हिन्दुवत्ववादी खेमे के सबसे बड़े राजीनीतिक दल में अडवाणी बड़े
या मोदी को लेकर घमासान चल रहा है और हिन्दुवत्व वादी तत्व संशय की स्तिथि में हैं।
अडवाणी जी ने पहले अपनी रथ यात्रा निकाल कर जनता दल की सरकार को ध्वस्त कर दिया था
और फिर बाद में बाबरी मस्जिद ध्वंस करा कर पूरे देश में सांप्रदायिक दंगे करवाए थे
लेकिन पाकिस्तान यात्रा के दौरान जिन्ना की मजार पर जाकर उनका गुणगान भी किया था वहीँ
दूसरी तरफ टनाटन हिन्दुवत्व वादी नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। गोधरा ट्रेन
कांड के बाद पूरे गुजरात में भारतीय नागरिकों का कत्ले आम कराया था और अब उनके खिलाफ
मुंह खोलने वाले आई.पी.एस अफसर संजीव भट्ट निलंबित होकर जेल की हवा खा रहे हैं। डी.डी
बंजारा के समय गुजरात में आतंकवाद के नाम पर सरेआम नौजवानों को गोलियों से एनकाउंटर
के नाम पर मार डाला गया था लेकिन हिन्दुवत्ववादी नरेंद्र मोदी जी का ह्रदय जरा सा भी
नहीं पिघला। नरेंद्र मोदी साहब ने अभी कुछ दिन पूर्व सद्भावना उपवास किया था और एक
चापलूस ने इस्लामी टोपी लगाने के लिये भेट की तो उन्होंने सख्ती से मना कर दिया। अडवाणी
जी अगर होते तो टोपी अवश्य लगा लेते। अब फैसला हिन्दुवत्ववादी शक्तियों को करना है
कि उनका नेता मोदी है या अडवाणी ?
No comments:
Post a Comment