महिषासुर
शहादत दिवस को लेकर जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में तनाव
→ ऑल इंडिया बैकवर्ड स्टूडेंट फोरम (AIBSF) द्वारा लगाये गये कुछ पोस्टडर को फाड़ दिया गया
है।
→ AIBSF की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) शाखा भी स्थानीय
स्तर पर शहादत दिवस का आयोजन करेगी जबकि लखनऊ यूनिवर्सिटी व भीमराव अंबेडकर
यूनिवर्सिटी, बिहार के छात्र बड़ी संख्या में शहादत दिवस में
भाग लेने 29 अक्टूबर को जेएनयू आएंगे।
राजा महिषासुर |
जवाहर
लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में महिषासुर शहादत दिवस के आयोजन को लेकर तनाव का महौल बनने लगा है। ऑल
इंडिया बैकवर्ड स्टूडेंट फोरम (AIBSF) द्वारा लगाये गये कुछ
पोस्टर को फाड़ दिया गया है। पोस्टर में संगठन ने महिषासुर को भारत के
आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों का पूर्वज बताते हुए 29 अक्टूबर
(शरद पूर्णिमा) को उनकी शहादत मनाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया था।
ऑल
इंडिया बैकवर्ड स्टूडेंट फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र यादव व जेएनयू अध्यक्ष
विनय कुमार ने बताया कि तीन दिन पहले कैंपस में इससे संबंधित 30 बड़े पोस्टर
विभिन्न स्थानों पर लगाये गये थे। इन पोस्टरों में अकादमिक जगत की प्रतिष्ठित
पत्रिका ‘फारवर्ड प्रेस’ में प्रकाशित कवर स्टोरी में प्रकाशित शोध को दर्शाया
गया था, जिसके अनुसार ‘असुर’ एक
जनजाति है, जो आज भी झारखंड में पायी जाती है।
सुषमा असुर |
छात्र
नेताओं के अनुसार, संगठन के सदस्यों ने उन स्थानों पर, जहां पोस्टर
लगाये गये थे, का मुआयना करने पर पाया कि लाइब्रेरी के सामने
व केसी मार्केट कांप्लेक्स में लगाये गये पोस्टर फाड़ दिये गये हैं। संगठन यह
मुद्दा जेएनयूएसयू व विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने उठाएगा। उन्होंने आरोप
लगाया कि पोस्टर दक्षिणपंथी-हिंदूवादी राजनीति से जुड़े असामाजिक तत्वों ने
फाड़े हैं।
छात्र
नेताओं ने बताया कि कैंपस में महिषासुर शहादत दिवस मनाने की तैयारी जोरों पर चल
रही है। ऑल इंडिया बैकवर्ड स्टूकडेंट फोरम (AIBSF) की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) शाखा भी स्थानीय स्तर पर बीएचयू में शहादत दिवस का आयोजन करेगी, जबकि लखनऊ यूनिवर्सिटी व भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी, बिहार के विद्यार्थी बड़ी संख्या में शहादत दिवस में भाग लेने 29 अक्टूबर
को जेएनयू आएंगे। उन्होंने कहा कि महिषासुर शहादत दिवस भारत के बहुजनों के सांस्कृति
आजादी की लड़ाई है, अपनी जड़ों की ओर लौटना है तथा अपने
पूर्वजों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है।
AIBSF के अनुसार, विजयादशमी को राष्ट्रीय शर्म दिन के रूप
में घोषित करने के लिए आंदोलन किया जाएगा क्योंकि यह हमारे पूर्वजों के हत्या का
जश्न है।
शिबू
सोरेन ने महिषासुर को अपना पूर्वज बताते हुए कहा है कि मुझे ‘असुर होने पर गर्व
है’।
जेएनयू
कैंपस में AIBSF द्वारा लगाये गये बड़े-बड़े में पोस्टर में कहा गया है कि महिषासुर इस देश
के बैकवर्ड समाज के नायक थे, जिनकी हत्या आर्यों ने दुर्गा
के माध्यम से की। पोस्टर के पहले पेज पर झारखंड की ‘असुर’ जाति की कवयित्री सुषमा
असुर की तस्वीर यह कहते हुए दी गयी है कि ‘देखो मुझे, महाप्रतापी
महिषासुर की वंशज हूं मैं’।
जेएनयू की दीवार पर चिपके पोस्टर |
पोस्टर
के एक अंश में अकादमिक पत्रिका ‘फारवर्ड प्रेस’ में प्रकाशित झारखंड के वरिष्ठ
नेता व पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन से बातचीत दी गयी है। शिबू सोरेन ने
महिषासुर को अपना पूर्वज बताते हुए कहा है कि मुझे ‘असुर होने पर गर्व है’। पोस्टर
के माध्यम से कहा गया है कि ‘फारवर्ड प्रेस’ के अक्टूबर, 2012 अंक में प्रकाशित
आवरण कथा में आदिवासी मामलों के विख्यात अध्येता अश्विनी कुमार पंकज ने दशहरा को
असुर राजा महिषासुर और उसके अनुयायियों के आर्यों द्वारा वध और सामूहिक नरसंहार का
अनुष्ठान बताया है, इसलिए भारत के बहुजनों को दुर्गा की पूजा
का विरोध करना चाहिए। संगठन ने कहा है कि विजयादशमी को राष्ट्रीय शर्म दिन के रूप
में घोषित करने के लिए आंदोलन किया जाएगा, क्योंकि यह हमारे पूर्वजों
के हत्याओं का जश्न है।
एआईबीएसएफ
के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र यादव का कहना है कि राजा महिषासुर की हत्या के बाद
पूर्णिमा की रात को असुरों ने शोक सभा की थी। इसलिए संगठन देश भर में इस दिन (शरद
पूर्णिमा) को शहादत दिवस के रूप में मनाएगा।
गौरतलब
है कि पिछले वर्ष जेएनयू में महिषासुर-दुर्गा पोस्टर के कारण बैकवर्ड फोरम और
विद्यार्थी परिषद के छात्रों से हुई मार-पीट और मुकदमेबाजी हुई थी। इस संबंध में
जेएनयू प्रशासन ने संगठन के प्रमुख जितेंद्र यादव को धार्मिक भावनाओं के आहत करने
के कारण नोटिस जारी किया था जिसके कारण इस मामले ने और तूल पकड़ लिया था। परंतु
अंततः विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मामले में माफी मांगनी पड़ी थी।
एआईबीएसएफ
के जेएनयू अध्यक्ष विनय कुमार ने जानकारी दी कि शहादत दिवस के लिए सभी तैयारियां
पूरी कर ली गयी हैं। इस अवसर पर ‘युद्धरत आम आदमी’ पत्रिका की संपादक व आदिवासी
मामलों पर काम करने वाली चर्चित लेखिका रमणिका गुप्ता, बिहार के चर्चित साहित्यकार
प्रेमकुमार मणि समेत बैकवर्ड समाज के जाने-माने बुद्धिजीवी और पत्रकार उपस्थित
रहेंगे।
संपर्क:
→ जितेंद्र यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, एआईबीएसएफ (All India
Backward Students’ Forum), 345, सतलज, जेएनयू,
मोबाइल – 9716839326, 4859439496
→ विनय कुमार, जेएनयू अध्यक्ष, एआईबीएसएफ158, साबरतमी जेएनयू मोबाइल – 9871387326
राजनीति के लिए किसी भी हद तक चले जाना ये प्रवृति केवल मेरे भारत महान मे ही है !
ReplyDeleteकई बार लगता है की हिन्दुत्व की उदारता ने इसके अनुयायियो ने लालच मे आकर को कितना बाँट दिया है