Saturday, December 11, 2010

अल्पसंख्यकों के प्रति नफरतपूर्ण रवैये

गोधरा कांड मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने इस अपराध को'रेयरेस्‍ट ऑफ द रेयर' की श्रेणी का मानते हुए 11 दोषियों को सजा-ए-मौत जबकि 20 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 

अदालत के फैसले को हम नहीं मानते के ये इंसाफ है ये तो बस प्रशासन एवं जुडीशियल के अल्पसंख्यकों के प्रति नफरतपूर्ण रवैया है,

आइये आप भी जानिए उन सभी लोगों की पूरी की पूरी  लिस्ट जो बाबरी मस्जिद के हत्यारे थे और आज भी खुलेआम घूम रहे हैं...सत्ता का सुख भोग रहे हैं...!!! लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक़ जिन लोगों ने भारत देश में सन '92 में खूनी खेल खेलने और दंगा भड़काने और बाबरी मस्जिद शहीद करने में शामिल थे, कि लिस्ट निम्नवत हैं:::
  1. आचार्य धर्मेन्द्र देव, धर्म संसद
  2. आचार्य  गिरिराज किशोर, विश्व हिन्दू परिषद् का वाइस-प्रेसिडेंट
  3. ए. के. सरन, आई. जी. सिक्युरिटी, उत्तर प्रदेश
  4. अखिलेश मेहरोत्रा, एडिशनल सुप्रिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस, फैज़ाबाद
  5. अशोक सिंघल, विश्व हिन्दू परिषद् का प्रेसिडेंट
  6. अशोक सिन्हा, सचिव, उत्तर प्रदेश टूरिज़्म
  7. अटल बिहारी वाजपाई, भारत का पूर्व प्रधानमंत्री
  8. बद्री प्रसाद तोषनीवाल, विश्व हिन्दू परिषद् (मौत हो गयी 1994)
  9. बैकुंठ लाल शर्मा, विश्व हिन्दू परिषद् (पूर्व MP, पूर्वी दिल्ली)
  10. बाला साहेब ठाकरे, शिव सेना
  11. बी पी सिंघल, विश्व हिन्दू परिषद् (अशोक सिंघल का भाई)
  12. ब्रह्मा दत्त द्विवेदी, बी जे पी, (पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश, हत्या कर दी गयी 1998)
  13. चम्पत राय, लोकल कंस्ट्रक्शन मैनेजर
  14. दाऊ दयाल खन्ना, बी जे पी 
  15. डी. बी रॉय, सीनियर सुप्रिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस, फैज़ाबाद (बीजेपी के टिकट से लोक सभा में दो बार एंट्री, बाद में हिन्दू महासभा को ज्वाइन किया)
  16. देवरहा बाबा, संत समाज
  17. गुर्जन सिंह, विश्व हिन्दू परिषद्/आर एस एस
  18. जी एम् लोढ़ा, बीजेपी
  19. एस. गोविन्दचार्या, आर एस एस, (बाद में आरएसएस वालों ने इसे लात मार दिया)
  20. एच वी शेषाद्री, आर एस एस (2005 में मर गया)
  21. जय भगवान् गोयल, शिव सेना (बाद में राष्ट्रवादी शिवसेना बनाई)
  22. जय भान सिंह पवारिया, बजरंग दल (बीजेपी के टिकेट से ग्वालियर से 1999 में एमपी)
  23. के एस सुदर्शन, आर एस एस
  24. कलराज मिश्रा, बीजेपी, (राज्य सभा सदस्य 1963-1968, सदस्य विधान परिषद 1986-2001)
  25. कल्याण सिंह, बीजेपी, उत्तर प्रदेश का पूर्व मुख्यमंत्री
  26. खुशाभाऊ ठाकरे, आर एस एस, (मौत 2003)
  27. लालजी टंडन, बीजेपी
  28. लल्लू सिंह चौहान, बीजेपी
  29. एल के आडवानी, बीजेपी
