गई वक्फ की जायदाद....किश्त 4
वक्फ जायदाद, दुकान नंबर 1270, फखरुल, मस्जिद कश्मीरी गेट दिल्ली, किरायदार सोहन लाल, किराया 35 रूपए,दुकान नंबर 1272 वक्फ फखरुल, मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार सुरेश चंद्र अग्रवाल, 1100 रुपए, दुकान नंबर 1273 वक्फ फखरुल, मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार प्रेम लता, किराया 75। दुकान नंबर 1274, वक्फ फखरुल,मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार मुरली मनोहर कपूर, किराया 439। दुकान नंबर 1275, 1276, वक्फ फखरुल, मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार मोहित लाल बंसल, किराया 1500। स्टोर नंबर 1277, वक्फ फखरुल, मस्जिद कश्मीरी गेट, किराएदार अमित लाल बंसल, किराया 3000। दुकान नंबर 902, छोटी मस्जिद हैमिल्टन रोड कश्मीरी गेट, किरायदार चरणजीत मदन, किराया 32 रूपए। दुकान नंबर 903, छोटी मस्जिद हैमिल्टन रोड कश्मीरी गेट, किरायदार रामकिशन नाजवानी, किराया 195 रुपए। दुकान नंबर 1014, छोटी मस्जिद हैमिल्टन रोड कश्मीरी गेट, किरायदार मनोहर सिंह, किराया 322 रुपए। बाला खाना नंबर 694, वक्फ की वज़ीरुननिसा कश्मीरी गेट, किरायदार अनिल अरोड़ा, किराया 1210 रूपए। दुकान नंबर 697, वक्फ की वज़ीरुननिसा कश्मीरी गेट ने, किरायदार श्याम सुंदर बब्बर, किराया 354 रूपए, दुकान नंबर 697, वक्फ की वज़ीरुननिसा कश्मीरी गेट ने, किरायदार अनिल गाबा,सुनील गाबा, दिनेश गाबा,किराया 733 रूपए। दुकान नंबर 698, वक्फ की वज़ीरुननिसा कश्मीरी गेट ने, किरायदार विजय आर्य, राजीव आर्य,किराया 1000 रूपए। दुकान नंबर 699, वक्फ की वज़ीरुननिसा कश्मीरी गेट ने, किरायदार विनोद कुमार, किराया 215 रुपए। दुकान नंबर 700, वक्फ की वज़ीरुननिसा कश्मीरी गेट ने, किरायदार हरीश चंद्र अरोड़ा, किराया 1210 रुपए। दुकान नंबर 700ए, वक्फ की वज़ीरुननिसा कश्मीरी गेट ने, किरायदार अनिल अरोड़ा, किराया 1210। दुकान नंबर 701, वक्फ की वज़ीरुननिसा कश्मीरी गेट ने, किरायदार ओमप्रकाश, किराया 64 रूपए। दुकान नंबर 2789, मस्जिद काकवान कश्मीरी गेट दिल्ली, किरायदार कुनाल जैन, किराया 2500। दुकान नंबर 460, मस्जिद जीनतबरी कश्मीरी गेट, किरायदार नरेंद्र सेठी, किराया 322। दुकान नंबर 460, किरायदार मीरा कुमारी, किराया 531 रुपए। दुकान नंबर 460, मस्जिद जीनतबरी कश्मीरी गेट, किरायदार गुरमुख मल्होत्रा, किराया 880 रुपए। दुकान नंबर 460, मस्जिद जीनतबरी कश्मीरी गेट, किरायदार गीता भंडारी, किराया 483, दुकान नंबर 460, मस्जिद जीनतबरी कश्मीरी गेट, किरायदार मोहन लाल छाबड़ा, किराया 77 रुपए। दुकान नंबर 711,ऊंची मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार भोला राम, किराया 85 रूपए। दुकान नंबर 712,ऊंची मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार अनिल कुमार गुप्ता, किराया 550, दुकान नंबर 713-14,ऊंची मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार घासी राम, किराया 26 रुपए। दुकान नंबर 715,ऊंची मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार ओमप्रकाश, किराया 243 रपए। दुकान नंबर 718,ऊंची मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार साधू राम, किराया 44 रूपए। दुकान नंबर 720,ऊंची मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार राधे श्याम, किराया 322 रुपए। दुकान नंबर 721,ऊंची मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार बलदेव राज, किराया 17 रुपए। दुकान नंबर 722,ऊंची मस्जिद कश्मीरी गेट, किरायदार राजन छाबड़ा, किराया 880 रुपए। फेहरिस्त बहुत लंबी है....अगली किश्त लिखना मजूबरी है। फेहरिस्त अपने आप बहुत कुछ कहती है। जिन लोगों के पास वक्फ की ये जायदाद है आज वो हैसियतमंद लोग कहलाते हैं। और जिनकी ये कभी जायदाद हुआ करती थी उनके वारिसों की हालत खस्ता है। एक बड़ी तादात ऐसे लोगों की है जो दो वक्त की रोटी के लिए जद्दो-जहद कर रहे हैं। सिरीज़ जारी होने के बाद से लेकर अब तक हमें हज़ारों लोगों ने मेल पर अपनी राय भेजी है। लगता है पाठकों की राय भी किश्तों में जारी करनी पड़ेगी। लेकिन ज़्यादातर पाठकों की एक ही राय है कि वक्फ की जायदाद पर सिर्फ मुसलमानों का हक होना चाहिए। और वक्फ बोर्ड को सरकार से मुक्त कराना चाहिए। वरना जायदाद की लूट जारी रहेगी।
जारी रहेगी अगली किश्त
bhaaijaan vqf qaanun ke tht koi bhi aek saal se zyada ki liz ya kiraayedari nhin ho skti vqf ki proprty kisi ko bhi kiraaye par nhin di ja skti vese rajsthaan men abhi vqf kiraaya qaanun bnaaya gya he jismen aek kiraayedar ko laakhon rupye dena pdh skte hen . is mamale men suprim kort men karyvaahi krvaayen sb thik ho jaayegaa. akhtar khan akela kota rajsthaan
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