दिल्ली हाई कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के वकील मनोहर लाल शर्मा ने एक रिट
पेटीशन डाली जिसे नमबर मिला डब्ल्यू पी (सी) ३४१२/२०१२ संविधान के अनुच्छेद २२६ के
आधार पर यह पेटीशन दाखिल की गयी है इस पेटीशन में वादी ने बहुत सारे आरोप लगाए हैं
जिनमें कुछ तो सहसा अविश्वसनीय लगते हैं
इसी पेटीशन में आरोप है कि टीम अन्ना के कुछ सदस्य सी आई ए से सम्बंधित हैं
इस केस में केंद्र सरकार को भी पार्टी बनाया गया है माननीय हाई कोर्ट ने अपने आदेश
में कहा कि केंद्र सरकार तीन महीने के अंदर
सभी आरोपों की जांच पूरी कर ले उसके बाद ही मनोहर लाल शर्मा के आरोपों पर
माननीय हाई कोर्ट विचार करेगा यह जांच का
आदेश ३० मई २०१२ को दिया गया था यानी ३०
अगस्त २०१२ तक जांच के नतीजे हाई कोर्ट में दाखिल किये जाने हैं देखिये क्या होता है
दिल्ली
हाई कोर्ट ने ३० मई २०१२ के दिन एक फैसला
सुनाया था जिसमें आदेश दिया गया था कि केंद्र सरकार वादी मनोहर लाल शर्मा की याचिका में पेश किये गए आरोपों की जांच करे इस
केस में केंद्र सरकार को प्रतिवादी नंबर
एक पर रखा गया है केंद्र सरकार के अलावा जो अन्य लोग प्रतिवादी थे उनके नाम हैं फोर्ड फाउंडेशन अन्ना हजारे मनीष सिसोदिया अरविंद
केजरीवाल प्रशांत भूषण शान्ति भूषण और किरण बेदी माननीय
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पेटीशन में जो भी प्रार्थना की गयी है उसकी
जांच प्रतिवादी नंबर एक अधिक से अधिक तीन महीने में पूरी
करके इस अदालत के सामने हाज़िर हों उसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा इस केस में
प्रतिवादी नंबर एक पर केंद्र सरकार का नाम दर्ज है सरकार को जांच करने के लिए तीन महीने का समय
दिया गया था
संविधान के अनुच्छेद २२६ के तहत सुप्रीम कोर्ट
के एडवोकेट मनोहर लाल शर्मा ने पी आई एल दाखिल किया था जिसमें भारत सरकार के अलावा
टीम अन्ना के कुछ सदस्यों को पार्टी बनाया थापेटीशन में आरोप लगाया गया है कि
फोर्ड फाउंडेशन एक अमरीकन ट्रस्ट है जो
दुनिया भर में सरकार विरोधी आन्दोलनों को
समर्थन देता है फंड देता है और उनके मारफत उन
देशों पर अपना एजेंडा लागू करता है फोर्ड फाउंडेशन ने रूस इजरायल अफ्रीका आदि देशों में सिविल
सोसाइटी नाम के ग्रुप बना रखे हैं इन के
ज़रिये वे बुद्धिजीवियों पत्रकारों कलाकारों उद्योगपतियों और नेताओं को अपनी
तरफ खींचते हैं तरह तरह के आकर्षक नारे देकर लोगों को आकर्षित करते हैं और सरकार
के खिलाफ आन्दोलन करवाते हैं पेटीशन में
आरोप लगाया गया है कि फोर्ड फाउंडेशन
अमरीकी खुफिया एजेंसी सी आई ए का फ्रंट भी है पेटीशन में लिखा है कि टीम अन्ना के लोग
संयुक्त रूप से फोर्ड फाउंडेशन से धन लेते रहे हैंआरोप है कि फोर्ड फाउंडेशन के रीजनल डाइरेक्टर ने कुबूल किया है कि उन्होंने
अरविंद केजरीवाल की कबीर नाम की एन जी ओ को फंड दिया था फोर्ड फाउंडेशन के वेबसाईट
से भी पता चलता है कि २०११ में ही फोर्ड फाउंडेशन ने कबीर को दो लाख अमरीकी डालर
दिया था साथ में सबूत भी पेटीशन के साथ नत्थी है और भी बहुत सारे आरोप हैं जिनपर
सहसा विशवास नहीं होता क्योंकि हमारा मानना है कि
देश प्रेम से लबरेज़ टीम अन्ना वाले
और कुछ भी करें वे सी आई ए से तो पैसा नहीं ले सकते
लेकिन जबा हाई कोर्ट ने आदेश दे दिया है तो सारी बातें जांच के बाद साफ़ हो
जायेगीं उम्मीद की जानी चाहिए कि जाँच में ऐसा कुछ न मिले जिस से टीम अन्ना को कोई नुकसान हो.
These things have been said by govt. ministers since last year, they got all funds of anna team investigated (unofficially), Arvind himself made all info public where it and it was revealed that arvind's ngo took funds but it was stopped 3 years ago.
ReplyDeleteif these allegations had some truth, ppl like sibal wud have put anna team behind bars long ago.
So just like this ML sharma files fake petitions against team anna (3 of them against team have been dismissed)for publicty, plz stop writing this fake info for cheap publicity for ur blog
I agree with shri Aditya ! , Please try to focus the real culprits who sold our Nation and not those who are fighting against corruption .
ReplyDeleteI agree with Shri Aditya ..!! , please try to focus those real culprits first who sold our nation , and not to them who are fighting against corruption
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