  30. महंत नृत्य गोपाल दास, प्रेसिडेंट राम जन्मभूमि न्यास, सदस्य विश्व हिन्दू परिषद्
  31. महंत  अवैध्य नाथ, हिन्दू महासभा (गोरखपुर से चार बार एम पी)
  32. महंत परमहँस राम चन्द्र दास, विश्व हिन्दू परिषद्
  33. मोरेश्वर दिनानंत सवे, शिवसेना
  34. मोरपंथ पिंगले, शिवसेना
  35. मुरली मनोहर जोशी, बीजेपी
  36. ओम पकाश सिंह (पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश)
  37. ओंकार भवा, विश्व हिन्दू परिषद्/आर एस एस 
  38. प्रमोद महाजन, बीजेपी (अपने ही भाई के हांथो मारा गया 2006 में)
  39. प्रवीण तोगड़िया, विश्व हिन्दू परिषद्/आर एस एस
  40. प्रभात कुमार, मुख्य गृह सचिव, उत्तर प्रदेश शासन
  41. पुरुषोत्तम नारायण सिंह, विश्व हिन्दू परिषद्
  42. राजेन्द्र गुप्ता, मंत्री, उत्तर प्रदेश
  43. राजेन्द्र सिंह उर्फ़ रज्जू भैया, आर एस एस
  44. रामशंकर अग्निहोत्री, विश्व हिन्दू परिषद्
  45. राम विलास वेदांती, बीजेपी से दो बार एम पी
  46. आर  के गुप्ता, बीजेपी, वित्त मंत्री, उत्तर प्रदेश
  47. आर एन श्रीवास्तव, डीएम, फैज़ाबाद
  48. साध्वी ऋतंभरा, संत समाज/ विश्व हिन्दू परिषद्
  49. शंकर सिंह वाघेला, बीजेपी
  50. सतीश प्रधान, शिव सेना
  51. श्री चन्द्र दीक्षित, बीजेपी, (प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट, एस डी एम, पी सी एस- 1948-1950, आई पी एस सेवा, एस पी-बाराबंकी, फैज़ाबाद, एटा, अतिरिक्त एस पी-लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर कुम्भ मेला, एस एस पी, अलीगढ़, वाराणसी, डी आई जी ऑफ़ पुलिस बरेली मेरठ गोरखपुर- 1950-1970, बीजेपी से एम पी डिप्टी डाइरेक्टर इंटेलीजेन्स ब्यूरो- 1970-1975, आईजी, सीआईडी इंटेलीजेन्स, डाइरेक्टर जनरल ऑफ़ होमगार्ड व सिविल डिफेन्स, उत्तर प्रदेश, DGP-पुलिस, उत्तर प्रदेश 1982-1984)
  52. सीता राम अगरवाल, विश्व हिन्दू परिषद्
  53. एस पी गौर, कमिश्नर, IAS ऑफिसर
  54. सुन्दर सिंह भंडारी, बीजेपी, पुराना जनसंघी 
  55. सूर्य प्रताप साही, मंत्री, कल्याण सिंह कैबिनेट
  56. स्वामी चिन्मयानन्द, विश्व हिन्दू परिषद्. मंत्री वाजपई मंत्रालय  
  57. स्वामी सच्चिदानन्द उर्फ़ साक्षी महाराज, बीजेपी, बाद में सपा
  58. एस वी एम त्रिपाठी, DGP, उत्तर प्रदेश
  59. स्वामी सतमित राम जी, संत समाज
  60. स्वामी सत्या नन्द जी, संत समाज
  61. स्वामी वाम देव जी, संत समाज
  62. उमा भारती, विश्व हिन्दू परिषद्/ आर एस एस 
  63. यू पी बाजपाई, DIG, फैज़ाबाद
  64. विजयराजे सिंधिया, बीजेपी
  65. वी के सक्सेना, मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश
  66. विनय कटियार, आर एस एस/ बीजेपी
  67. युद्धनाथ पाण्डे, शिव सेना
*नीले रंग वालों को गौर से पढ़ें और जाने, ये वो लोग है जो उत्तर प्रदेश के शासन और प्रशासन में उच्च पदों पर कार्यरत थे और बाद में भी रहे... !!!

