बिहार के भागलपुर जिले में सुल्तानगंज प्रखंड अंतर्गत
बाथ थाना क्षेत्र अंतर्गत कटिकरी गांव में बीते 10 वर्ष से घर में बंद सुनैना झा उर्फ
सुमन झा (42) को खुली हवा में सांस लेने का मौका मिल गया है।
पिता वाल्मिकी झा और अन्य परिजनों ने पीड़िता को
मानसिक रूप से विक्षिप्त करार देकर बीते 10 साल से घर में एक कमरे में बंद कर रखा था।
बाद में मीडिया के संज्ञान में आने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और राज्य महिला आयोग
ने सूचना पाकर सुनैना को मुक्त कराया।
महिला आयोग की अध्यक्ष कहकशां परवीन खुद सुनैना
के घर गयी और पुलिस अधीक्षक संजय सिंह की मौजूदगी में दरवाजे पर लगे ताले को तोड़कर
पीडित को मुक्त कराया गया। इस अवसर पर स्वयंसेवी संगठनों के कई सदस्य भी उपस्थित थे।
बाद में सुनैना को मुक्त कराकर नये कपड़े पहनाये गये और उसे जवाहर लाल नेहरु कालेज अस्पताल
में भर्ती कराया गया है।
चिकित्सकों ने जांच के बाद बताया है कि पीडिता कुपोषण
की शिकार है। वह पागल नहीं है। पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है। पिता सहित परिवार
के सदस्यों से पूछताछ की जाएगी। विवाह के बाद सुनैना के पति राजू झा ने उसे छोड दिया
था, जिससे पीड़िता की मानसिक हालत बिगड़
गयी।
बाद में महिला आयोग की अध्यक्षा कहकशां परवीन ने
बताया कि आयोग के प्रमुख की जिम्मेदारी पूरी करते बेहद सुकून मिल रहा है। पिता द्वारा
कैदी की तरह व्यहार करना अमानवीय बरताव शर्मनाक है। आयोग मामले की सुनवाई करेगा तथा
दोषी को सजा दी जायेगी।
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