लखनऊ: पति को शराब का अवैध कारोबार बंद करने की बात कहना
पत्नी को बहुत महंगा साबित हुआ, दरिन्दे पति ने जो किया उस
से मानवता भी शर्मशार हो गई, घटना लखनऊ के पास के ही केडौरा
गाँव की है, पति ने पत्नी पर चरित्रहीन होने का आरोप लगा कर
उसके साथ जो सलूक किया उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। पति शिवकुमार ने पत्नी के
हाथ-पैर बांध कर मुंह में कपड़ा ठूंसा और बल्ली में उल्टा लटकाकर पीटा. उसे गंजा
कर दिया । जब इससे भी उसका मन नहीं भरा तो अमानवीयता की सारी हदें पार करते हुए
पत्नी के गुप्तांगों में मिर्च का पावडर भर दिया, इस मामले
में पुलिस ने कार्यवाही भी सूचना मिलने के बाद दूसरे दिन की. पीडिता का क्रूर पति घटना के बाद से फरार है।
सूत्रों के अनुसार बुधवार की रात करीब 11
बजे की इस घटना में शिवकुमार की पत्नी ने उसे अवैध शराब बनाने से मना किया। इस बात
पर आगबबूला होकर शिवकुमार ने पत्नी पर चरित्रहीनता का आरोप लगाकर मार-पीट शुरू कर
दी। उसके बाद पत्नी के हाथ-पैर बांधकर मुह में कपड़ा ठूंस दिया और घर के भीतर लगे
टीनशेड की बल्ली से बांधकर उल्टा लटका दिया। पत्नी के शरीर पर बिजली के तार बरसाए।
दरिंदगी और अमानवीयता की सारी हदें पार करते हुए उसने पत्नी के गुप्तांगों में
मिर्च का पावडर डाल दिया और पत्नी के सिर के बाल मूंड दिए।
इस घटना के दौरान शराब खरीदने एक व्यक्ति आ गया। क्रूर
शिवकुमार शराब देने घर से बाहर निकला तो मौका पाकर उसकी पत्नी घर से भागकर पड़ोसी
बुधई के घर में चली गई। शिवकुमार वहां भी मारपीट करने पहुंच गया। शोर सुनकर
ग्रामीण एकत्र हो गए तो महिला मौका पाकर गांव में ही रहने वाले अपने मौसा तुला के
घर पहुंच गई। वहां से उसने फोन कर मामले की जानकारी सौरा गांव निवासी अपने पिता को
दी। वह रात में ही केडौरा पहुंचे और करीब डेढ़ बजे रात को बेटी को लेकर माल थाने
गए। थाने से उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि सुबह आना। घर वाले महिला को लेकर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गए पर
वहां महिला चिकित्सक न होने से उसे लौटा
दिया गया। जेहन में निर्दयी पति का खौफ लिए महिला ने परिवारीजन के साथ थाने के
सामने सड़क पर ही रात बिताई। जब मामले की जानकारी मीडिया को हुई तो पुलिस हरकत में
आई। घटना से आक्रोशित लोग हंगामा करने की तैयारी कर रहे थे। इसकी भनक लगते ही सीओ
मलिहाबाद राजेश सक्सेना व एसओ माल जगदीश यादव केडौरा गांव पहुंचे और महिला को
सीएचसी लाए। फिर उसे लखनऊ भेज दिया गया है। हालाँकि इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आने पर एसओ जगदीश यादव
को लाहन हाजिर करने के साथ ही एसआइ सत्यदेव सिंह व कांस्टेबल राम शंकर को निलंबित
कर दिया है। परन्तु पुलिस भी ऐसे मामलो में संवेदनशीलता के परिचय नहीं देती. ये उजागर
हो गया है।
इस तरह की घटनाएं समाज में इंसानों के बीच
मौजूद कुछ दरिंदों की दरिंदगी से इंसानियत को शर्मसार करती हैं। ऐसी घटनाएं हमें
आक्रोशित भी करती हैं लेकिन हम सही समय पर प्रतिरोध क्यों नहीं करते? अगर सही समय पर हम
इंसानियत का फर्ज निभाएं तो बहुत सी घटनाएं क्रूरता की हदें पार नहीं कर सकतीं।
इंदौर की छः साल की शिवानी को बचाया जा सकता था, अगर
पड़ोसियों ने सही समय पर थोड़ी सी भी कोशिश की होती। इस महिला के साथ हुए अत्याचार
को भी रोका जा सकता था, यदि उसके पड़ोसी हस्तक्षेप करते ।
अत्याचार करने वालों के हौसलें इसीलिए बुलंद रहते है क्योंकि उन्हें यही लगता है
कि कोई पड़ोसी उनके बीच में नहीं बोलेगा, आप बीच में न भी
बोले, पर पुलिस को या किसी मददगार संस्था को तो फोन कर सकते
है।
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