क्या ये दोषी नहीं है भारतीय अदालत के नजर में?, किया ये अदालत की नजर में  'रेयरेस्‍ट ऑफ द रेयर' की श्रेणी में नहीं आते? अदालत ने आजतक इन्हें क्यों नहीं फैसला सुनाई क्योंके ये अल्पसंख्यक नहीं थे, सजा तो दूर इन्हें उलटे में इनाम से नवाजा गया फिर हम कैसे मान ले के अदालत का फैसला सही है....

 अल्पसंख्यकों अब तुम्हे भूलना होगा के तुम्हे भारतीय अदालत में इंसाफ मिलेगाभारतीय अदालत तो आस्था के नाम पर किये गए नरसंहार को भी क़ानूनी मान्यता देना शुरू कर दिया हैआप इलाहबाद के लखनऊ बेंच के बाबरी मस्जिद केस के फैसले से तो समझ में ही गए होंगे, आज हमारी अदालतें जाति और धर्म देख कर फैसला देना शुरू कर दिया

06 दिसम्बर 1992 को भगवा गिरोह द्वारा बाबरी मस्जिद तोड़ने की गुण्डागर्दी की गयी तथा यहाँ के सोलह मुसलमानों को जिन्दा जला दिया गया तथा डेढ़ सौ से अधिक मुस्लिम घरों को आग के हवाले कर दिया गया। इन तत्वों को अभी तक सजा नहीं मिली है  क्योंजबकि देश का न्यायालय इससे सामान्य मामले में भी मुस्लिमों को सजा सुनाने में देर नहीं करता है। बाबरी मस्जिद तोड़े जोने की घटना देश का संविधानएकता एवं धर्मनिरपेक्षता पर हमला थी। इस घटना से देश में तमाम जगहों पर दंगे लूटपाट एवं खून खराबा हुआ। मुम्बई दंगो के मामले पर श्रीकृष्ण आयोग की रपट पर कोई कारवाई नहीं हुई है।

22 दिसम्बर 1949 में अयोध्या के बाबरी मस्जिद में मूर्ति रखने वालों को सजा दिलायी गयी होती तो 06 दिसम्बर 1992 की घटना नहीं होती। यदि बाबरी मस्जिद तोड़ने वालों को सजा दिलायी गयी होती तो गुजरात के गोधरा काण्ड के पश्चात हजारों मुसलमानों का संहार नहीं होता। यदि ऐसा ही चलता रहा तो भारत के अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमान और ईसाईयों का शासनप्रशासन एवं न्यायालय से विश्वास खत्म होगा। वे लोग अपना निर्णय स्वयं लेने को मजबूर हो जावेंगे। शासन प्रशासन एवं जुडीशियल के अल्पसंख्यकों के प्रति नफरतपूर्ण रवैये से लोकतंत्र को भारी नुकसान पहुँच सकता है

8 comments:

  1. You are waiting for justice ,Dalits are waiting for justice ,OBC are waiting for justice and poor people are waiting for justice and untouchables are waiting for justice ,all are in queue

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  2. Atal Bihari Vajpaye Aise Nahi Hai Sahab..Unka History padha hai. aj Musalman Arab Ja Rahe Hai Ye Unke Hi Videshmantri Kal Me Hua Iski Pahal Unhone Hi Soudia Arab Sarkar Se Ki Thi.

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    1. 06 दिसम्बर 1992 में खूनी खेल खेलने और दंगा भड़काने और बाबरी मस्जिद शहीद करने से ठीक पहले अटल बिहारी भाजपेई का भाषण सुनने की कृपा करें....!!

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    2. Ali bhai bilkul sahi kaha aapne atal bhi to kutta hi h BJP ka

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  3. Jo log Bhi babari masjid matlab Allah ke Ghar ko Shahid karane me involed rahe hai ,onlogo ko Allah or sari insaniyyat kabhi maf nahi karegi or Allah ekdin saja jaror Dega inshallah

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  4. क्या इंसाफ की उम्मीद रखना भारत मैं मुसलमानो के लिए एक सपना है ?हम कब तक ये कहते रहेंगे की हमे अदालत पर भरोसा है जबकि ये बार बार टूटता ही रहता है

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